RJD में मचे घमासान से लालू परिवार बीच मझधार में, तेज प्रताप यादव के फैसले से पार्टी को हो सकता है नुकसान

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: April 2, 2019 06:13 PM2019-04-02T18:13:45+5:302019-04-02T18:13:45+5:30

तेज प्रताप यादव के द्वारा पांच उम्मीदवारों के नामों का ऐलान करने के बाद राजद का एक बडा तबका नाराज है. तेज प्रताप यादव के फैसले से नाराज तबका द्वारा कार्रवाई की मांग उठाये जाने की बात कही जा रही है.

Lok sabha elections 2019: Lalu Prasad, RJD, party may suffer from the decision of Tej Pratap Yadav decisions | RJD में मचे घमासान से लालू परिवार बीच मझधार में, तेज प्रताप यादव के फैसले से पार्टी को हो सकता है नुकसान

तेज प्रताप यादव काफी अरसे से बगावती रुख अख्तियार किए हुए हैं.

Highlights राजद परिवार में मचे घमासान के बीच नेता तेज प्रताप यादव ने कहा है कि दोनों भाइयों के बीच कोई अनबन नहीं है.तेजस्वी उपमुख्यमंत्री और तेज प्रताप महज मंत्री बनाए गए थे.इसी के बाद से दोनों भाइयों के बीच राजनीतिक तुलना की जाने लगी थी.

लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान से ठीक पहले राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के घर में मचे घमासान ने राजद की स्थिती को मझधार में ला खडा कर दिया है. लालू यादव के बडे बेटे तेज प्रताप यादव के द्वारा लालू-राबडी मोर्चा बनाने का ऐलान कर दिये जाने के बाद लालू परिवार खुद को असहज महसूस करने लगा है.

तेज प्रताप यादव के द्वारा पांच उम्मीदवारों के नामों का ऐलान करने के बाद राजद का एक बडा तबका नाराज है. तेज प्रताप यादव के फैसले से नाराज तबका द्वारा कार्रवाई की मांग उठाये जाने की बात कही जा रही है. संभावना जतायी जा रही है कि तेज प्रताप यादव के फैसले से पार्टी को नुकसान हो सकता है.

ऐसे में तेज प्रताप यादव के बागी रुख अख्तियार करने पर पार्टी कार्रवाई भी कर सकती है. यहां बता दें कि उत्तर प्रदेश के 'मुलायम परिवार' में शिवपाल यादव ने अपने भतीजे अखिलेश यादव से बगावत कर अलग पार्टी बनाई थी.

ऐसे ही अब बिहार में छोटे भाई तेजस्वी को अर्जुन और खुद को कृष्ण बताने वाले तेज प्रताप क्या शिवपाल के नक्शेकदम पर चल रहे हैं? तेज प्रताप यादव ने सोमवार को लालू-राबडी मोर्चा बनाने की बात कहते हुए कहा कि अगर उनकी बात नहीं मानी गई तो राजद के खिलाफ 20 लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेंगे.

इतना ही नहीं तेज प्रताप खुद भी सारण लोकसभा सीट से अपने ससुर राजद उम्मदीवार चंद्रिका राय के खिलाफ चुनावी मैदान में ताल ठोकने की बात कह रहे हैं.

यहां उल्लेखनीय है कि तेज प्रताप यादव काफी अरसे से बगावती रुख अख्तियार किए हुए हैं. हालांकि इसकी शुरुआत 2015 में ही हो गई थी, जब राजद और जदयू गठबंधन की सरकार बिहार में बनी थी. तेजस्वी उपमुख्यमंत्री और तेज प्रताप महज मंत्री बनाए गए थे. इसी के बाद से दोनों भाइयों के बीच राजनीतिक तुलना की जाने लगी थी. लेकिन तेजस्वी और तेजप्रताप की ओर से इस बात का संदेश देने की हमेशा कोशिश की गई कि सब कुछ बेहतर है. लेकिन, लोकसभा चुनाव अभियान के बीच तेजप्रताप यादव ने जिस तरह से बागी रूप धारण किया है. ऐसे में तेजस्वी के लिए घर में बडे भाई से और बाहर भाजपा सहित एनडीए से दो-दो हाथ करने होंगे. 

वहीं, राजद परिवार में मचे घमासान के बीच नेता तेज प्रताप यादव ने कहा है कि दोनों भाइयों के बीच कोई अनबन नहीं है. साथ ही उन्होंने कहा कि मेरा छोटा भाई तेजस्वी यादव 'चापलूसों' से घिरा है. उन्होंने 'चापलूसों' को 'बैक्टीरिया' की संज्ञा देते हुए कहा कि ऐसे 'चापलूस', जो पार्टी के लिए बैक्टीरिया बन चुके हैं, उन्हें खत्म करने के लिए ही मैंने 'लालू-राबडी मोर्चा' का गठन किया है. तेज प्रताप ने कहा कि महागठबंधन की सीटों के ऐलान से पहले तक उनसे यही कहा जाता रहा है कि उनसे बात की जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इसका मतलब साफ है कि सीटों के बंटवारे को लेकर तेज प्रताप की राय नहीं ली गई है. ऐसे में अब तेज प्रताप अपने उम्मीदवार राजद के खिलाफ उतारते हैं तो पार्टी को बडा नुकसान उठाना पड सकता है.

शिवहर और जहानाबाद लोकसभा सीटों पर अपने चहेते प्रत्याशियों को चुनावी मैदान में उतारने के साथ तेज प्रताप यादव अपने ससुर चंद्रिका राय को सारण लोकसभा सीट से पार्टी का टिकट दिये जाने से नाराज हैं. उन्होंने कहा कि वह 'बागी' नहीं हैं. वह अपने भाई 'अर्जुन' भाई तेजस्वी के 'कृष्ण' की भूमिका में हैं. उन्होंने गीता का उल्लेख करते हुए कहा कि गीता में 'राजनीति' की बातें हैं. साथ ही महाभारत की कथा का उल्लेख करते हुए कहा कि पांडवों ने कौरवों से पांच गांव की मांग की थी. लेकिन, उन्हें नहीं दी गई. तेज प्रताप यादव ने पार्टी के अंदर के लोगों पर ही पार्टी तोडने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि ऐसे लोग आरएसएस-भाजपा से आ गये हैं. इसलिए उन्होंने ऐसे उम्मीदवार के लिए आवाज उठाई है, जिन्होंने अपना परिवार को छोड कर पार्टी के लिए दिन-रात मेहनत की. 

वहीं, जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने आज ट्वीट कर कहा है कि 'सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता की लडाई के नाम पर गरीबों को ठगनेवालों को आज सत्ता के लिए लोकतंत्र, संविधान खतरे में नजर आ रहा है?' साथ ही उन्होंने सवाल उठाते हुए पूछा है कि परंतु, 'क्या लोकतंत्र बचाने की लडाई दुष्कर्म और भ्रष्टाचार के सजायाफ्ता के नेतृत्व में ही लडा जाना जरूरी है??' कोई 'ला-रा' कंपनी बनाकर माल बनाया, तो अब 'ला-रा मोर्चा' बनाकर तनकर सामने आया. कोई नहीं समझ पाया इस परिवार का खेल, इसलिए जनता ने ही इनका कर दिया 'सेल'.'

Web Title: Lok sabha elections 2019: Lalu Prasad, RJD, party may suffer from the decision of Tej Pratap Yadav decisions



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