Lok Sabha Elections 2024: तमिलनाडु में भाजपा को बड़ा झटका लगा है। अन्नाद्रमुक ने भाजपा के नेतृत्व वाले राजग गठबंधन से नाता तोड़ लिया। अन्नाद्रमुक का कहना है कि वह 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए अलग मोर्चा का नेतृत्व करेगा। सभी रिश्ते तोड़ने की घोषणा के बाद अन्नाद्रमुक कार्यकर्ताओं ने चेन्नई में पटाखे फोड़े।
दक्षिण भारत राज्य तमिलनाडु में 39 लोकसभा की सीट है। लोकसभा चुनाव 2024 में निर्धारित है। अन्नाद्रमुक के उप समन्वयक केपी मुनुसामी ने कहा कि अन्नाद्रमुक ने बैठक में सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया। अन्नाद्रमुक आज से भाजपा और एनडीए गठबंधन से सभी संबंध तोड़ रही है। भाजपा का राज्य नेतृत्व लगातार हमारे पूर्व नेताओं के बारे में अनावश्यक टिप्पणी कर रहा है।
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से बाहर निकलने का फैसला यहां अन्नाद्रमुक मुख्यालय में पार्टी प्रमुख ई के पलानीस्वामी की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय बैठक में किया गया। बैठक में हुए विचार-विमर्श के बारे में संवाददाताओं को जानकारी देते हुए, पूर्व मंत्री और वरिष्ठ नेता के पी मुनुसामी ने कहा कि पार्टी ने राजग से अलग होने और अगले साल होने वाले चुनाव में समान विचारधारा वाले दलों के गठबंधन का नेतृत्व करने का सर्वसम्मति से संकल्प लिया है।
स्वीकार किए गए संकल्प में किसी का नाम लिए बिना कहा गया है कि भाजपा का राज्य नेतृत्व हाल ही में पार्टी की नीतियों की आलोचना करने के साथ ही मशहूर द्रविड़ हस्ती दिवंगत सी एन अन्नादुरै और दिवंगत मुख्यमंत्री जे जयललिता को बदनाम कर रहा है।
अन्नाद्रमुक भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के अन्नामलाई के बयानों को लेकर नाराज थी और अन्नादुरै के बारे में उनके हालिया बयानों से दोनों दलों के बीच दरार पैदा हो गई थी। अन्नाद्रमुक की इस बैठक में पार्टी के शीर्ष पदाधिकारियों के साथ ही जिला सचिवों और विधायकों एवं सांसदों ने हिस्सा लिया। यहां पार्टी मुख्यालय में पटाखे चलाए जाने के बीच, मुनुसामी ने कहा कि सर्वसम्मति से किए गए इस फैसले में दो करोड़ से अधिक पार्टी कार्यकर्ताओं की भावनाओं एवं आकांक्षाओं का सम्मान किया गया है।
द्रविड़ नेता सीएन अन्नादुरई को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ तनातनी बढ़ गई थी। अन्नाद्रमुक ने स्पष्ट किया कि वह दिवंगत मुख्यमंत्री और अपने अन्य नेताओं का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती। वर्ष 1972 में अन्नाद्रमुक का गठन करने वाले एमजीआर ने इसका नाम ‘ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम’ रखा था।
जयकुमार ने कहा कि अन्नादुरई एक सम्मानित व्यक्ति थे, जिन्होंने तमिलनाडु के विकास की शुरुआत की और ‘‘हम उनका सम्मान करते हैं।’’ उन्होंने कहा कि गठबंधन से जुड़े घटनाक्रम में अन्नाद्रमुक के पास खोने के लिए कुछ नहीं था।
उन्होंने भाजपा के बारे में कहा, ‘‘वे हारे हुए हैं।’’ भाजपा नेता ने कहा था कि अन्नादुरई ने 1950 के दशक में मदुरै में एक कार्यक्रम में हिंदू आस्था के खिलाफ आलोचनात्मक टिप्पणी की थी और स्वतंत्रता सेनानी पसुमपोन मुथुरामलिंगा थेवर ने इसका कड़ा विरोध किया था।