लोकसभा के आगामी चुनाव के मद्देनजर देश में बहुजन समाज पार्टी के पक्ष में फिजा बनाने की कोशिश में जुटी भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर ने कहा कि हर बार अपने सियासी रहनुमाओं के हाथों ठगे गए मुसलमानों को अब यह समझना ही होगा कि उनका हित आखिर किसके साथ है.
चंद्रशेखर ने दलित, मुस्लिम, अन्य पिछड़ा वर्ग एकजुटता के लिए भीम आर्मी के अभियान का जिक्र करते हुए कहा कि मुसलमान अब तक जिन नेताओं और पार्टियों को वोट देकर जिताते रहे, उन्होंने ही उन्हें हाशिए पर पहुंचा दिया. मुसलमानों को एक पैमाना बनाना चाहिए कि वे जिसे दोस्त समझकर वोट दे रहे हैं, वह वास्तव में उनका हितैषी है कि नहीं.
उन्होंने कहा कि आज मुसलमानों का हित दलितों के साथ है. दोनों तबकों के बीच सामाजिक प्रेम बढ़ जाएगा तो कोई उन्हें राजनीतिक टुकड़ों में नहीं बांट पाएगा. उन्होंने कहा कि दोनों तबके अर्से से वंचित तबके हैं. मैं उन्हें उनकी कमजोरी का एहसास करा रहा हूं. साथ ही उन्हें बता रहा हूं कि उनका वास्तविक हित कहां है. उनसे पूछा गया कि क्या मुस्लिम समाज में कोई सर्वमान्य नेतृत्व नहीं होना, मुस्लिम-दलित एकजुटता ना बन पाने के लिए बड़ी बाधा है ?
इस पर भीम आर्मी प्रमुख ने सहमति जताते हुए कहा कि देश में पिछले कुछ सालों से मुसलमानों पर इतने हमले हुए, उन्हें मॉब लिचिंग का शिकार बनाया गया, मगर उनके हितैषी होने का दावा करने वाला कोई भी दल उनकी आवाज उठाने के लिए सामने नहीं आया. जाहिर है कि मुस्लिम समाज के साथ अब तक वोटों की ठगी ही की गई है.
आंबेडकर ने किया था प्रयास उन्होंने कहा कि मुसलमानों ने बहुत पहले बाबा साहब भीमराव आंबेडकर पर भरोसा करके उन्हें अपनी सीट छोड़कर संसद भेजा था. आंबेडकर ने बहुत कुछ करने का प्रयास किया था, मगर वह अकेले पड़ गए थे. इस बार हम प्रयास करेंगे कि मुस्लिम समाज को नेतृत्व देकर भीम आर्मी में आगे बढ़ाया जाए.
सामाजिक एकता मजबूत होगी तो कोई दंगा नहीं होगा. दलित और मुस्लिम एकजुटता की कोशिशें दलित और मुस्लिम एकजुटता की कोशिशें अब तक आशानुरूप कामयाब नहीं होने के सवाल पर चंद्रशेखर ने कहा कि बात कहीं ना कहीं हिस्सेदारी पर बात रुकी है. मगर, जब हम घर बनाते हैं, तो उसमें विभिन्न विचारधारा के लोग रहते हैं, लेकिन सभी लोग उस घर में सौहार्दपूर्ण सामंजस्य बनाते हैं.