Parliament Session: 18वीं लोकसभा के चल रहे सत्र में बचे हुए सांसदों की शपथ का मौका था, इस दौरान कांग्रेस के तिरुवनंतपुरम से नवनिर्वाचित सांसद शशि थरूर ने सांसद पद की शपथ लेते हुए संविधान की कसम खाई और फिर 'जय संविधान' कह दिया। इसके बाद शशि थरूर ने ओम बिड़ला का अभिवादन किया और चलते बने। बस इतने पर लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने कहा कि आप तो पहले संविधान की शपथ ले चुके हैं, तो ये कहने की क्या जरूरत थी। इसके तुरंत बाद कांग्रेस के रोहतक से सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने बोल पड़े।
हरियाणा से कांग्रेस सांसद ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला से कहा कि इस पर आपको आपत्ति नहीं होनी चाहिए। कांग्रेस सांसद से स्पीकर ने सख्त लहजे में कहा, 'किस पर आपत्ति और किस पर नहीं करनी, इसकी सलाह नहीं दिया करो, चलो बैठो'।
पहले दिन लोकसभा अध्यक्ष का सख्त तेवरबता दें कि लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव के साथ ही ओम बिरला विपक्षी इंडिया गठबंधन के निशाने पर रहे हैं। खुद स्पीकर ने भी पहले दिन से ही सख्त रुख अपनाया है। स्पीकर के चुनाव के बाद सबसे पहले अखिलेश यादव ने इशारों में उन पर टिप्पणी की, फिर नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसद आगा सैयद ने उनके पिछले कार्यकाल को लेकर टिप्पणी की।
आगा सैयद ने अनुच्छेद 370 हटाने वाले प्रस्ताव को एक मिनट में पास करने वाला बयान दिया। तब ओम बिरला ने आगा सैयद को बताया था कि अनुच्छेद 370 के प्रस्ताव पर करीब साढ़े नौ घंटे चर्चा हुई थी। आपको ज्ञान नहीं है। संसद में ओम बिरला और विपक्ष के बीच पहली नोकझोंक पहले प्रस्ताव से ही शुरू हो गई।