Lok Sabha Elections 2019: कांग्रेस के इंडियन ओवरसीज प्रमुख सैम पित्रोदा ने प्रियंका गांधी के चुनाव न लड़ने के पीछे की वजह बताई है। सैम पित्रोदा ने बताया, ''चुनाव न लड़ने का फैसला प्रियंका गांधी का था। उन्होंने सोचा कि एक सीट के बजाय जो काम हाथ में है उस पर ज्यादा फोकस करना चाहिए। इसलिए यह उनका फैसला था और उन्होंने यह निर्णय लिया।''
बता दें कि वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पर्चा भरने से एक दिन पहले (25 अप्रैल) को कांग्रेस ने एक बार फिर अजय राय को उम्मीदवार घोषित कर प्रियंका गांधी के चुनाव लड़ने की अटकलों पर विराम लगा दिया। कुछ दिन पहले खबर आई थी कि प्रियंका गांधी ने भी एक मीटिंग में पूछा था कि क्या उन्हें वाराणसी से चुनाव लड़ना चाहिए?
इस बार के लोकसभा चुनाव की तैयारियों के लिए प्रियंका गांधी को इसी मकसद से सक्रिय राजनीति में लाया गया था कि वह पूर्वाचल में कमजोर हो रही कांग्रेस में नई जान फूंक सकें, खासकर वाराणसी और उसके आसपास के निर्वाचन क्षेत्रों में, पार्टी ने उन्हें पूर्वी उत्तर प्रदेश का चुनाव प्रभारी बनाया। प्रियंका ने भी शिद्दत से लोगों के बीच जा-जाकर प्रचार किया। उन्होंने गंगा यात्रा और रोड शो के जरिये लोगों से जुड़ने की कोशिश की अब भी वह ऐसा कर रही हैं।
प्रियंका गांधी को सक्रिय राजनीति में उतारने के कांग्रेस के फैसले से कार्यकर्ता गदगद दिखे और उन्हें पार्टी के लिए उम्मीद नजर आई। अब जब साफ हो चुका है कि प्रियंका गांधी इस बार किसी सीट से चुनाव नहीं लड़ रही हैं तो कार्यकर्ताओं में इस बात का मलाल भी देखा जा रहा है।
वहीं, वाराणसी से कांग्रेस उम्मीदवार अजय राय 2014 में भी नरेंद्र मोदी खिलाफ लड़े थे और हार गए थे। वह तीसर स्थान पर रहे थे। उनसे ज्यादा वोट दूसरे नंबर पर रहे अरविंद केजरीवाल को मिले थे।