Lok Sabha Elections 2024: देश में आगामी लोकसभा चुनाव और कुछ राज्यों में विधानसभा चुनावों के मद्देनजर केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) के 3.4 लाख से अधिक कर्मियों की तैनाती की पहले चरण की कवायद शुक्रवार से शुरू हो गई आधिकारिक सूत्रों ने जानकारी दी। योजना के अनुसार, एक मार्च से शुरू हो रही संबंधित कवायद में संवेदनशील और अति-संवेदनशील निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव पूर्व तैनाती के रूप में लगभग 2,000 कंपनियों को तैनात किया जाएगा। सूत्रों ने बताया कि इस कवायद के हिस्से के रूप में लगभग 1.5 लाख कर्मी सड़कों और रेल मार्ग से आगे बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि सीएपीएफ की पहली इकाइयां इस सप्ताह के अंत में पश्चिम बंगाल के अलावा वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित राज्यों और जम्मू-कश्मीर में पहुंचना शुरू कर देंगी।
सूत्रों के अनुसार, इन इकाइयों की तैनाती की दूसरे चरण की कवायद सात मार्च से शुरू की जाएगी। इसके बाद कुछ अंतिम इकाइयां मार्च के दूसरे और तीसरे सप्ताह में अपने निर्धारित स्थानों पर पहुंचेंगी। सीएपीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इन इकाइयों के कमांडिंग अधिकारियों को चुनाव ड्यूटी संबंधी कूच आदेश जारी कर दिए गए हैं और निर्देश दिया गया है कि वे तैनाती के लिए भेजे जाने वाले सुरक्षाकर्मियों को निर्वाचन आयोग द्वारा जारी सामान्य निर्देशों के अलावा उन क्षेत्रों से अवगत कराएं जहां वे चुनाव ड्यूटी के लिए जा रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार, पहले चरण में, विभिन्न राज्यों में कानून और व्यवस्था संबंधी कर्तव्य के लिए तैनात कंपनियों तथा प्रशिक्षण अभ्यास जैसी रिजर्व कंपनियों को भेजा जा रहा है। सीमा रक्षा और सुरक्षा जैसे नियमित कर्तव्यों के लिए तैनात कुछ इकाइयों की मदद बाद के चरणों के दौरान ली जाएगी।
सीएपीएफ के कर्मी केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल(सीआईएसएफ) और सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) से लिए जाते हैं। लोकसभा चुनाव और आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा तथा सिक्किम में आगामी विधानसभा चुनाव के दौरान स्वतंत्र और निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित करने के लिए निर्वाचन आयोग द्वारा सीएपीएफ और राज्य पुलिस बलों की कम से कम 3,400 कंपनियों की मांग की गई है।
निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव तिथि और चुनाव संबंधी चरणों के बारे में मार्च में घोषणा किए जाने की उम्मीद है। इसने रेलवे बोर्ड को सुरक्षाकर्मियों और अधिकारियों के लिए "सुचारू एवं निर्बाध" ट्रेन आवाजाही सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया है।