Lok Sabha Elections 2024: 4650 करोड़ रुपये की जब्ती, टूटेगा 75 साल का इतिहास, धनबल पर रोक को लेकर एजेंसी सख्त

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 15, 2024 03:45 PM2024-04-15T15:45:33+5:302024-04-15T17:04:10+5:30

Lok Sabha Elections 2024: बयान के मुताबिक, ''ऐसे में जब 2024 के आम चुनाव की प्रक्रिया जारी है, आयोग देश में लोकसभा चुनाव के 75 वर्षों के इतिहास में सबसे अधिक जब्ती करने की राह पर है।''

Lok Sabha Elections 2024 Seizure Rs 4650 crore 75 years of history will be broken agency strict ban money power | Lok Sabha Elections 2024: 4650 करोड़ रुपये की जब्ती, टूटेगा 75 साल का इतिहास, धनबल पर रोक को लेकर एजेंसी सख्त

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Highlightsदेश की 18वीं लोकसभा के चुनाव के लिए शुक्रवार को पहले चरण का मतदान होगा।प्रवर्तन एजेंसियों ने धनबल पर रोक लगाने के लिए 4,650 करोड़ रुपये से अधिक की जब्ती की है।बंगाल में सोमवार को मुर्शिदाबाद के उप महानिरीक्षक (डीआईजी) को हटाने का आदेश दिया।

Lok Sabha Elections 2024: निर्वाचन आयोग ने सोमवार को कहा कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर अधिकारियों ने नकदी, मादक पदार्थ और शराब सहित कुल 4,650 करोड़ रुपये मूल्य की जब्ती की है। कुल जब्ती में 45 प्रतिशत हिस्सेदारी मादक पदार्थों की है। आयोग ने कहा कि एक मार्च से की गई जब्ती, 2019 के संसदीय चुनाव के दौरान जब्त किये गए 3,475 करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गई है। आयोग ने 16 मार्च को सात चरणों में लोकसभा चुनाव कराने की घोषणा की थी। पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को और अंतिम चरण का मतदान एक जून को होना है।

आयोग ने कहा कि अधिकारियों ने एक मार्च से प्रतिदिन 100 करोड़ रुपये मूल्य की जब्ती की है। कुल 4,658 करोड़ रुपये मूल्य की जब्ती में 395 करोड़ रुपये नकद, 489 करोड़ रुपये से अधिक की शराब और 2,069 करोड़ रुपये मूल्य के मादक पदार्थ शामिल हैं। आयोग ने कहा कि राजनीतिक वित्तपोषण के अलावा काले धन का इस्तेमाल, समान अवसर को प्रभावित कर सकता है।

यह जब्ती, प्रलोभन और कदाचार मुक्त लोकसभा चुनाव कराने तथा समान अवसर सुनिश्चित करने के उसके संकल्प का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। पिछले कुछ वर्षों में गुजरात, पंजाब, मणिपुर, नगालैंड, त्रिपुरा और मिजोरम में चुनावों के दौरान बड़ी मात्रा में जब्ती की गई है।

आयोग ने कहा कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने पिछले महीने आम चुनाव की घोषणा करते हुए धन बल को एक प्रमुख चुनौती बताया था। निर्वाचन आयोग ने कहा कि चुनाव प्रचार में राजनीतिक नेताओं की मदद करते पाये गए करीब 106 सरकारी अधिकारियों के खिलाफ उसने कड़ी कार्रवाई की है।

निर्वाचन आयोग ने सोमवार को पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद के पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) को हटाने का आदेश दिया। उन्हें जिले में हिंसा तथा अन्य घटनाओं को तुरंत रोकने में कथित तौर पर ‘पर्यवेक्षण की कमी’ को लेकर हटाया गया है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। आयोग ने कहा कि जिले में दो हिंसक घटनाएं हुईं, जिनमें हथियारों और विस्फोटकों का इस्तेमाल किया गया।

सूत्रों ने बताया कि भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी मुकेश को हटाया जा रहा है। वह मुर्शिदाबाद रेंज के पुलिस उप महानिरीक्षक हैं । उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले राज्य का दौरा करते समय आयोग ने कहा था कि चुनावी हिंसा को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और ‘‘उच्च स्तर’’ पर जिम्मेदारी तय की जाएगी।

ईद पर इस ‘हाई-प्रोफाइल’ निर्वाचन क्षेत्र में हिंसा की सूचना मिली थी। इस क्षेत्र में तृणमूल कांग्रेस के प्रतिद्वंद्वी गुटों ने कथित तौर पर एक-दूसरे पर बम फेंके थे। इस सीट पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी, तृणमूल कांग्रेस नेता और पूर्व भारतीय क्रिकेटर यूसुफ पठान तथा भाजपा के गौरी शंकर घोष मैदान में हैं।

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