निचली अदालतें जमानत अर्जी पर फैसला सुनाते वक्त आरोपी के आपराधिक अतीत का उल्लेख करें : उच्च न्यायालय

By भाषा | Published: November 30, 2020 11:00 PM2020-11-30T23:00:31+5:302020-11-30T23:00:31+5:30

Lower courts should mention criminal past of accused while passing judgment on bail application: High Court | निचली अदालतें जमानत अर्जी पर फैसला सुनाते वक्त आरोपी के आपराधिक अतीत का उल्लेख करें : उच्च न्यायालय

निचली अदालतें जमानत अर्जी पर फैसला सुनाते वक्त आरोपी के आपराधिक अतीत का उल्लेख करें : उच्च न्यायालय

जोधपुर (राजस्थान), 30 नवंबर राजस्थान उच्च न्यायालय ने सभी निचली अदालतों को नियमित या अग्रिम जमानत याचिकाओं को मंजूर या नामंजूर करते समय एक आरोपी के आपराधिक अतीत के विस्तृत विवरण का उल्लेख करने का निर्देश दिया है।

न्यायमूर्ति पी एस भाटी ने शुक्रवार को एक जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि निचली अदालतें आपराधिक अतीत को विस्तार से बताने में परहेज करती हैं, इससे जमानत याचिकाओं के निपटारे में देरी होती है ।

अदालत ने कहा, ‘‘मामलों पर सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता का आपराधिक अतीत नहीं रहा है जबकि प्रतिवादी (लोक अभियोजक) इस तथ्य का खंडन करने की स्थिति में नहीं हैं । इस वजह से अदालत याचिकाकर्ता को जमानत दे रही है। ’’

वकील ने दलील दी कि यद्यपि केवल अतीत के आधार पर किसी की जमानत को मंजूर या नामंजूर नहीं की जा सकती, लेकिन उच्च न्यायालय के पास आरोपी के आपराधिक अतीत की रिपोर्ट अवश्य होनी चाहिए, ताकि सीआरपीसी की धारा 437 (1) के लागू होने की जांच करने के अलावा आरोपी के खिलाफ लगे आरोपों की सभी पहलुओं से पड़ताल करने के साथ उसके मामले पर गौर किया जा सके।

अदालत ने अपने आदेश में कहा, ‘‘निचली अदालतों को जमानत मंजूर या नामंजूर करने की स्थिति में अपने आदेश में अगर आरोपी के अतीत का कोई ब्योरा है तो उसका उल्लेख करना चाहिये। इसमें प्राथमिकी संख्या, मामलों की संख्या, लगायी गयी धाराएं, तारीख, मामलों की स्थिति, रिहा किए जाने आदि के बारे में बताना चाहिये।’’

यह आदेश देते हुए न्यायमूर्ति भाटी ने अदालत की रजिस्ट्री को सभी जिला और सत्र न्यायाधीशों को इस बारे में अवगत कराने और जमानत याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान इसे लागू करने को कहा ।

अदालत ने रजिस्ट्री को इस आदेश का अक्षरश: पालन सुनिश्चित कराने और पांच जनवरी के पहले एक रिपोर्ट सौंपने को कहा।

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Web Title: Lower courts should mention criminal past of accused while passing judgment on bail application: High Court

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