मध्य प्रदेश: अस्पताल में लगी आग में राशिद खान ने बचाई आठ बच्चों की जान, लेकिन आठ दिन के अपने भांजे को नहीं बचा सके
By विशाल कुमार | Updated: November 10, 2021 09:55 IST2021-11-10T09:49:53+5:302021-11-10T09:55:39+5:30
अस्पताल में लगी आग में मरने वाले चार बच्चों में राशिद खान के भांजे के अलावा सोमवार को ही जुड़वा बच्चों को जन्म देने वाली रचना के भी एक बच्चे की मौत हो गई. जबकि दूसरे बच्चे के बचने की भी संभावना बहुत कम बताई जा रही है.

भोपाल का कमला नेहरू अस्पताल. (फाइल फोटो)
भोपाल: सोमवार की रात भोपाल के कमला नेहरू अस्पताल में बच्चों के आईसीयू वार्ड में लगी आग में राशिद खान के भांजे सहित चार बच्चों की मौत हो गई थी जबकि इस दौरान खान ने आठ बच्चों की जान बचाई.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, खान ने कहा कि घर पर रात का खाना खाने के दौरान उन्हें बहन इरफाना का इमरजेंसी कॉल आया और जब वह अस्पताल के तीसरे तल पर विशेष नवजात देखभाल इकाई (एसएनसीयू) पहुंचे. हालांकि, अपने भांजे को बचाने के बजाय खान डॉक्टरों और नर्सों के साथ वार्ड के नवजात बच्चों को बचाने में लग गए.
खान ने कहा कि उन्होंने आठ नवजात बच्चों की जान बचाई लेकिन 12 साल के इंतजार के बाद पैदा हुए अपने आठ दिन के भांजे राहिल को नहीं बचा सके.
आग, धुएं और चारों तरफ मची अफरा-तफरी के बीच जब वार्ड से सभी बच्चों को निकाल लिया गया तब तड़के करीब 3 बजे उनके भांजे का शव, शवगृह में मिला.
अस्पताल में लगी आग में मरने वाले चार बच्चों में खान के भांजे के अलावा सोमवार को ही जुड़वा बच्चों को जन्म देने वाली रचना के भी एक बच्चे की मौत हो गई. जबकि दूसरे बच्चे के बचने की भी संभावना बहुत कम बताई जा रही है.
25 वर्षीय अंकुश और रचना के जुड़वा बच्चे सात महीने के गर्भ के बाद पैदा हुए थे और उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया था.
बता दें कि, सरकार द्वारा संचालित कमला नेहरु बाल चिकित्सालय भवन की तीसरी मंजिल पर स्थित विशेष नवजात शिशु देखभाल इकाई (एसएनसीयू) में सोमवार रात को भीषण आग लग गई थी, जिसमें चार शिशुओं की मौत हो गई.
हादसे के वक्त इकाई में 40 नवजात शिशु भर्ती थे। इनमें से बचे 36 शिशुओं का दूसरे अलग-अलग वार्ड में उपचार किया जा रहा है.