लोस सेवा मतदान के लिए आने वाले मतदाताओं की उंगली पर स्याही लगाई जाती है. औरंगाबाद लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के लिए 93 लीटर स्याही भेजी गई है. समझा जाता है कि यह स्याही लगभग 19 लाख मतदाताओं को सामने रखकर भेजी गई है. निर्वाचन विभाग के अनुसार तीन लाख स्याही की बोतलें राज्य के लिए मंगाई गई हैं.
इसमें से 9292 बोतलें औरंगाबाद निर्वाचन क्षेत्र के लिए भेजी गई हैं. औरंगाबाद निर्वाचन क्षेत्र में 18 लाख 84 हजार 865 मतदाता हैं और उनके लिए 93 लीटर स्याही का प्रबंध किया गया है. आगामी 23 अप्रैल को होने वाले मतदान को देखते हुए निर्वाचन विभाग की ओर से सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं.
औरंगाबाद लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के लिए तीन हजार 37 मतदान केंद्र हैं. सभी मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की संख्या को देखते हुए स्याही की दो-दो बोतलें भेजी गई हैं. एक बोतल में 10 मिली लीटर नीली स्याही होती है. इसमें से कम-से-कम 350 मतदाताओं की उंगली पर यह स्याही लगाई जा सकती है.
वर्ष 2004 तक मतदान करने वाले मतदाताओं की उंगली पर सिर्फ स्याही का निशान लगाया जाता था, लेकिन वर्ष 2006 में निर्वाचन आयोग ने स्याही के निशान के बजाय लकीर खींचने का निर्णय लिया है. समझा जाता है कि यह स्याही मैसूर से मंगाई जाती है. यह स्याही बनाने का काम एक वार्निश बनाने वाली कंपनी करती है. देश में सबसे पहले वर्ष 1962 के लोकसभा चुनाव में स्याही का उपयोग होने लगा था.