मध्य प्रदेश में बीजेपी-कांग्रेस आमने सामने, दोनों पार्टियां आंदोलन के जरिए आमजन को आकर्षित करने में जुटीं
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: September 9, 2019 19:35 IST2019-09-09T19:35:22+5:302019-09-09T19:35:22+5:30
Madhya Pradesh: भाजपा 11 सितंबर को कांग्रेस सरकार की नीतियों के खिलाफ घंटानाद आंदोलन की तैयारी में जुटी है और कांग्रेस ने भी इसका जवाब देने की तैयारी कर ली है.

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भाजपा के घंटानाद आंदोलन के खिलाफ कांग्रेस ने भी भाजपा के खिलाफ आंदोलन की तैयारी की है. कांग्रेस भी 11 सितंबर को कांग्रेस आई, नई सुबह लाई, आंदोलन कर रही है. भाजपा जहां अपने आंदोलन के तहत कांग्रेस की कमलनाथ सरकार की नीतियों को लेकर हमला बोलेगी, वहीं कांग्रेस लोगों के बीच जाकर यह बताएगी कि कांग्रेस की सरकार बनने के बाद प्रदेश में क्या बदलाव किए गए.
भाजपा 11 सितंबर को कांग्रेस सरकार की नीतियों के खिलाफ घंटानाद आंदोलन की तैयारी में जुटी है और कांग्रेस ने भी इसका जवाब देने की तैयारी कर ली है. कांग्रेस भी 11 सितंबर से एक आंदोलन शुरू कर रही है और इस आंदोलन का नाम है कांग्रेस आई, नई सुबह लाई.
यानी एक तरफ भाजपा, कांग्रेस सरकार की नीतियों पर हमला बोलेगी तो कांग्रेस बताने की कोशिश करेगी कि कांग्रेस की सरकार आने के बाद किस तरह से मध्यप्रदेश में बदलाव हुआ है. साथ ही 2 अक्तूबर से कांग्रेस जिला स्तर पर पदयात्राओं का आयोजन करने जा रही है, जिसमें प्रभारी मंत्री भी शामिल होंगे.
कांग्रेस का इसके पीछे उद्देश्य है कि कांग्रेस ज्यादा ज्यादा लोगों से संपर्क बना सके. दरअसल आने वाले दिनों में नगरीय निकाय चुनाव और झाबुआ उपचुनाव होना है और भाजपा की कोशिश है कि चुनावों में बेहतर प्रदर्शन कर जनता को बताया जा सके कि कांग्रेस सरकार वादों पर खरी नहीं उतरी तो कांग्रेस की कोशिश है कि वो अपने सरकार के कामकाज पर मुहर लगवाए.