Madhya Pradesh Assembly Election 2023: MP में पोस्टल बैलेट पर बवाल , कांग्रेस ने बालाघाट जिला निर्वाचन पदाधिकारी पर कार्रवाई की मांग, बीजेपी पर लगाएं गंभीर आरोप
By आकाश सेन | Published: November 28, 2023 05:22 PM2023-11-28T17:22:08+5:302023-11-28T17:25:42+5:30
भोपाल: एमपी के बालाघाट में डाकमत पत्रों की स्क्रूटनी मामले से सियासी बवाल, कांग्रेस ने बीजेपी सरकार के इशारे पर डाकमत पत्रों से छेड़छाड करने के लगाएं आरोप। बालाघाट के जिला निर्वाचन पदाधिकारी डॉ़ गिरीश कुमार मिश्रा पर कार्रवाई की मांग ।
भोपाल : एमपी विधानसभा चुनाव के लिए 3 दिसंबर को काउंटिंग होनी है। लेकिन काउंटिंग के पहले ही पोस्टल बैलेट को लेकर प्रदेश में नया बवाल शुरु हो गया है। दरअसल कांग्रेस पहले से ही आशंका जाहिर कर रही थी कि, पोस्टल बैलेट्स सुरक्षित नहीं है। इसी बीच बालाघाट में पोस्टल बैलेट को स्ट्रांग रुम से निकालने का मामला सामने आया। स्थानीय स्तर के साथ ही प्रदेश स्तर पर कांग्रेस ने विरोध जताने के साथ की कार्रवाई की मांग की। निर्वाचन योग ने भी प्रथम दृष्टा प्रक्रिया में त्रुटि मानी और बालाघाट के नोडल आफिसर को सस्पेंड किया है। जिसको लेकर मध्यप्रदेश निर्वाचन आयोग के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने कहा कि… डाक मत पत्रों की विधानसभा वाईस स्क्रूटनी की जा रही थी । लेकिन भ्रम की स्थिती बनी, सभी दल के प्रतिनिधि वहां मौजद थे । समय के पहले जरुरी स्ट्रांग रुम खोला गया है। यही कारण है कि मामलें में नोडल आफिसर को निलंबित किया गया है ।
वही कांग्रेस आयोग की कार्रवाई से संतुष्ट नही है ...अब कांग्रेस बालाघाट के कलेक्टर और जिला निर्वाचन पदाधिकारी डॉ गिरीश कुमार मिश्रा पर सख्त कार्रवाई की मांग कर रहा है... नही तो भारत निर्वाचन आयोग में शिकायत करने के साथ ही ... उग्र आंदोलन करने की तैयारी में है । जिसको लेकर प्रदेश कांग्रेस के चुनाव प्रभारी जेपी धनोपिया ने कहा किसरकार के इशारे पर जनमत के साथ खिलवाड़ हो रहा है, जो बर्दाशत नहीं किया जाएगा। मामले में जिला निर्वाचन पदाधिकारी पर कार्रवाई होनी चाहिए।
वही कांग्रेस के आरोपों पर बीजेपी ने पलटवार किया है ... बीजेपी के प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने कहा ये पूरा मामला चुनाव आयोग का है। उनके निर्देश पर ही चुनाव प्रक्रिया हो रही है । कहीं त्रुटि हुई है तो आयोग कार्रवाई करेंगा । लेकिन बीजेपी पर कांग्रेस का आरोप लगाना ठीक नही है । ऐसा लगता है कि हार के डर से अपने नेताओं को बचाने के लिए अभी से ये ऐसे आरोप लगा रहे है, जिससे परिणाम के बाद कुछ कहना ना पडे।
जो भी हो लेकिन ये तो साफ है कि मतगणना के पहले पोस्टल बैलेट को लेकर प्रदेश की सियासत में मचा ये बवाल अभी थमने वाला नही है। लेकिन देखना ये अहम है कि कांग्रेस का इस मामले के प्रकाश में आने के बाद अगला कदम क्या होता है।