लोकसभा चुनावः भारतीय सेना के पराक्रम पर सियासी श्रेय लेने-देने की होड़ मची!

By प्रदीप द्विवेदी | Published: February 27, 2019 12:20 PM2019-02-27T12:20:38+5:302019-02-27T12:20:38+5:30

पुलवामा हमले के बाद ही जैश के आतंकी शिविर चिन्हित कर लिए गए थे और इस ऑपरेशन में वायुसेना के विमानों ने पाकिस्तान के भीतर जाकर बालाकोट में आतंकी शिविर को नष्ट किया. 

Lok Sabha elections: A lot of political credits for the Indian Army's success! | लोकसभा चुनावः भारतीय सेना के पराक्रम पर सियासी श्रेय लेने-देने की होड़ मची!

लोकसभा चुनावः भारतीय सेना के पराक्रम पर सियासी श्रेय लेने-देने की होड़ मची!

राजनेताओं और उनके समर्थकों की रगों में राजनीति इस कदर समा गई है कि भारतीय सेना की उपलब्धियों पर, पराक्रम पर भी सियासी श्रेय लेने-देने की होड़ खत्म ही नहीं हो रही है. नतीजा यह है कि समर्थक जहां सेना की हर उपलब्धि अपने नेता के सियासी खाते में डाल रहे हैं, वहीं विरोधी, सर्जिकल स्ट्राइक जैसी शानदार उपलब्धि पर भी प्रश्नचिन्ह लगाने से बाज नहीं आते हैं.

पुलवामा हमले के बाद से ही आतंकियों और उनके आकाओं को कड़ा जवाब देने का दबाव था. भारतीय सेना ने बड़ी कार्रवाई की तैयारी कर ली और आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े ठिकाने को ध्वस्त कर दिया. वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में बम बरसाकर जैश-ए-मोहम्मद के बीस वर्ष पुराने सबसे बड़े अड्डे को साफ कर दिया.

पुलवामा हमले के बाद ही जैश के आतंकी शिविर चिन्हित कर लिए गए थे और इस ऑपरेशन में वायुसेना के विमानों ने पाकिस्तान के भीतर जाकर बालाकोट में आतंकी शिविर को नष्ट किया. 

भारतीय सेना की इस जोरदार कामयाबी के बाद तो लोकसभा चुनाव के मद्देनजर भाषणों, बयानों सहित सोशल मीडिया पर इसका प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष सियासी श्रेय लेने-देने की होड़ मच गई. 

जहां पीएम नरेन्द्र मोदी राजस्थान की सभा में इस सफलता पर भाषण दे रहे थे, वहीं विरोधी इसका सियासी तोड़ तत्काल तलाश नहीं पा रहे थे, इसलिए इस तरह की प्रतिक्रिया दे रहे थे कि इसका श्रेय केन्द्र सरकार को नहीं मिल जाए?

लेकिन, विरोधियों की ओर से सबसे खास सियासी प्रतिक्रिया बसपा प्रमुख मायावती की आई. उन्होंने भारतीय वायुसेना के बहादुर जांबाजों की साहसिक कार्रवाई की जमकर प्रशंसा की और सैनिकों को सलाम करते हुए कहा कि- जैश आतंकियों के खिलाफ पाक अधिकृत कश्मीर में घुसकर भारतीय वायुसेना के बहादुर जांबाजों की साहसिक कार्रवाई को सलाम व सम्मान. काश हमारी सेना को बीजेपी सरकार पहले ही खुला हाथ दे देती तो बेहतर होता!

एक ट्वीट में मायावती ने कहा कि- प्रधानमंत्री ने पुलवामा के जवानों की शहादत के बदले में कार्रवाई करने के लिए जो खुला हाथ सेना को दिया है अगर यह फैसला मोदी सरकार द्वारा पहले ले लिया गया होता तो पठानकोट, उरी और पुलवामा जैसी अति-दुःखद व अति-चिन्तित करने वाली घटनाएं नहीं होती और न ही इतने जवान शहीद होते.

कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी सोशल मीडिया पर वायुसेना की तारीफ की, परन्तु अभिनेता अनुपम खेर उन पर सियासी हमला करने से नहीं चूके, राहुल ने लिखा था- मैं आईएएफ के पायलट्स को सैल्यूट करता हूं, उनके इस ट्वीट को अनुपम खेर ने रीट्वीट करते हुए लिखा- आज से प्रधानमंत्री को भी सैल्यूट करने की शुरुआत करने का अच्छा दिन होगा!

प्रेस से बातचीत में बीजेपी के बागी नेता शत्रुघ्न सिन्हा ने वायुसेना की सर्जिकल स्ट्राइक पर कहा कि- अभी सेलिब्रेशन की घड़ी नहीं है. इस वक्त सभी लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ देख रहे हैं. वह देश के मुखिया हैं. जब तक वायुसेना की सर्जिकल स्ट्राइक लॉजिकल नतीजे तक नहीं पहुंच जाती है, तब तक सतर्क रहना चाहिए. 

उनका कहना था कि- उल्लास की वजह है, लेकिन सेलिब्रेशन की घड़ी नहीं है. इस वक्त हम सभी प्रधानमंत्री के साथ हैं. इस बारे में हमने ट्वीट भी किया है कि ऐसा एक्शन होना चाहिए कि कोई दोबारा पुलवामा जैसी हिमाकत न करे.

राजनेताओं और समर्थकों-विरोधियों की प्रतिक्रियाओं के बाद सबसे बड़ा सवाल यही है कि- भारतीय सेना की उपलब्धियों पर सियासी श्रेय लेने-देने की होड़ कब खत्म होगी?

Web Title: Lok Sabha elections: A lot of political credits for the Indian Army's success!