लोकसभा चुनावः लैपटॉप, माउस और हेडफोन बन गए चुनाव चिन्ह, इस बार दोगुनी हुई निशानों की संख्या
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: April 1, 2019 08:40 AM2019-04-01T08:40:52+5:302019-04-01T08:40:52+5:30
अब ओखली, सूप, बल्टी, कप-बशी के साथ-साथ लैपटॉप, पेनड्राइव, कम्प्युटर माउस, हेडफोन, रोबोट जैसे चुनाव चिह्नों का विकल्प मौजूद है.
मुंबई, 31 मार्च: डिजिटल दुनिया के दौर में चुनाव चिह्न भी अब डिजिटल चीजों की पहचान वाले हो गए हैं. जैसे लैपटॉप, माउस, हेडफोन आदि नए चुनाव चिह्नों का समावेश चुनाव आयोग ने अपनी सूची में किया है. कभी निर्दलीय व नई पार्टियों के लिए चुनाव चिह्नों के रूप में ग्रामीण तथा पारंपरिक घरेलू चीजों की पहचान अब कम हो गई है. चुनाव आयोग ने डिजिटल चीजों का समावेश कर प्रत्याशियों के लिए चुनाव चिह्न के 198 विकल्प उपलब्ध कराए हैं. जिनमें अब ओखली, सूप, बल्टी, कप-बशी के साथ-साथ लैपटॉप, पेनड्राइव, कम्प्युटर माउस, हेडफोन, रोबोट जैसे चुनाव चिह्नों का विकल्प मौजूद है.
राष्ट्रीय व राज्यस्तरिय पार्टियों के उम्मीदवारों के अलावा चुनावी मैदान में ताल ठोंकने वाले निर्दलीय व नए दलों के प्रत्याशियों को यह चुनाव चिह्न आवंटित किए जाते हैं. 2014 के लोकसभा चुनाव में आयोग ने 87 चिह्न तय किए थे. इस मर्तबा चिह्नों की संख्या दोगुनी से ज्यादा कर दी गई है, जो भाजपा, कांग्रेस, शिवसेना, राकांपा जैसे पार्टियों के आरक्षित चुनाव चिह्नों के अतिरिक्त प्रत्याशियों के लिए उपलब्ध होंगे.
गन्ना किसान, नारियल का पेड़, डीजल पंप, ट्रैक्टर चलाता किसान, कुंआ जैसे पारंपरिक चिह्नों के साथ रोजमर्रा के उपयोग में आने वाली चीजें, निजी तथा गृहोपयोगी वस्तुएं, रसोई घर के सामान, खेल सामग्री, कृषि-निर्माण कार्य के साधन के साथ-साथ फल, सब्जियों और कम्प्युटर युग की चीजों को चुनाव आयोग ने चुनाव चिह्न की सूची में जगह दी है. हेल्मेट से सुरक्षा का संदेश चुनाव चिह्नों में हेल्मेट को भी शामिल कर आयोग ने यातायात सुरक्षा का संदेश दिया है.
रसोई घर से गैस सिलेंडर, गैस चूल्हा, फ्रिज, मिक्सर ग्राइंडर, प्रेशर कुकर, हांडी, कढाई, फ्राइंग पैन, कांच का ग्लास, ट्रे, खलबत्ता, ओखली, शिमला मिर्च, फूलगोभी, हरी मिर्च, भिंडी, आदरक, मटर, फल की टोकरी, सेब, अंगूर, नासपति, बिस्कुट, केक आदि को शामिल कर चुनाव आयोग ने रसोई घर की पहचान कायम रखी है.