Lok Sabha Election 2024: क्या होता है आदर्श आचार संहिता, राजनीतिक दलों के लिए क्या होते हैं निर्देश, जानिए देश में कब हुआ लागू
By धीरज मिश्रा | Published: March 16, 2024 02:31 PM2024-03-16T14:31:39+5:302024-03-16T14:56:14+5:30
Aachar Sanhita Kya Hai Samjhaie: लोकसभा चुनावों की घोषणा शनिवार को भारतीय चुनाव आयोग करने जा रही है। इसी के साथ ही आदर्श आचार संहिता भी प्रभावी हो जाएगी। राजनीतिक पार्टियों के लिए इसके तहत क्या निर्देश होते हैं। चलिए आपको विस्तार से समझाते हैं।
Code Of Conduct Information in Hindi: लोकसभा चुनावों की घोषणा शनिवार को भारतीय चुनाव आयोग करने जा रही है। इसी के साथ ही आदर्श आचार संहिता भी प्रभावी हो जाएगी। राजनीतिक पार्टियों के लिए इसके तहत क्या निर्देश होते हैं। चलिए आपको विस्तार से समझाते हैं। लोकसभा चुनावों के अलावा, ओडिशा, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में विधानसभा चुनाव भी होंगे। जिनकी तारीखों की घोषणा भी चुनाव आयोग द्वारा की जाएगी।
कब से शुरू हुआ चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता
आदर्श आचार संहिता की उत्पत्ति 1960 में केरल विधानसभा चुनाव के दौरान हुई थी, तब प्रशासन ने राजनीतिक दलों के लिए एक आचार संहिता बनाने की कोशिश की थी। निर्वाचन आयोग के मुताबिक आचार संहिता के मौजूदा स्वरूप पिछले 60 साल के प्रयासों और विकास का नतीजा है। आदर्श आचार संहिता चुनावों के दौरान सभी हितधारकों द्वारा स्वीकार्य नियम है। इसका उद्देश्य प्रचार, मतदान और मतगणना को व्यवस्थित, स्वच्छ और शांतिपूर्ण रखना और सत्तारूढ़ दलों द्वारा राज्य मशीनरी और वित्त के किसी भी दुरुपयोग को रोकना है।
परंतु, इसे कोई वैधानिक मान्यता प्राप्त नहीं है। हालांकि, उच्चतम न्यायालय ने कई मौकों पर इसकी सुचिता को बरकरार रखा है। चुनाव आयोग आचार संहिता के किसी भी उल्लंघन की जांच करने और सजा सुनाने के लिए पूरी तरह से अधिकृत है।
राजनीतिक पार्टियों के लिए क्या होते हैं निर्देश
पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी अपने कार्यकाल के दौरान आदर्श आचार संहिता को वैधानिक बनाने का जोरदार समर्थन किया। उन्होंने इसका उल्लंघन करने वाले नेताओं के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई का सुझाव दिया था। निर्वाचन आयोग के अनुसार, आदर्श आचार संहिता का कहना है कि केंद्र और राज्यों में सत्ता में रहने वाली पार्टी को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वह प्रचार के लिए अपनी आधिकारिक स्थिति का उपयोग न करे। आदर्श आचार संहिता के मुताबिक मंत्री और अन्य सरकारी अधिकारी किसी भी रूप में वित्तीय अनुदान की घोषणा नहीं कर सकते।
किसी भी परियोजना या योजना की घोषणा नहीं की जा सकती है जिसका प्रभाव सत्ता में पार्टी के पक्ष में मतदाताओं को प्रभावित करने वाला हो, और मंत्री प्रचार उद्देश्यों के लिए आधिकारिक मशीनरी का उपयोग नहीं कर सकते हैं। भारत 18वें लोकसभा के चुनाव के लिए तैयारी कर रहा है, जिसका कार्यक्रम शनिवार को घोषित किया जाएगा। देश में आखिरी आम चुनाव 2019 में हुए थे।