Lok Sabha Elections 2024: मतगणना से पहले 150 डीएम को शाह ने किया फोन, जयराम का आरोप, मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव बोले- सबूत दीजिए, कार्रवाई करूंगा
By सतीश कुमार सिंह | Updated: June 3, 2024 15:44 IST2024-06-03T15:43:04+5:302024-06-03T15:44:50+5:30
Lok Sabha Elections 2024: निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार और एस.एस. संधू भी मौजूद थे।

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Lok Sabha Elections 2024: निर्वाचन आयोग ने मतगणना से पहले 150 जिलाधिकारी को प्रभावित करने का प्रयास किए जाने संबंधी दावे को साबित करने के लिए कांग्रेस के जयराम रमेश को अतिरिक्त समय देने से इनकार किया। मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने सोमवार को विपक्ष को चुनौती दी कि वे उन आरोपों के साक्ष्य साझा करें जिनमें कहा गया है कि निर्वाचन अधिकारियों और जिलाधिकारियों को चुनाव प्रक्रिया को दूषित करने के लिए प्रभावित किया गया था, ताकि आयोग उनके खिलाफ कार्रवाई कर सके। कुमार ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि विपक्ष को मतगणना शुरू होने से पहले चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश करने वालों के बारे में भी आयोग को बताना चाहिए। संवाददाता सम्मेलन में उनके साथ निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार और एस.एस. संधू भी मौजूद थे।
#UPDATE | ECI rejects Congress leader Jairam Ramesh';s request of seeking a time of one week to respond, ECI asked him to reply by 7 pm today. https://t.co/k8sfsqDkW1pic.twitter.com/OQDds5Q7ya
— ANI (@ANI) June 3, 2024
कुमार ने कहा, “आप अफवाह फैलाकर सभी को संदेह के घेरे में नहीं ला सकते।” उन्होंने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा कि आयोग ने चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने के किसी भी विदेशी प्रयास से निपटने के लिए तैयारी की थी, लेकिन ये आरोप देश के भीतर से ही आए हैं। जिलाधिकारियों को प्रभावित किए जाने के आरोपों पर आपत्ति जताते हुए मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा, “आरोप लगाने वालों को बताना चाहिए कि किस जिलाधिकारी को प्रभावित किया गया और हम उन्हें दंडित करेंगे। मतगणना प्रक्रिया शुरू होने से पहले उन्हें हमें बताना चाहिए।”
"Not right to spread rumour... will punish...", says CEC Rajiv Kumar on Jairam Ramesh allegations against Amit Shah
— ANI Digital (@ani_digital) June 3, 2024
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कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने दावा किया था कि गृह मंत्री अमित शाह जिलाधिकारियों या कलेक्टरों को फोन कर रहे हैं और उन्हें “खुलेआम” डराने-धमकाने में लगे हैं। चुनाव के दौरान जिला मजिस्ट्रेट या कलेक्टर अपने-अपने जिलों के निर्वाचन अधिकारी होते हैं। रमेश ने दावा किया कि शाह पहले ही 150 जिला मजिस्ट्रेट या कलेक्टरों से बात कर चुके हैं।
कुमार ने रविवार को आयोग से मुलाकात करने वाले बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल की सभी मांगों को स्वीकार कर लिया था और कहा था कि उनके द्वारा उठाए गए मुद्दे सात दशकों से चली आ रही चुनाव प्रक्रिया का हिस्सा हैं। कुमार ने कहा, “कुछ मांग बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल द्वारा की गई थीं। हमनें उनकी सभी मांगें मान लीं।”
उन्होंने संकेत दिया कि बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल द्वारा उठाए गए अधिकांश मुद्दे चुनाव नियमावली का हिस्सा थे। कुमार ने कहा, “यह प्रक्रिया 70 सालों से चल रही है... हमने हर निर्वाचन अधिकारी/सहायक निर्वाचन अधिकारी को निर्देश दिए हैं। ये हमारे आदेश हैं और ये कोई मजाक नहीं है... सभी को हैंडबुक/नियमावली का पालन करने का निर्देश दिया गया है।” कुमार ने स्वीकार किया कि निर्वाचन आयोग चुनाव प्रक्रिया के दौरान फैलाए गए शरारतपूर्ण विमर्श का मुकाबला करने में विफल रहा है।
(इनपुट एजेंसी)