लोकसभा चुनावः राहुल गांधी के हस्तक्षेप के बाद RJD-कांग्रेस गठबंधन का पेच सुलझा
By शीलेष शर्मा | Updated: March 29, 2019 05:49 IST2019-03-29T05:49:35+5:302019-03-29T05:49:35+5:30
कांग्रेस और राजद के बीच विवाद की शुरुआत उस समय हुई जब कांग्रेस ने दरभंगा की सीट पर दावा ठोंक कर कीर्ति आजाद को मैदान में उतारने का प्रस्ताव आरजेडी के सामने रखा. आरजेडी इस सीट पर अब्दुल वारी सिद्धिकी को चुनाव लड़ाना चाहती है.

लोकसभा चुनावः राहुल गांधी के हस्तक्षेप के बाद RJD-कांग्रेस गठबंधन का पेच सुलझा
बिहार में महागठबंधन को लेकर कांग्रेस और आरजेडी के बीच सीटों के बंटवारे पर उठा विवाद समाप्त हो गया है. विवाद समाप्त होते ही कांग्रेस ने साफ किया कि भाजपा के बागी नेता और सांसद शत्रुघ्न सिन्हा 6 अप्रैल को नवरात्र में कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करेगें.
हालांकि शत्रुघ्न सिन्हा को गुरुवार दोपहर कांग्रेस में शामिल होना था लेकिन राजद और कांग्रेस के बीच गठबंधन को लेकर उठे विवाद के कारण अंतिम समय में उनके शामिल होने का कार्यक्रम टाल दिया गया. इस बीच शत्रुघ्न सिन्हा ने राहुल गांधी से मुलाकात की. मुलाकात के दौरान शत्रुघ्न सिन्हा ने राहुल को आश्वस्त किया कि वे देशभर में कांग्रेस के लिए प्रचार करेगें.
कांग्रेस और राजद के बीच विवाद की शुरुआत उस समय हुई जब कांग्रेस ने दरभंगा की सीट पर दावा ठोंक कर कीर्ति आजाद को मैदान में उतारने का प्रस्ताव आरजेडी के सामने रखा. आरजेडी इस सीट पर अब्दुल वारी सिद्धिकी को चुनाव लड़ाना चाहती है.
राज्य के प्रभारी शक्तिसिंह गोहिल और तेजस्वी के बीच चर्चा हुई तो तेजस्वी ने स्पष्ट इंकार किया कि वह दरभंगा की सीट नहीं छोड़ेगें. बीच में स्थिति तो ऐसी बनी कि कांग्रेस और आरजेडी का गठबंधन टूटता नजर आ रहा था. लेकिन राहुल गांधी ने तत्काल हस्तक्षेप किया बिहार के कांग्रेस नेताओं को अपने आवास पर बुलाकर लंबी चर्चा के बाद राहुल ने तेजस्वी से फोन पर बात की और गठबंधन के पेंच को सुलझाया.
सूत्र बताते है कि कांग्रेस कीर्ति आजाद की सीट बदलने पर तैयार हो गयी है और दरभंगा की सीट आरजेडी के लिए छोड़ी जा रही है हालांकि अभी इसकी घोषणा होनी बाकी है जो संभवत: शुक्रवार सुबह होगी.
विवाद में दूसरी सीट सुपौल की थी जहां से कांग्रेस की वर्तमान सांसद रंजीत रंजन चुनाव मैदान में उतर रही है. आरजेडी का तर्क था कि उनके पति पप्पू यादव जो मधेपुरा से निर्दलीय उम्मीदवार के रुप में चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके है को कांग्रेस मनाये ताकि शरद यादव को गठबंधन का प्रत्याशी बनाया जा सके. कांग्रेस सूत्रों के अनुसार कांग्रेस तेजस्वी को मानने में कामयाब हो गयी है जिसके बाद रंजीत रंजन सुपौल से ही चुनाव लड़ेगी और आरजेडी उसका समर्थन करेगीं.
कांग्रेस और आरजेडी के बीच सीटों को लेकर उठे विवाद ने स्टार प्रचारक शत्रुघ्न सिन्हा और कीर्ति आजाद को कुछ देर के लिए असंमजस में डाल दिया हालांकि शत्रुघ्न सिन्हा को कांग्रेस ने साफ किया है कि वे पार्टी के पटना साहिब से उम्मीदवार होगें और आरजेडी भी उनका समर्थन करेगीं. लेकिन कीर्ति आजाद के सामने कांग्रेस ने तीन विकल्प रखे है जिनमें बिहार की बेतिया सीट, झारखंड से उनके पिता भगवतझा आजाद का परंपरागत संसदीय क्षेत्र और दिल्ली के पूर्वाचल के बाहुल्य वाली पश्चिमी दिल्ली का प्रस्ताव रखा है अब कीर्ति आजाद को तय करना है कि वे कहां से चुनाव लड़ना चाहते है.