Lok Sabha Elections 2024: "तृणमूल बंगाल में कांग्रेस को एक भी सीट नहीं देगी", डेरेक ओ ब्रायन ने फिर दोहाराया पार्टी का रूख
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: February 24, 2024 08:52 AM2024-02-24T08:52:28+5:302024-02-24T08:55:21+5:30
पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के गठबंधन सपने को चकनाचूर करते हुए तृणमूल कांग्रेस ने एक बार फिर से साफ किया है कि बंगाल की सभी लोकसभा सीटों पर वो अकेले चुनाव लड़ेगी।

फाइल फोटो
कोलकाता: पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के गठबंधन सपने को चकनाचूर करते हुए तृणमूल कांग्रेस ने एक बार फिर से साफ किया है कि बंगाल की सभी लोकसभा सीटों पर वो अकेले चुनाव लड़ेगी और विपक्षी गठबंधन की अगुवाई कर रही कांग्रेस से किसी प्रकार का कोई समझौता नहीं करेगी।
समाचार वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डेरेक ओ ब्रायन ने बीते शुक्रवार को कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस अकेले पश्चिम बंगाल में अकेले लड़ेगी।
उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल की सभी 42 लोकसभा सीटों, असम की कुछ सीटों और मेघालय की एक सीट पर चुनाव लड़ने के पार्टी के रुख में 'कोई बदलाव नहीं' आया है। यह टिप्पणी उन खबरों के बीच आई है कि कांग्रेस पार्टी ने राज्य में गठबंधन के लिए ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली टीएमसी के साथ बातचीत फिर से शुरू की है।
डेरेक ओ ब्रायन ने कहा, "कुछ हफ्ते पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि तृणमूल बंगाल की सभी 42 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। हम असम की कुछ सीटों और मेघालय की तुरा लोकसभा सीट पर भी मैदान में हैं और इस स्थिति में कोई बदलाव नहीं है।"
इससे पहले शुक्रवार को कांग्रेस ने कहा कि पार्टी और टीएमसी के बीच सीट-बंटवारे की बातचीत पटरी पर आ गई है, क्योंकि टीएमसी ने शुरू में दावा किया था कि वह अप्रैल-मई में लोकसभा चुनाव अकेले लड़ेगी।
मालूम हो कि बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पिछले महीने कहा था कि कांग्रेस के साथ सीट शेयरिंग पर बातचीत विफल हो गई क्योंकि कांग्रेस ने उनके प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था। उन्होंने सीट-बंटवारे समझौते को अंतिम रूप देने में देरी के लिए भी कांग्रेस की ओर इशारा किया था।
वहीं कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने दावा किया था कि बंगाल में तृणमूल कांग्रेस ने उनकी पार्टी को केवल दो सीटों की पेशकश की थी। उसके बाद डेरेक ओ'ब्रायन ने दावा किया था कि अकेले लोकसभा चुनाव लड़ने के पार्टी के फैसले के मुख्य कारणों में से अधीर रंजन चौधरी भी एक प्रमुख कारण थे।
बंगाल से इतर कांग्रेस की अन्य राज्यों में क्षेत्रीय क्षत्रपों के साथ हुई सीट शेयरिंग की बात करें तो कांग्रेस ने हाल ही में उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन किया है। उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में कांग्रेस 17 सीटों पर और समाजवादी पार्टी 63 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
यूपी में कांग्रेस रायबरेली, अमेठी, फ़तेहपुर सीकरी, सहारनपुर, प्रयागराज, महाराजगंज, वाराणसी, अमरोहा, झांसी, बुलन्दशहर, ग़ाज़ियाबाद, मथुरा, सीतापुर, बाराबंकी, कानपुर, बांसगांव और देवरिया से चुनाव लड़ेगी, वहीं बाकी अन्य सीट पर सपा चुनाव लड़ेगी।
महाराष्ट्र की बात करें तो वहां पर कांग्रेस का गठबंधन उद्धव ठाकरे की शिवसेना और शरद पवार की एनसीपी के साथ है। राज्य में कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के बीच लोकसभा सीटों को अंतिम रूप देने पर बातचीत चल रही है।
दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच समझौता हो गया है। दिल्ली सी सात लोकसभा सीटों में अरविंद केजरीवाल की पार्टी आप चार सीटों पर और कांग्रेस तीन सीटों पर चुनाव लड़ेगी।