मुर्शिदाबाद: पश्चिम बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने सूबे की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर बेहद तीखा हमला करते हुए बीते मंगलवार को कहा कि कांग्रेस बंगाल में उनकी दया के भरोसे नहीं है, पार्टी अपने बल पर चुनाव लड़ना जानती है।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार लोकसभा में कांग्रेस पार्टी के नेता और सांसद अधीर रंजन चौधरी ने तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी की बेहद कड़ी निंदा करते हुए उन्हें "अवसरवादी" तक कह दिया। इसके साथ उन्होंने यह भी कहा कि साल 2011 के चुनाव में ममता बनर्जी पर कांग्रेस ने कृपा की थी, जिसके कारण वो सत्ता में आई थीं।
अधीररंजन चौधरी ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा, "इस बार कांग्रेस ममता बनर्जी की दया पर चुनाव नहीं लड़ेगी। ममता बनर्जी जो दो सीटें छोड़ रही हैं, उन पर कांग्रेस ने बीजेपी और तृणमूल को हराया। कांग्रेस पार्टी जानती है कि चुनाव कैसे लड़ना है। ममता बनर्जी अवसरवादी नेता हैं, वह कांग्रेस की दया से 2011 में सत्ता में आई थीं।''
इससे पहले बीते शनिवार को भी अधीर रंजन चौधरी ने ममता बनर्जी के खिलाफ बेहद आक्रामक बयान देते हुए कहा था कि उन्हें किसी की परवाह नहीं है, चाहे कोई भी पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव लड़ रहा हो क्योंकि वह अच्छी तरह से जानते हैं कि चुनाव कैसे लड़ना और जीतना है।
अधीर रंजन चौधरी ने कहा, "मुझे किसी की परवाह नहीं है। हमारे नेता पहले ही बोल चुके हैं। मैं चुनाव लड़कर और जीतकर ही यहां पहुंचा हूं। हम जानते हैं कि कैसे चुनाव लड़ना है और जीतना है।"
कांग्रेस नेता चौधरी ने पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के साथ सीट बंटवारे पर तृणमूल महासचिव कुणाल घोष के उस बयान पर प्रतिक्रिया दे रहे थे, जिसमें कुणाल घोष ने कहा था कि तृणमूल राज्य की सभी 42 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
अधीर के अलावा कुणाल के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उनकी "बहुत करीबी" हैं। राहुल गांधी ने कहा था कि तृणमूल कांग्रेस प्रमुख बनर्जी के खिलाफ अधीर रंजन चौधरी द्वारा की गई तीखी टिप्पणी "कोई मायने नहीं रखेगी" और बंगाल में सीट-बंटवारे की बातचीत पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
राहुल गांधी ने कहा था, "बंगाल में सीट-बंटवारे पर बातचीत चल रही है। मैं यहां टिप्पणी नहीं करना चाहता लेकिन ममता बनर्जी मेरी और हमारी पार्टी की बहुत करीबी हैं। कभी-कभी हमारे नेता कुछ कहते हैं, उनके नेता कुछ कहते हैं, और यह चलता रहता है। यह स्वाभाविक बात है। ऐसी टिप्पणियों से कोई फर्क नहीं पड़ेगा और ये ऐसी चीजें नहीं हैं जिनसे बाधा आने वाली हैं।"