कड़ाके की ठंड में भगवान भी ठिठुरे, भक्तों ने कृष्ण-सुदामा को पहनाए गर्म वस्त्र , मंदिर में लगाई अंगीठी
By बृजेश परमार | Updated: December 20, 2018 22:16 IST2018-12-20T22:16:37+5:302018-12-20T22:16:37+5:30
भक्तों की श्रद्धा और भगवान के प्रति अगाध प्रेम की अनूठी परंपरा

कड़ाके की ठंड में भगवान भी ठिठुरे, भक्तों ने कृष्ण-सुदामा को पहनाए गर्म वस्त्र , मंदिर में लगाई अंगीठी
उज्जैन, 20 दिसंबरः उत्तर में हो रही निरंतर बर्फबारी से पिछले चार दिनों से ठंड से उज्जैन शहर कपकपा रहा है। वर्तमान में उज्जैन शहर का न्यूनतम तापमान 8 डिग्री के आसपास है। सर्द हवाओं से एकाएक गिरे तापमान के चलते सभी ठंड से परेशान है। ठंड के चलते श्रीकृष्ण की शिक्षा स्थली उज्जैन के सांदिपनी आश्रम में भगवान श्रीकृष्ण को ठंड से बचाने की जुगत श्रद्धालूओं द्वारा की जा रही है। पुजारी परिवार द्वारा भगवान को गर्म कपड़े पहनाए जा रहे है और अलाव जलाया जा रहा है।
निरंतर पिछले चार दिनों से 6-8 किमी प्रतिघंटे की गति से चल रही उत्तर- पूर्व की हवाओं ने पूरे प्रदेश को ठंड की आगोश में ले लिया है। ऐसे में उज्जैन शहर का तापमान भी निरंतर गिर रहा है। तापमान के और गिरने की संभावनाएं जताई जा रही है। कड़ाके की ठंड के चलते आस्थावान भकत प्रभावित हो रहे हैं तो उन्हे अपने भगवान को भी ठंड लगने का अहसास है।मंदिरों में भगवान को ठंड से बचाने की जुगत की जा रही है।
विश्व प्रसिद्ध भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षा स्थली में पुजारी परिवार और श्रद्धालुओं ने श्रीकृष्ण को ऊनी कपड़े पहनाए हैं। इन ऊनी कपड़ो की खास बात ये है कि इन्हें विशेष रूप से पुजारी परिवार द्वारा ही हाथों से बुनकर तैयार किया जाता है। पुजारी परिवार हर रोज भगवान के कपड़े बदले जाते है। जिन्हें वर्षभर पुजारी परिवार की महिलाएं हाथों से बुनकर तैयार करती है। इसके अलावा भगवान को सुबह के भोग में विशेष केसरिया गर्म दूध, दोपहर में गर्म भोजन अर्पित किया जा रहा है। रात के भोजन में भी गर्म केसरिया दूध के साथ ठंड भगाने के लिए गर्म पकवान परोसे जा रहे है।
इसके अलावा भगवान के आगे गर्म अलाव की अंगीठी लगाई जा रहे ही है जिसके ताप से भगवान को ठंड ना लगे। पुजारी परिवार का मानना है कि चूंकि भगवान की भी प्राण प्रतिष्ठा की जाती है अतः इन्हें भी ठंड लगती है। इधर बढ़ती ठंड के चलते शहर में अलाव जलाए जा रहे है और यह देखभाल जब तक ठंड रहेगी तब तक पूरे समय चलती रहेगी। मंदिर के पुजारी रूपम व्यास के अनुसार परंपरागत रूप से उनका परिवार यह सेवा करते आ रहा है। भगवान श्री कृष्ण ने सुदामा के साथ उज्जैन के सांदिपनी आश्रम में रहकर 16 कलाओं का ज्ञान अर्जित किया था। गुरू सांदिपनी ने उन्हे यहां शिक्षा प्रदान की थी।