जेपी अस्पताल में 6 जांच मशीनें ताले में बंद, निजी लैब में ज्यादा पैसे देने को मजबूर हैं मरीज

By शिवअनुराग पटैरया | Updated: August 17, 2020 18:12 IST2020-08-17T18:12:44+5:302020-08-17T18:12:44+5:30

सभी जांच जनता के लिये एकदम नि:शुल्क रहेंगी, लेकिन इनका लाभ अभी मरीजों को नहीं मिल पा रहा है. इसको लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने जवाब मांगा है. 

Madhya Pradesh bhopal 6 testing machines locked JP hospital patients are forced to pay more in private lab | जेपी अस्पताल में 6 जांच मशीनें ताले में बंद, निजी लैब में ज्यादा पैसे देने को मजबूर हैं मरीज

भोपाल तथा अधीक्षक, जयप्रकाश चिकित्सालय, भोपाल से तीन सप्ताह में प्रतिवेदन देने के लिए कहा है. (file photo)

Highlightsपैथोलाजी स्थापित की गई है. इसमें छह अत्याधुनिक मशीनों को लगाया गया है, जिससे 150 तरह की जांच की जा सकती है. डायबिटीज, थायराइड, थैलेसीमिया समेत अन्य सभी मुख्य जांचे शामिल हैं. यह सभी जांच जनता के लिये एकदम नि:शुल्क रहेंगी.

भोपालः भोपाल शहर के जयप्रकाश चिकित्सालय के आकस्मिक वार्ड की प्रथम मंजिल पर सेंट्रल पैथोलाजी स्थापित की गई है. इसमें छह अत्याधुनिक मशीनों को लगाया गया है, जिससे 150 तरह की जांच की जा सकती है.

इसमें डायबिटीज, थायराइड, थैलेसीमिया समेत अन्य सभी मुख्य जांचे शामिल हैं. यह सभी जांच जनता के लिये एकदम नि:शुल्क रहेंगी, लेकिन इनका लाभ अभी मरीजों को नहीं मिल पा रहा है. इसको लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने जवाब मांगा है. आयोग ने प्रमुख सचिव, म.प्र. शासन, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, संचालक, स्वास्थ्य सेवाएं, भोपाल तथा अधीक्षक, जयप्रकाश चिकित्सालय, भोपाल से तीन सप्ताह में प्रतिवेदन देने के लिए कहा है.

बच्चों से ली जा रही मनमानी फीस :

भोपाल जिले के नजीराबाद क्षेत्र के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में प्रिंसिपल और शिक्षक गोपीलाल अहिरवार की मिलीभगत से भारी अनियमित्ताएं चल रही है. स्कूल में गरीब मजदूरों के बच्चों से एडमिशन के नाम पर मनमानी फीस ली जा रही है.  इसको लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने जवाब मांगा है.

आयोग को मिली शिकायत के अनुसार यहां बच्चों से एडमिशन के नाम पर 1600 रुपए फीस ली जा रही है. जिसकी कोई रसीद भी नहीं दी जाती. स्कूल में उपस्थित शिक्षकों से पूछा गया, तो पता चला कि प्रिंसिपल मैडम पिछले तीन चार महीने से नहीं आई. नजीराबाद स्कूल का सभी कार्य इंचार्ज गोपीलाल अहिरवार को दे रखा है.

जिसकी जानकारी फोन लगाकर प्रिंसिपल से पूछा गया, तो उन्होंने बताया कि उन्होंने सम्पूर्ण प्रभार गोपीलाल अहिरवार को दे रखा है. जिसकी जानकारी शिक्षक अहिरवार से मांगी गई, तो उन्होंने बताया कि उनके पास चार्ज का कोई आदेश नहीं है. शिक्षकों से पूछा कि किसके आदेश पर यह फीस 1600 रुपए बच्चों से वसूल रहे हैं, तो उन्होंने बताया कि शिक्षक अहिरवार के फोन मैसेज के आदेशानुसार फीस ली जा रही है.

आदेश देखने पर पता चला कि बिना हस्ताक्षर सील के फर्जी आदेश लगा रखा है, जिसमें शासकीय सील और कोई हस्ताक्षर नहीं थे, फर्जी आदेश लगाकर गरीब मजदूरों के बच्चों से मनमर्जी की फीस वसूली जा रही है. इस मामले में आयोग ने जिला शिक्षा अधिकारी, भोपाल से चार सप्ताह में प्रतिवेदन मांगा है.

Web Title: Madhya Pradesh bhopal 6 testing machines locked JP hospital patients are forced to pay more in private lab

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