लोकसभा चुनावः पीएम मोदी राष्ट्रवाद, तो राहुल गांधी रोजी-रोटीवाद के भरोसे?

By प्रदीप द्विवेदी | Published: May 2, 2019 06:04 PM2019-05-02T18:04:22+5:302019-05-02T18:04:22+5:30

लोकसभा चुनाव 2019: पिछले चुनाव में 15 लाख रुपए बैंक खातों में डालने के भाजपाई वादे पर तो वे सवाल खड़े कर ही रहे हैं, अपनी सरकार बनने पर गरीबों को सालाना 72 हजार रुपए देने का भरोसा भी दिला रहे हैं.

Lok Sabha elections: PM Modi's nationalism, then Rahul Gandhi's trust-in-roteism? | लोकसभा चुनावः पीएम मोदी राष्ट्रवाद, तो राहुल गांधी रोजी-रोटीवाद के भरोसे?

राहुल गांधी जहां बढ़ती जा रही बेरोजगारी के आधार पर पीएम मोदी सरकार पर निशाना साध रहे हैं, वहीं नए रोजगार के वादों के माध्यम से युवाओं से जुड़ने की कोशिश भी कर रहे हैं.

Highlightsइस चुनाव में जहां पीएम मोदी राष्ट्रवाद, तो राहुल गांधी रोटीवाद के भरोसे हैं. 23 मई के नतीजों में ही यह स्पष्ट होगा कि लोगों को कौनसा मुद्दा ज्यादा प्रभावित कर पाया.

राजस्थान की चुनावी जंग में एक बार फिर पीएम मोदी और राहुल गांधी चुनाव प्रचार में जुट गए हैं. इस चुनाव में जहां पीएम मोदी राष्ट्रवाद, तो राहुल गांधी रोटीवाद के भरोसे हैं. जनता दोनों की बातें ध्यान से सुन रही है और 23 मई के नतीजों में ही यह स्पष्ट होगा कि लोगों को कौनसा मुद्दा ज्यादा प्रभावित कर पाया.

जयपुर की सभा में पीएम मोदी ने संबोधित करते हुए पाकिस्तान, आतंकवाद, भारत की अंतरिक्ष शक्ति, वैश्विक कुटनीति में भारत की सफलता, मसूद अजहर को अन्तरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने पर देश-दुनिया का आभार, पाकिस्तान में आतंकवाद के खिलाफ उठने वाली आवाजें आदि का जिक्र किया, तो हमेशा की तरह पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकारों पर भी जमकर हमले किए.

यही नहीं, उन्होंने एक बार फिर सीएम अशोक गहलोत पर व्यक्तिगत निशाना साधते हुए कहा कि- उनके भरोसे कांग्रेस को जीत नहीं मिलेगी. उन्होंने कहा कि- मैंने राजस्थान का मिजाज पिछली बार आया था, तब देख लिया था. कांग्रेस का बचना मुश्किल है. 

उधर, राहुल गांधी रोजी-रोटी और काम-धंधे के मुद्दों पर पीएम मोदी सरकार को घेर रहे हैं. नोटबंदी और जीएसटी के कारण अस्त-व्यस्त हुई अर्थव्यवस्था को न्याय योजना से ठीक करने का दावा है, तो किसानों को जोड़ने के लिए किसान कर्जमाफी के उदाहरण हैं.

राहुल गांधी जहां बढ़ती जा रही बेरोजगारी के आधार पर पीएम मोदी सरकार पर निशाना साध रहे हैं, वहीं नए रोजगार के वादों के माध्यम से युवाओं से जुड़ने की कोशिश भी कर रहे हैं.

राहुल गांधी का सबसे ज्यादा जोर गरीबों के लिए योजना पर है. पिछले चुनाव में 15 लाख रुपए बैंक खातों में डालने के भाजपाई वादे पर तो वे सवाल खड़े कर ही रहे हैं, अपनी सरकार बनने पर गरीबों को सालाना 72 हजार रुपए देने का भरोसा भी दिला रहे हैं.

देखना मजेदार होगा कि पीएम मोदी का राष्ट्रवाद, तो राहुल गांधी का रोजी-रोटीवाद अगले चरण के मतदान में कितना असर डाल पाता है.

उल्लेखनीय है कि राजस्थान में अगले चरण का मतदान 6 मई 2019 को है, जिसमें 25 में से शेष बची 12 लोस सीटों के लिए मतदान होगा.

Web Title: Lok Sabha elections: PM Modi's nationalism, then Rahul Gandhi's trust-in-roteism?



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