Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव कन्नौज से लड़ेंगे सपा प्रमुख, अखिलेश ने कहा-बीजेपी प्रत्याशी को 3 लाख वोट से हराएंगे, सहयोगियों से शुरू की बातचीत
By राजेंद्र कुमार | Published: May 4, 2023 08:07 PM2023-05-04T20:07:37+5:302023-05-04T20:08:45+5:30
Lok Sabha Elections 2024: सपा मुखिया की घोषणा को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि सपा अब इसी तरह से आगामी लोकसभा चुनावों को लेकर यूपी की सीटों पर चुनाव लड़ने वाले पार्टी नेताओं के नामों का खुलासा करती रहेगी.
लखनऊः समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव अगला लोकसभा चुनाव कन्नौज सीट से लड़ेंगे. यह ऐलान अखिलेश यादव ने खुद कन्नौज में किया है. उन्होने यह भी कहा है कि वह इस सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार को करीब 3 लाख वोटों से हरायेंगे.
सपा मुखिया की इस घोषणा को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि सपा अब इसी तरह से आगामी लोकसभा चुनावों को लेकर यूपी की सीटों पर चुनाव लड़ने वाले पार्टी नेताओं के नामों का खुलासा करती रहेगी. जिसके चलते ही यूपी की 80 संसदीय सीटों में कन्नौज सीट पर अखिलेश ने खुद चुनाव लड़ने का ऐलान कर भारतीय जनता पार्टी के लिए चुनौती खड़ी कर दी है.
अखिलेश यादव अभी करहल विधानसभा सीट से विधायक हैं और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं. अखिलेश यादव पिछला लोकसभा चुनाव आजमगढ़ से लड़े और जीते थे. यूपी में पार्टी को मजबूत करने की सोच के तहत उन्होने आजमगढ़ सीट से इस्तीफा दे दिया था. अखिलेश ने अपना राजनीतिक सफर कन्नौज लोकसभा सीट से किया था.
इस सीट पर साल 2000 में हुए उपचुनाव में वह सांसद चुने गए थे. इसके बाद वर्ष 2004 में वह दोबारा और वर्ष 2009 में तीसरी बार लोकसभा सांसद चुने गए थे. साल 2012 में उत्तर प्रदेश के जब अखिलेश सूबे के मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने कन्नौज लोकसभा सीट से इस्तीफा दे दिया था. तब कन्नौज सीट से अखिलेश की पत्नी डिंपल यादव 2012 में निर्विरोध सांसद चुनी गई थीं.
इसके बाद डिंपल यादव ने वर्ष 2014 में दोबारा इस सीट से जीत दर्ज की, लेकिन 2019 के चुनाव में भाजपा के सुब्रत पाठक ने इस सीट को सपा के हाथों से छीन लिया था. सुब्रत पाठक कन्नौज के तेज-तर्रार हिंदूवादी नेता हैं. वह अखिलेश यादव के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं.
बीते लोकसभा चुनाव में मोदी फैक्टर और सवर्ण के साथ लोध समाज के भाजपा की तरफ हुए झुकाव की वजह से सुब्रत पाठक ने सपा बसपा गठबंधन की प्रत्याशी डिंपल यादव को चुनाव हार दिया था. बीते लोकसभा चुनाव में डिंपल यादव की हुई हार अखिलेश यादव को अभी भी दुख पाहुचाती है. इसके कई कारण है.
एक तो यह कि कन्नौज संसदीय क्षेत्र समाजवादी विचारधारा के जनक डा. राम मनोहर लोहिया की कर्मभूमि रही है. दूसरा ये कि इस क्षेत्र में समाजवाद की जड़ें गहरी हैं. और अखिलेश यादव ने कभी इत्र, तो कभी गट्टे और आलू तथा सूरजमुखी की खेती के लिए चर्चित इस क्षेत्र के विकास की खातिर बहुत कुछ किया है.
ऐसे में अब सपा मुखिया ने कन्नौज सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान का भाजपा और सुब्रत पाठक के लिए चुनौती खड़ी कर दी है. अखिलेश को विश्वास है चाचा शिवपाल के फिर से उनके साथ आ जाने के बाद से आलू बेल्ट में माहौल बदला है. जिसके चलते मैनपुरी सीट पर भाजपा को हारा कर डिंपल यादव लोकसभा में पहुंची गई.
अब उसी तरफ से आगामी लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव भी कन्नौज सीट से भाजपा के प्रत्याशी को हराने में सफल होंगे. सपा नेताओं का कहना है कि कन्नौज से भाजपा के सांसद सुब्रत पाठक को लेकर क्षेत्र के लोग खासे नाराज है क्योंकि उन्होंने क्षेत्र के विकास को लेकर कोई पहल नहीं की है.
ऐसे में अखिलेश यादव के हौसले कन्नौज में बुलंद हैं और उन्होने इस सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान का यह जता भी दिया है. इसके साथ ही यह भी संकेत कर दिया है कि सपा यूपी की सभी 80 सीटों पर अपने सहयोगियों के साथ मिलकर चुनावी तैयारी में जुटी हुई है. और सपा ने किस सीट पर अपने प्रत्याशी खड़ा करेगी? इसका होमवर्क भी करा जा रहा है.