Lokmat Parliamentary Awards 2018 : वेकेंया नायडू ने कहा पत्रकारों को कमीशन वाली नहीं मिशन वाली पत्रकारिता करनी चाहिए
By मेघना वर्मा | Updated: December 13, 2018 19:21 IST2018-12-13T18:06:43+5:302018-12-13T19:21:26+5:30
Lokmat Parliamentary Awards 2018: कार्यक्रम की शुरूआत हुई राष्ट्रगान के साथ। इसके दीप प्रज्जवलन किया गया। इसके बाद स्वर्गीय बाबू जी जवाहरलाल दर्डा का भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद विजय डरडा ने उप-राष्ट्रपति का स्वागत किया।

Lokmat Parliamentary Awards 2018 : वेकेंया नायडू ने कहा पत्रकारों को कमीशन वाली नहीं मिशन वाली पत्रकारिता करनी चाहिए
लोकमत के दिल्ली संस्करण को एक साल पूरे होने पर लोकमत पार्लियामेंन्ट्री अवॉर्ड्स (Lokmat Parliamentary Awards 2018) का आयोजन किया जा रहा है। लोकमत ग्रुप की ओर से आयोजित इस अवॉर्ड फंक्शन में सांसदों को उप-राष्ट्रपति वेकेंया नायडू की ओर से सम्मानित किया जा रहा है। लोकमत संसदीय पुरस्कार का यह दूसरा वर्ष है। इसका आयोजन गुरुवार को दिल्ली के जनपथ स्थित डॉ आंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में हुआ। लोकमत की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने सभी आठ सांसदों को सम्मानित किया।
* उप राष्ट्रपति वेकेंया नायडू ने लोकमत ग्रुप के एक साल होने पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि संसद में बोले गए हर शब्द में जनता की इच्छा होती है। शरद पवार के 52 साल के योगदान की उन्होंने तारीफ की। उन्होंने कहा कि मैं बुहत खुश हूं की लोकमत ग्रुप ने सही सांसदों का चयन किया।
* जैसे रमा देवी बिहार के बहुत छोटे बैकग्राउंड से हैं मगर संसद में उनका काम सम्मान के लायक है। पत्रकारिता पर बोलते हुए वेंकेया नायडू ने कहा कि देश को मिसलीडिंग वाली पत्रकारिता नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि फेक न्यूज और कमिशन वाली पत्रकारिता बंद करनी चाहिए। वेंकेया नायडू ने आगे कहा पत्रकारों को कमीशन वाली नहीं मिशन वाली पत्रकारिता करनी चाहिए।
* बेस्ट पार्लियामेंटरियन अवॉर्ड से गुलाम नबी आजाद को सम्मानित किया गया। राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद को उनके राजनीति योगदान के लिए मिला बेस्ट पार्लियामेंटेरियन अवार्ड।
* शरद पवार को मिला लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड। उन्होंने कहा कि इस सम्मान के लिए लोकमत का अभारी हूं। उन्होंने कहा मैं अभारी हूं कि मुझे सदन में 52 साल काम करने का मौका मिला।
* पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. मुरली मनोहर जोशी को मिला लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड। जोशी को देश के उप-राष्ट्रपति वेंकेया नाउडू को किया सम्मानित। इस मौके पर मुरली मनोहर जोशी ने कहा "ये लोकतंत्र से सबंधित समारोह है इसलिए मुझे उसके अनुशासन का पालन करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि संसद को जो स्वरूप पहले था उसमें काफी बदलाव आया है। कार्य प्रणाली में भी काफी बदलाव आया है।"
* कार्यक्रम की शुरूआत हुई राष्ट्रगान के साथ हुआ। इसके बाद फिर उप-राष्ट्रपति ने दीप प्रज्जवलन किया। इसके बाद स्वर्गीय बाबू जी जवाहरलाल दर्डा का भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद विजय दर्डा ने उप-राष्ट्रपति का स्वागत किया।
* उमर अब्बदुला ने कहा कि कोई भी धर्म बुरा नहीं है बस इंसान बुरे होते हैं। हमें अपने अंदर की बुराइयों को कम करना होगा तभी देश का विकास होगा। हम सब लोगों को मिलकर भारत को बनाना है। इस फंक्शन में प्रकाश जावेड़कर ने कहा कि संसद में ये सोच बन गई है कि हॉल में आकर हंगामा करने पे ही हमारी बात सुनी जाती है।
इन सांसदों को किया जा रहा है सम्मानित
1-पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. मुरली मनोहर जोशी को मिला लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड।
2- सांसद निशिकांत दुबे को मिला बेस्ट पार्लियामेंटेरियन अवार्ड।
3- महिला सांसद कानीमोझी को बेस्ट वुमन पार्लियामेंटेरियन अवार्ड से नवाजा गया।
4- सांसद हेमा मालिनी को मिला बेस्ट डेब्यू वुमेन पार्लियामेंटेरियन अवार्ड।
लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड
1- एनसीपी अध्यक्ष व पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार को उनकी राजनीति में योगदान के लिए दिया गया लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड।
2- राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद को भी राजनीति योगदान के लिए मिला बेस्ट पार्लियामेंटेरियन अवार्ड।
3- सांसद रमा देवी को मिला बेस्ट वुमन पार्लियामेंटेरियन अवार्ड।
4- सांसद छाया वर्मा को मिला बेस्ट डेब्यू वुमेन पार्लियामेंटेरियन अवार्ड।
इस मौके पर 'लोकमत नेशनल कॉन्क्लेव' का भी आयोजन हुआ। जिसमें जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस तथा पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने 'राष्ट्रीय राजनीति में क्षेत्रीय दलों की दस्तक' विषय पर अपनी अपनी बातें कही।
अवॉर्ड्स के लिए चुने गए सभी सासंदों के चयन का जिम्मा निर्णायक मंडल को सौंपा गया था। बता दें कि ज्यूरी में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला, तृणमूल कांग्रेस के सांसद सौगत राय, लोकसभा के पूर्व महासचिव डॉ. सुभाष कश्यप, पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल, वरिष्ठ पत्रकार व पूर्व सांसद एच.के. दुआ, भाकपा नेता व सांसद डी. राजा, इंडिया टीवी के चेयरमैन व संपादक रजत शर्मा तथा लोकमत एडिटोरियल बोर्ड के चेयरमैन व पूर्व सांसद विजय दर्डा शामिल थे।
वहीं लोकमत के नेशनल एडिटर हरीश गुप्ता ने निर्णायक मंडल के सचिव का जिम्मा संभाला। निर्णायक मंडल के अध्यक्ष डॉ. मुरली मनोहर जोशी ने जीवन गौरव पुरस्कार के लिए स्वयं के नाम के चयन का विरोध किया, लेकिन निर्णायक मंडल ने इस विरोध को खारिज कर उनका चयन किया।