Lok Sabha Elections 2024: विपक्षी दलों की अगली बैठक 13-14 जुलाई को बेंगलुरु में, राकांपा प्रमुख पवार ने कहा- एकता को देख पीएम मोदी बेचैन हो गए हैं
By सतीश कुमार सिंह | Updated: June 29, 2023 17:22 IST2023-06-29T17:02:46+5:302023-06-29T17:22:41+5:30
Lok Sabha Elections 2024: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मेजबानी में पटना में आयोजित विपक्षी दलों की बैठक में एक दर्जन से अधिक दलों के 32 से अधिक नेताओं ने भाग लिया और 2024 के लोकसभा चुनाव में मिलकर भाजपा का मुकाबला करने का संकल्प लिया था।

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Lok Sabha Elections 2024: एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि विपक्ष की अगली बैठक 13-14 जुलाई को बेंगलुरु में होगी। पटना में विपक्षी दलों की बैठक के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बेचैन हो गए हैं। शरद पवार ने कहा कि देवेन्द्र फड़नवीस को अनुचित टिप्पणियां करने के बजाय महिलाओं की सुरक्षा पर ध्यान देना चाहिए।
शरद पवार ने कहा कि मणिपुर जल रहा है, लेकिन मोदी सरकार स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कोई कदम नहीं उठा रही है। राकांपा अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को विचार करना चाहिए कि क्या मौजूदा और पूर्व मुख्यमंत्रियों के खिलाफ इस तरह से बोलना उचित है। भोपाल में आयोजित एक कार्यक्रम में विपक्षी नेताओं के खिलाफ प्रधानमंत्री के तीखे हमले के बीच पवार का यह बयान सामने आया।
The next meeting of the Opposition will be held in Bengaluru on July 13-14, says NCP chief Sharad Pawar pic.twitter.com/aS3DDh0YBX
— ANI (@ANI) June 29, 2023
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मेजबानी में पटना में आयोजित विपक्षी दलों की बैठक में एक दर्जन से अधिक दलों के 32 से अधिक नेताओं ने भाग लिया और 2024 के लोकसभा चुनाव में मिलकर भाजपा का मुकाबला करने का संकल्प लिया था।
मोदी ने दिन की शुरुआत में भाजपा के खिलाफ संयुक्त मोर्चा बनाने की मंशा से पटना में आयोजित बैठक में भाग लेने वाली विपक्षी पार्टियों की सरकारों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों को गिनाया था। पवार ने कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने देश के समक्ष एक नया उदाहरण पेश किया है कि लोगों के बारे में बात कैसे करते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘विपक्ष की बैठक में शामिल लोगों में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री समेत कई पूर्व मुख्यमंत्री शामिल थे, जिनके पास अपने-अपने राज्यों पर शासन करने की जिम्मेदारी थी और जिन्हें लोगों का समर्थन प्राप्त है। (अपने) सहकर्मियों के बारे में ऐसे बयान देना कितना उचित है?
प्रधानमंत्री को इस बारे में सोचना चाहिए।’’ राकांपा के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों के बारे में बात करते हुए मोदी द्वारा कथित महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक घोटाले का उल्लेख किये जाने पर पवार ने कहा कि वह कभी भी इस बैंक के सदस्य नहीं थे।