भारतीय निर्वाचन आयोग ने रविवार को 17वीं लोक सभा के लिए होने वाले चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी है। देश की कुल 543 लोक सभा सीटों के लिए 11 अप्रैल से 19 मई तक कुल सात चरणों में मतदान होगा। मतगणना 23 मई को होगी। चुनाव की घोषणा करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा कि चुनाव की तारीखों में त्योहारों का ख्याल रखा गया है।
इसबार रमजान का महीना 5 मई से शुरू हो रहा है। इसलिए 6 मई, 12 मई और 19 मई को होने वाले आखिरी तीन चरण के मतदान रमजान के दौरान होंगे। इसमें खासकर यूपी, बिहार, पश्चिम बंगाल और दिल्ली की अधिकतर सीटें शामिल हैं। ऐसे में कई मुस्लिम स्कॉलर और कुछ नेताओं ने इस पर सवाल उठाए हैं। इस्लामिक स्कॉलर और लखनऊ ईदगाह के इमाम व शहरकाजी मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने रमजान के दौरान लोकसभा चुनाव को लेकर कड़ी नाराजगी जताई है।
AAP और TMC का साजिश की तरफ इशारा
आम आदमी पार्टी विधायक अमानतुल्लाह खान ने रमजान के दौरान वोटिंग पर सवाल उठाते हुए ट्वीट किया, '12 मई का दिन होगा दिल्ली में रमजान होगा मुसलमान वोट कम करेगा इसका सीधा फायदा बीजेपी को होगा।' टीएमसी नेता फरहाद हकीम ने इसमें साजिश की तरफ इशारा करते हुए कहा कि बीजेपी नहीं चाहती कि अल्पसंख्यक मतदान करें। चुनाव आयोग को इसका ध्यान रखना चाहिए।
इससे पहले कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि निर्वाचन आयोग चार मार्च को चुनावों की घोषणा करना चाहता था लेकिन पीएम नरेंद्र मोदी के लोकार्पण कार्यक्रमों की वजह से इसमें देरी की गई।
रमजान में प्रभावित होगी वोटिंग?
रमजान में मतदान कितना प्रभावित होगा यह साफ तौर पर नहीं का जा सकता। साल 2018 में पश्चिम यूपी की कैराना लोकसभा सीट पर लोकसभा उपचुनाव कराए गए थे। ये संसदीय सीट मुस्लिम बहुत मानी जाती है। रमजान का महीना होने के बावजूद यहां मतदाताओं ने भारी उत्साह दिखाया था और ईवीएम खराब होने की स्थिति में रोजा इफ्तार भी पोलिंग स्टेशन पर ही किया था।