Lok Sabha Elections 2024: इंडिया गठबंधन में सीट को लेकर किचकिच, जदयू को बिहार में 16 सीट चाहिए, 24 सीट राजद, कांग्रेस और अन्य दलों आपस में बांट लीजिए...
By एस पी सिन्हा | Published: January 9, 2024 04:29 PM2024-01-09T16:29:02+5:302024-01-09T16:31:26+5:30
Lok Sabha Elections 2024: नीतीश कुमार के जदयू अध्यक्ष बनने के बाद इंडिया गठबंधन पर इस बात को लेकर दबाव बढ़ाता जा रहा है कि सीटों के बंटवारे पर जल्द से जल्द निर्णय लिया जाए।
Lok Sabha Elections 2024: भाजपा को केंद्र की सत्ता से बेदखल करने के लिए 26 दलों से अधिक के बने इंडिया गठबंधन में अभी तक सीटों के तालमेल को लेकर फंसी पेंच के बाद कयासों के बाजार गर्म हो गए हैं। इधर, नीतीश कुमार के जदयू अध्यक्ष बनने के बाद इंडिया गठबंधन पर इस बात को लेकर दबाव बढ़ाता जा रहा है कि सीटों के बंटवारे पर जल्द से जल्द निर्णय लिया जाए।
जदयू के इस आक्रामक रवैये को लेकर चर्चा तेज है कि आखिरकार जदयू की आक्रामकता के पीछे वजह क्या है? इस वजह से इंडिया गठबंधन की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। दरअसल, इंडिया गठबंधन की दिल्ली बैठक के बाद भी जब नीतीश कुमार की भूमिका को लेकर तस्वीर साफ नहीं हो पाई तबसे ही जदयू इंडिया गठबंधन खासकर कांग्रेस पर कुछ ज्यादा ही हमलावर हो गई है।
नीतीश कुमार की पार्टी के आक्रामक तेवर की वजह से गठबंधन पर सवाल उठने लगे हैं। नीतीश कुमार की पार्टी के बयानों से खासकर बड़े नेताओं के बयान से इस बात की सुगबुगाहट भी तेज है कि क्या भाजपा के साथ भी कोई संभावना है? इसे लेकर ऐसी अटकलों को जदयू के नेता खारिज कर रहे हैं।
लेकिन सियासी हलके में जदयू के तेवर ने महागठबंधन की परेशानी फिलहाल तो बढ़ा ही दी है। कुछ दिन पहले तक जदयू के नेता इशारों में नीतीश कुमार को संयोजक बनने की मांग तेज कर रहे थे, लेकिन अब जदयू नेताओं के सुर बदल गए हैं और नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने की मांग जोर-शोर कर रहे हैं।
इन नेताओं की ओर से यह भी दावा किया जा रहा है कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो एनडीए को 2024 में नहीं हराया जा सकता है। जदयू ने साफ कर दिया है कि वह अपनी सीटिंग सीटों को किसी भी हाल में नहीं छोड़ेगी। 16 से कम सीटों पर जदयू समझौता करने को तैयार नहीं है। जदयू ने बाकी बचे 24 सीटों पर राजद, कांग्रेस और अन्य दलों को आपस में बांट लेने की नसीहत दे दी है।
जिस राजद के बिहार में एक भी सांसद नहीं है वह भी अधिक से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। हालांकि उसने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं। दरअसल, इस गठबंधन में वैसे दल भी शामिल हैं जो कभी एक दूसरे से बात करना तो दूर देखने तक को तैयार नहीं थे।
भाजपा के खिलाफ सभी विपक्षी दल एकजुट तो हो गए। लेकिन इन दलों के बीच ना तो कोई तालमेल है और ना ही एक दूसरे पर भरोसा। ऐसे में सवाल उठने लगा है कि क्या इंडिया लोकसभा चुनाव में एनडीए से टक्कर ले पाएगा? उधर, एनडीए में शामिल दल कह रहे हैं कि हमारे यहां सीट बंटवारे में किसी तरह की कोई परेशानी नहीं है।
बड़े ही आराम से सीटों का बंटवारा हो जाएगा। एनडीए में शामिल दलों के भीतर सीट शेयरिंग को लेकर बातचीत चल तो जरूर रही है, लेकिन फिलहाल किसी तरह के विवाद सामने नहीं आया है। जबकि विपक्षी खेमें में सीटों के बंटवारे को लेकर घमासान मचा हुआ है।