वाराणसी: पीएम नरेंद्र मोदी 4 लाख 79 हजार 505 वोटों से विजयी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 23, 2019 07:53 PM2019-05-23T19:53:12+5:302019-05-23T19:56:00+5:30
वाराणसी लोकसभा सीट पर हुए चुनाव में बीजेपी ने पीएम नरेंद्र मोदी को उम्मीदवार बनाया था। सपा-बसपा-रालोद ने शालिनी यादव को प्रत्याशी बनाया था। वहीं कांग्रेस ने अजय राय को उम्मीदवार बनाया था। पीएम मोदी ने इस बार पिछले चुनाव से करीब 90 हजार ज्यादा वोट हासिल किए हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तर प्रदेश की वाराणसी लोकसभा सीट से रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल की। चुनाव आयोग द्वारा घोषित परिणाम के मुताबिक मोदी ने अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी सपा—बसपा—रालोद गठबंधन प्रत्याशी सपा की शालिनी यादव को चार लाख 79 हजार 505 मतों से परास्त किया। मोदी को कुल 674664 मत मिले। वहीं शालिनी को 195159 वोट हासिल हुए। कांग्रेस के अजय राय तीसरे स्थान पर रहे जिन्हें 152548 मत प्राप्त हुए। मोदी ने वर्ष 2014 में लोकसभा चुनाव तीन लाख 74 हजार मतों से जीता था।
वाराणसी लोकसभा सीट के संसदीय इतिहास में अभी तक किसी भी उम्मीदवार ने चार लाख 79 हजार से ज्यादा वोटों के अंतर से जीत नहीं हासिल की थी।
शाम सात बजे तक बीजेपी को 303, कांग्रेस को 49, डीएमके को 23, टीएमसी को 23, बीजद को 12, जदयू को 16, एनसीपी को 5, शिव सेना को 18, टीआरएस को 9 और वाईएसआरसीपी को 22 पर बढ़त या जीत मिल चुकी है।
बीजेपी नीत एनडीए 355 सीटों पर जीत या बढ़त बना चुका है। कांग्रेस नीत यूपीए को खबर लिखे जाने तक 89 सीटों पर जीत या बढ़त मिल चुकी है। बसपा, सपा और रालोद के महागठबंधन को 18 सीटों पर जीत या बढ़त मिल चुकी है।
ममता बनर्जी की तृणमूल को 22 सीटों पर जीत या बढ़त मिल चुकी है। अन्य दलों को 56 सीटों पर जीत या बढ़त मिली है।
पिछले लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने आम आदमी पार्टी नेता अरविंद केजरीवाल को तीन लाख 75 हजार से ज्यादा वोटों के अंतर से हराया था। केजरीवाल को कुल दो लाख नौ हजार 238 वोट मिले थे।
2014 के लोकसभा चुनाव में वाराणसी लोकसभा सीट पर कुल 10,30,685 मतदाताओं ने वोट दिया, जिसमें नरेंद्र मोदी को कुल 5,81,022 वोट यानी 56.37 प्रतिशत वोट मिले.
बीजेपी के प्रत्याशी श्रीश चंद्र दीक्षित ने 1991 के आम चुनाव में पार्टी को पहली बार वाराणसी संसदीय सीट पर जीत दिलायी। मंडल-कमंडल की राजनीति के दौर में बीजेपी ने 1991 के बाद 1996, 1998 और 1999 के लोकसभा चुनाव में भी वाराणसी की सीट पर जीत हासिल की।
साल 2004 में कांग्रेस नेता राजेश मिश्रा ने बीजेपी के हाथों से वाराणसी सीट छीन ली लेकिन साल 2009 में बीजेपी नेता मुरली मनोहर जोशी ने वाराणसी सीट से जीत हासिल की। साल 2014 में बीजेपी ने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को वाराणसी से पार्टी का प्रत्याशी बनाया और उन्होंने भारी अंतर से जीत हासिल की।
साल 2014 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी को मिले वोट आंकड़े और प्रतिशत दोनों के लिहाज से भारतीय जनता पार्टी का इस सीट पर सर्वश्रेष्ट प्रदर्शन रहा था।
वाराणसी लोकसभा से अब सबसे अधिक सात बार कांग्रेस ने जीत हासिल की है, लेकिन सबसे बुरी तरह हारने के मामले में भी कांग्रेस का ही रिकॉर्ड है. चंद्र शेखर और अनिल शास्त्री दोनों ने ही कांग्रेस प्रत्याशियों को ही हराया था. वहीं, वाराणसी से सर्वाधिक वोट प्रतिशत से जीतने वाली तीनों पार्टियाँ ग़ैर कांग्रेसी ही रही हैं.
वाराणसी से भाजपा छह बार, जनता दल, भारत की कम्यूनिस्ट पार्टी(मार्क्सवादी) और भारतीय लोकदल ने एक बार जीत हासिल की है.
वाराणसी से पहले तीन आम चुनावों में जीत हासिल करने वाली कांग्रेस को पहली बार 1967 में हुए चौथे आम चुनाव में हार का मुँह देखना पड़ा. 1967 में माकपा (भारत की कम्यनूनिस्ट पार्टी-मार्क्सवादी) के सत्य नारायण सिंह ने कांग्रेस के रघुनाथ सिंह को हराया था.
भारतीय जनता पार्टी के संदर्भ में देखें तो वाराणसी में जन संघ को 1962 में हुए तीसरे लोकसभा चुनाव में ही दूसरा स्थान हासिल हुआ था. जन संघ ही तमाम मोड़ों से गुजरते हुए भारतीय जनता पार्टी के रूप में सामने आया था. लेकिन 1962 में दूसरे स्थान पर रहने के बावजूद भाजपा को बनारस से जीतने के लिए तक़रीबन 30 साल का इंतज़ार करना पड़ा.
उसे यहाँ से पहली बार 1991 में जीत मिली. 1991 का ही आम चुनाव वो पहला आम चुनाव था जब कांग्रेस पहले-दूसरे पर न रहकर तीसरे स्थान पर फिसल गई थी. 1991 से 2014 के बीच हुए सात लोकसभा चुनावों में कांग्रेस केवल एक बार वाराणसी से जीत हासिल कर पाई है।
(सभी आंकड़ों का स्रोत: भारत निर्वाचन आयोग)