मध्य प्रदेशः झोपड़ी में युवक को पेट्रोल डालकर जिंदा जलाया, पुलिस ने जांच में कहा- आत्महत्या, जानिए पूरा मामला

By शिवअनुराग पटैरया | Updated: November 3, 2020 18:46 IST2020-11-03T18:45:20+5:302020-11-03T18:46:11+5:30

भोपालः थाना प्रभारी और कोलार पुलिस ने आत्महत्या का प्रकरण समझ मामला दर्ज कर लिया. इस मामले को लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने डीआईजी भोपाल से जवाब मांगा है. मानव अधिकार आयोग के अनुसार  पुलिस ने मान लिया था कि युवक ने शराब के नशे में अपनी झोपड़ी में आग लगा ली होगी.

Madhya Pradesh bhopal murder case Youth burnt alive pouring petrol hut police investigation Suicide | मध्य प्रदेशः झोपड़ी में युवक को पेट्रोल डालकर जिंदा जलाया, पुलिस ने जांच में कहा- आत्महत्या, जानिए पूरा मामला

इस मामले में आयोग ने पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी), भोपाल से तीन सप्ताह में प्रतिवेदन मांगा है.

Highlights26 अक्तूबर की रात विनोद अहिरवार को उसी की झोपड़ी में बंद कर पेट्रोल डालकर जिंदा जला दिया गया था.पुलिस तब सक्रिय हुई, जब उसे विनोद की ओर से सीएम हेल्पलाइन में की गई शिकायत का पता चला. रात में आकाश व सूरज पेट्रोल और लाठी डंडे लेकर पहुंचे. उन्होंने विनोद को पीटा और झोपड़ी को बाहर से बंद कर दिया.

भोपालः भोपाल शहर में पुलिस जांच में घोर लापरवाही का एक गंभीर मामला कोलार थाने में सामने आया है. गरीब नगर इलाके में 26 अक्तूबर की रात विनोद अहिरवार को उसी की झोपड़ी में बंद कर पेट्रोल डालकर जिंदा जला दिया गया था.

दूसरे दिन थाना प्रभारी और कोलार पुलिस ने आत्महत्या का प्रकरण समझ मामला दर्ज कर लिया. इस मामले को लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने डीआईजी भोपाल से जवाब मांगा है. मानव अधिकार आयोग के अनुसार  पुलिस ने मान लिया था कि युवक ने शराब के नशे में अपनी झोपड़ी में आग लगा ली होगी.

पुलिस तब सक्रिय हुई, जब उसे विनोद की ओर से सीएम हेल्पलाइन में की गई शिकायत का पता चला. जांच में सामने आया कि शाम को विनोद का सूरजनाथ और आकाश पोरपंत से झगड़ा हुआ था. रात में आकाश व सूरज पेट्रोल और लाठी डंडे लेकर पहुंचे. उन्होंने विनोद को पीटा और झोपड़ी को बाहर से बंद कर दिया.

इसके बाद आरोपियों ने झोपड़ी के चारों ओर पेट्रोल डालकर आग लगा दी थी. परन्तु कोलार पुलिस ने आत्महत्या का प्रकरण समझ मामला दर्ज कर लिया था. पुलिस ने अब अपनी गलती छुपाने के लिये इस मामले में हत्या की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. इस मामले में आयोग ने पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी), भोपाल से तीन सप्ताह में प्रतिवेदन मांगा है.

अंधेरे में डूबी शहर की दो सड़कें, हर महीने ले रही लोगों की जान:  भोपाल शहर की दो प्रमुख सड़क अपने डिजाइन और तकनीकी खामियों की वजह से लोगों के लिये जानलेवा साबित हो रही है. पिछले एक साल में इन दोनो सड़कों पर एक दर्जन से ज्यादा दुर्घटनाएं हुई है, जिनमें 6 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. इस माले में मप्र मानव अधिकार आयोग ने संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगा है.

आयोग के अनुसार पहली सड़क मिसरोद से होशंगाबाद की तरफ जाने वाली अंडर कंस्ट्रक्शन 10 लेन प्रोजेक्ट की रोड है, जिसपर दिल्ली की प्रायवेट कम्पनी सीडीएस इंफा बहुत ही बेतरतीब तरीके से काम कर रही है और एमपीआरडीसी अपने इस प्रोजेक्ट की बिल्कुल भी निगरानी नहीं कर पा रहा है. एक दूसरी सड़क कटारा हिल्स से भेल क्षेत्र को जोड़ने वाली बरखेड़ा पठानी रोड है, जो लगभग 2 किलोमीटर की लम्बाई में ऊपर-नीचे अजीब तरीके से बनाई गई है. जिसपर तेज गति से गाड़ी चलाने पर गाड़ी का संतुलन अपने आप बिगड़ जाता है और वाहन चालक दोनों तरफ मौजूद खेतों में जाकर दुर्घटनाग्रस्त हो जाता है.

पिछले एक साल में इस सड़क पर कई लोगों की दुर्घटना हुई हैं, तीन की मौत हो चुकी है, जबकि बाकी हादसे का शिकार हो चुके है. इस सड़क की खामी यह है कि यहां लेवलिंग का काम पिछले कई सालों से नहीं हुआ और पिछले 15 साल से यहां आज तक एक भी स्ट्रीट लाइट का खम्बा नहीं लगाया गया.

रात के वक्त यहां घनघोर अंधेरे में वाहन चालक जैसे-तैसे सफर तय करते हैं. कई नागरिक इस रोड पर दुर्घटनाग्रस्त हो रहे है. एक स्थानीय समाचार पत्र में प्रकाशित इंडेप्थ रिपोर्ट पर संज्ञान लेकर आयोग ने इस मामले में इंजीनियर-इन-चीफ, लोक निर्माण विभाग, म.प्र. शासन, आयुक्त नगर निगम भोपाल तथा अन्य संबंधितों से एक माह में प्रतिवेदन मांगा है.

Web Title: Madhya Pradesh bhopal murder case Youth burnt alive pouring petrol hut police investigation Suicide

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