लोकसभा चुनाव 2019: बाहुबलियों के ईर्द-गिर्द घूमती राजनीति, सलाखों के पीछे रहते हुए भी लालू प्रसाद यादव हैं केन्द्र बिन्दु में

By एस पी सिन्हा | Published: April 8, 2019 06:47 PM2019-04-08T18:47:55+5:302019-04-08T18:47:55+5:30

बिहार की राजनीति में प्रभुनाथ सिंह की शक्ति का सियासत में खास मौकों पर भले ही क्षरण हुआ हो, लेकिन धरातल पर प्रभाव आज भी दिखता है. भाई को तीन बार और बेटे रणधीर कुमार सिंह को भी एक बार विधायक बनवाना उनकी ताकत की ही मिसाल है.

Lok Sabha Elections 2019: The revolving politics surrounding the Bahubali, while behind bars, Lalu Prasad Yadav is at the center point. | लोकसभा चुनाव 2019: बाहुबलियों के ईर्द-गिर्द घूमती राजनीति, सलाखों के पीछे रहते हुए भी लालू प्रसाद यादव हैं केन्द्र बिन्दु में

चाहे सीटों का बंटवारा हो या प्रत्याशी तय करने का मामला, लालू जेल से ही राजनीति को कंट्रोल कर रहे हैं

Highlightsमुख्यमंत्री नीतीश कुमार तक जेल में बंद लालू द्वारा चुनाव को कंट्रोल करने पर पर चिंता जता चुके हैंलोकसभा चुनाव से संबंधित महागठबंधन की सारी रणनीति लालू के इर्दगिर्द ही घूम रही है.

लोकसभा चुनाव में राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव सहित बिहार के पांच धुरंधर अभी जेल में हैं. ऐसे में महागठबंधन की सारी रणनीति लालू प्रसाद यादव के इर्द-गिर्द घूम रही है. जेल में होते हुए भी लालू यादव ने सिंबल बांटा है. ऐसा आरोप विरोधियों का भी है. लालू प्रसाद यादव के अलावा शाहाबुद्दीन, राजबल्लभ, प्रभुनाथ सिंह और आनंद मोहन भी जेल में हैं. 

जानाकारों की अगर मानें तो लालू यादव तो आज भी राजद के लिए रिंग मास्टर की भूमिका में हैं. महागठबंधन की सारी रणनीति उनके इर्द-गिर्द घूम रही है. यही नही लालू के तीन सिपहसालार भी अभी जेल में हैं। उनमें दो (शहाबुद्दीन और राजबल्लभ) की बीवी और एक (प्रभुनाथ सिंह) का बेटा चुनाव मैदान में हैं. पांचवें धुरंधर आनंद मोहन हैं, जिनकी अर्धांगिनी लवली आनंद शिवहर से चुनाव लडने वाली हैं. सलाखों के पीछे से पांचों धुरंधर अपने परिजनों और दलीय प्रत्याशियों की जीत का गुणा-गणित लगा रहे हैं.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तक जेल में बंद लालू द्वारा चुनाव को कंट्रोल करने पर पर चिंता जता चुके हैं. अहम यह है कि लोकसभा चुनाव से संबंधित महागठबंधन की सारी रणनीति लालू के इर्दगिर्द ही घूम रही है. चाहे सीटों का बंटवारा हो या प्रत्याशी तय करने का मामला, लालू जेल से ही राजनीति को कंट्रोल कर रहे हैं. चुनाव प्रचार जैसे-जैसे जोर पकडता जा रहा है, विवाद वैसे-वैसे तूल पकड रहा है. मुख्यमंत्री की शिकायत यह कि लालू जेल में रहते हुए भी राजनीति कर रहे हैं. 

कुछ ऐसी ही शिकायत सीवान के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन, महाराजगंज के पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह, शिवहर के पूर्व सांसद आनंद मोहन और नवादा के पूर्व विधायक राजबल्लभ यादव से भी है. इन किरदारों की तरह चंदेश्वर प्रसाद वर्मा भी सवालों के घेरे में हैं. वे बालिका गृह कांड को लेकर विवादोंमें आई राज्य की पूर्व मंत्री मंजू वर्मा के पति हैं. मो. शाहाबुद्दीन-सिवान लोकसभा क्षेत्र से पूर्व सांसद और बाहुबली मो. शहाबुद्दीन की पत्‍नी हिना शहाब को महागठबंधन ने अपना उम्मीदवार घोषित किया है.

सूत्रों का कहना है कि हिना शहाब के लिए जेल से ही शाहाबुद्दीन चुनाव प्रचार को संचालित कर रहे हैं. महाराजगंज के पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह विधायक अशोक सिंह की हत्या के मामले में हजारीबाग जेल में हैं, वहीं उनका बेटा रणधीर कुमार सिंह महाराजगंज सीट से महागठबंधन के प्रत्याशी हैं.

बिहार की राजनीति में प्रभुनाथ सिंह की शक्ति का सियासत में खास मौकों पर भले ही क्षरण हुआ हो, लेकिन धरातल पर प्रभाव आज भी दिखता है. भाई को तीन बार और बेटे रणधीर कुमार सिंह को भी एक बार विधायक बनवाना उनकी ताकत की ही मिसाल है. सूत्रों के अनुसार प्रभुनाथ हजारीबाग से एंडी-चोटी का जोर लगाकर बेटे को लोकसभा में भेजने का जतन कर रहे हैं.

वहीं, गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी. कृष्णैया की हत्या के मामले में पूर्व सांसद आनंद मोहन सहरसा जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं. उनकी पत्नी लवली आनंद शिवहर से निर्दलीय उम्मीदवार है. सूत्रों की माने तो समर्थक आनंद मोहन के संपर्क में हैं.

Web Title: Lok Sabha Elections 2019: The revolving politics surrounding the Bahubali, while behind bars, Lalu Prasad Yadav is at the center point.



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