‘हम तो देश के हैं, अब केवल राजस्थान के नहीं हैं’, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भाजपा एमपी दुष्यंत सिंह से कहा, जानिए
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: February 9, 2022 13:50 IST2022-02-09T13:49:17+5:302022-02-09T13:50:22+5:30
राजस्थान के झालाबाड़-बारां से सांसद दुष्यंत सिंह ने कहा, ‘‘राजस्थान के मनरेगा के तहत दो पखवाड़े के पैसे बचे हुए हैं। क्या मंत्रीजी, जिस राज्य से स्पीकर साहब आते हैं, उस राजस्थान के लिए भी केंद्र से जो पैसा आना है, वह देंगे?’’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस संकट से देश को निकाला और जीडीपी, मुद्रास्फीति, शेयर बाजार और विदेशों से पूंजी प्रवाह जैसे मानक दुरुस्त रहे हैं।
नई दिल्लीः लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन में भाजपा के एक सांसद से कहा कि ‘‘हम तो देश के हैं, अब केवल राजस्थान के नहीं हैं।’’ सदन में प्रश्नकाल के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य दुष्यंत सिंह ने राजस्थान को मनरेगा के तहत केंद्र से मिलने वाले धन से संबंधित पूरक प्रश्न पूछते हुए कहा कि लोकसभा अध्यक्ष भी इस राज्य से आते हैं।
राजस्थान के झालाबाड़-बारां से सांसद दुष्यंत सिंह ने कहा, ‘‘राजस्थान के मनरेगा के तहत दो पखवाड़े के पैसे बचे हुए हैं। क्या मंत्रीजी, जिस राज्य से स्पीकर साहब आते हैं, उस राजस्थान के लिए भी केंद्र से जो पैसा आना है, वह देंगे?’’ इस पर लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने मुस्कराते हुए कहा, ‘‘हम तो देश के हैं, अब केवल राजस्थान के नहीं हैं।’’
लोकसभा ने मंगलवार को लोक लेखा समिति (पीएसी) समेत प्रमुख संसदीय समितियों के सदस्यों के चुनाव की प्रक्रिया शुरू की। लोकसभा ने लोक लेखा समिति, प्राक्कलन समिति, सार्वजनिक उपक्रमों पर समिति और अनुसूचित जातियों तथा अनुसूचित जनजातियों के कल्याण पर समिति के लिए इस साल एक मई से 30 अप्रैल, 2023 तक के कार्यकाल के लिए सदस्यों के चुनाव के लिए अलग-अलग प्रस्तावों को पारित किया। प्रस्तावों में राज्यसभा से भी इन समितियों में सदस्यों के निर्वाचन के लिए कहा गया है।
विपक्षी दलों ने सरकार पर केंद्रीय बजट में महंगाई, बेरोजगारी और किसानों से जुड़े मुद्दों को नजरंदाज करने का मंगलवार को आरोप लगाया और दावा किया कि गरीबों, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग के लिये बजट में मामूली आवंटन किया गया है जबकि मनरेगा, कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने के लिये राज्यों के आवंटन में भी कमी की गई।
विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उन्हें ‘निराशावादी’ करार दिया और कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने देश में सड़कों का जाल बिछाने, डिजिटल ढांचा मजबूत बनाने, आधारभूत संरचना के विकास के साथ राज्यों को पर्याप्त आवंटन दिया है।
भाजपा ने कहा कि सरकार के प्रतिबद्ध प्रयासों के परिणामस्वरूप कोरोना महामारी से प्रभावित कालखंड में देश मजबूती से बाहर निकला और इस दौरान जीडीपी, मुद्रास्फीति, शेयर बाजार और विदेशों से पूंजी प्रवाह जैसे मानक दुरुस्त रहे हैं। लोकसभा में वर्ष 2022-23 के केंद्रीय बजट पर चर्चा में भाग लेते हुए तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के जी जितेन्द्र रेड्डी ने कहा कि यह बजट गरीबों एवं मध्यम वर्ग के लिये भयावह है। उन्होंने कहा कि यह सरकार अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति की बात करती है लेकिन इनके लिये काफी कम आवंटन है।
उन्होंने कहा कि देश में अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग के 30-40 करोड़ लोग हैं और सरकार ने 12,800 करोड़ रूपये बजट में आवंटित किया है जो प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष 330 रूपये बनता है। रेड्डी ने कहा कि इसी प्रकार से अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिये भी काफी कम आवंटन किया गया है। टीआरएस सदस्य ने कहा कि मनरेगा के लिये आवंटन में भी कटौती की गई है और किसानों को नजरंदाज किया गया है। रेड्डी ने कहा कि सरकार ने वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी होने की बात कही थी, इसका क्या हुआ, यह बताना चाहिए।
वहीं, शिवसेना के धैर्यशील माने ने कहा, ‘‘हमें सरकार की नीयत पर संदेह नहीं है, लेकिन नीतियों को लेकर संदेह जरूर है।’’ शिवसेना सांसद ने कहा कि किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) सुनिश्चित करने की मांग का उल्लेख बजट में नहीं है।
उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि वह एमएसपी पर फैसला ले। उन्होंने कहा कि मध्य वर्ग के लोगों को आयकर की सीमा में कोई राहत नहीं दी गई जबकि कोरोना काल में लोग इसकी उम्मीद कर रहे थे। माने ने कहा कि सरकार को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र की मदद के लिए भी ठोस कदम उठाने चाहिए थे।