मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक में पहुंचे AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी और अन्य नेता, यूपी के मंत्री ने उठाए सवाल
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 17, 2019 10:24 AM2019-11-17T10:24:54+5:302019-11-17T10:24:54+5:30
अयोध्या मामले पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की अहम बैठक आज, सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार याचिका पर होगा विचार।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने रविवार को अपनी वर्किंग कमेटी की अहम बैठक बुलाई है। इस बैठक में शामिल होने के लिए एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी लखनऊ पहुंच गए हैं। इसके अलाव कई बड़े नेता भी शिरकत करने पहुंचे। यूपी सरकार में मंत्री मोहसिन रजा ने इस बैठक पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि लखनऊ का माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही है।
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक में अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर चर्चा होगी। साथ ही इस बैठक में पुनर्विचार याचिका दायर करने के बारे में निर्णय होने की संभावना है। राम मंदिर/बाबरी मस्जिद विवाद में मुस्लिम पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने लखनऊ में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की ओर से आयोजित मुस्लिम पक्षकारों की बैठक का बहिष्कार कर दिया।
Lucknow: AIMIM chief Asaduddin Owaisi and others arrive for the All India Muslim Personal Law Board (AIMPLB) meeting, over the Supreme Court verdict in Ayodhya case. pic.twitter.com/09D21TsNad
— ANI UP (@ANINewsUP) November 17, 2019
अयोध्या मसले पर उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद अब कुछ मुस्लिम पक्षकार पुनर्विचार याचिका दायर करने पर सहमत हो गए हैं। उनके इस प्रस्ताव पर आल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड रविवार अपनी वर्किंग कमेटी की बैठक में निर्णय लेगा। बैठक लखनऊ के नदवा कालेज में होगी। बोर्ड के महासचिव मौलाना वली रहमानी इन पक्षकारों से हुई बातचीत का ब्योरा पेश करेंगे।
उप्र सुन्नी वक्फ बोर्ड की ओर से न्यायालय में बहस करने वाले अधिवक्ता जफरयाब जीलानी ने बताया कि राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद पर न्यायालय की संविधान पीठ के निर्णय पर पुनर्विचार याचिका दायर करने या नहीं करने के बारे में बोर्ड की 17 नवंबर को होने वाली बैठक में चर्चा होगी।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने सर्वसम्मति के फैसले में 2.77 एकड़ विवादित भूमि पर मंदिर निर्माण के लिये तीन महीने के भीतर एक ट्रस्ट गठित करने का निर्देश दिया था। इसके साथ ही पीठ ने अयोध्या में प्रमुख स्थल पर मस्जिद निर्माण के लिये उप्र सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ भूमि आबंटित करने का निर्देश केन्द्र को दिया था।
संविधान पीठ ने स्पष्ट किया था कि केन्द्र सरकार 1993 में अयोध्या में कतिपय क्षेत्र का अधिग्रहण कानून के तहत अधिग्रहीत की गयी करीब 68 एकड़ भूमि में से सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ भूमि आबंटित कर सकती है या फिर राज्य सरकार अयोध्या में ही किसी अन्य उचित प्रमुख जगह पर भूखंड का आवंटन कर सकती है।