प्रचंड जीत के बाद ये हो सकते हैं भाजपा के राजनीतिक एजेंडे, संगठन में भी हो सकता है बदलाव

By भाषा | Published: May 24, 2019 06:50 AM2019-05-24T06:50:15+5:302019-05-24T06:50:15+5:30

लोकसभा चुनाव के जीत का स्तर ऐसा रहा कि भाजपा ने उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और गुजरात सहित कई राज्यों में लगभग 50 फीसदी या उससे अधिक मत हासिल किया। पार्टी ने पश्चिम बंगाल और ओडिशा जैसे राज्यों में भी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। हालांकि, वह तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश जैसे दक्षिणी राज्यों में खाता खोलने में असफल रही। 

lok sabha election result 2019 after bjp plan Political agenda | प्रचंड जीत के बाद ये हो सकते हैं भाजपा के राजनीतिक एजेंडे, संगठन में भी हो सकता है बदलाव

प्रचंड जीत के बाद ये हो सकते हैं भाजपा के राजनीतिक एजेंडे, संगठन में भी हो सकता है बदलाव

Highlightsभाजपा विवादास्पद तीन तलाक विधेयक और नागरिकता (संशोधन) विधेयक को पारित करने के लिए भी जोर देगी, जिसे संसद में विपक्ष ने अवरुद्ध कर दिया था। साल 2014 में वह 282 सीटें जीती थी, जबकि उसके सहयोगी दलों का आंकड़ा लगभग 50 था।

विपक्ष को करारी शिकस्त देकर लोकसभा चुनाव में अब तक का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के बाद भाजपा के अब नये उत्साह के साथ अपना राजनीतिक एजेंडा आगे बढ़ाने की उम्मीद है और इस चुनाव में पूर्वी भारत में विपक्ष के दुर्ग को ध्वस्त करने के बाद वह दक्षिण भारतीय राज्यों को फतह करने की कोशिश करेगी। चुनाव के नतीजे आने के बाद भाजपा संगठन में भी बदलाव की अटकलें हैं। इस बात की चर्चा है कि पार्टी अध्यक्ष अमित शाहनरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली नयी सरकार में शामिल हो सकते हैं।

यद्यपि, शपथ ग्रहण समारोह की संभावित तारीख पर आधिकारिक रूप से कुछ भी नहीं कहा गया है, लेकिन ऐसे विचार हैं कि यह जल्द से जल्द किया जा सकता है क्योंकि प्रचंड बहुमत का मतलब है कि भाजपा बहुत हद तक अपने सहयोगियों को अपनी शर्तें मानने पर मजबूर कर सकती है। चुनाव आयोग के ताजा आंकड़ों के अनुसार, भाजपा 300 से अधिक सीटें जीत सकती है। साल 2014 में वह 282 सीटें जीती थी, जबकि उसके सहयोगी दलों का आंकड़ा लगभग 50 था।

नयी लोकसभा में वाईएसआर कांग्रेस, बीजद और टीआरएस जैसी पार्टियों के करीब 45 सदस्य शामिल होंगे, जो भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के सदस्य नहीं हैं, लेकिन उसके एजेंडा को ग्रहण करने के लिये तैयार हैं। यद्यपि, राजग के पास राज्यसभा में बहुमत नहीं है, लेकिन उसकी संख्या लगातार बढ़ रही है। अपनी जीत के प्रति आश्वस्त राजग ने मंगलवार को एक प्रस्ताव पारित कर कहा था कि उसकी सरकार बुनियादी ढांचा क्षेत्र में 100 लाख करोड़ रुपये और कृषि और ग्रामीण विकास क्षेत्रों में 25 लाख करोड़ रुपये के पूंजी निवेश की योजना बनाएगी। राजग ने कहा था, ‘‘हम चाहते हैं कि भारत तेजी से विकास का समर्थन करने के लिए आधुनिक और पर्याप्त बुनियादी ढांचे के साथ दुनिया में सबसे बड़ा स्टार्ट-अप ईकोसिस्टम बन जाए।

इन कदमों के साथ, भारत 50 खबर डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लिए तैयार है।’’ भाजपा विवादास्पद तीन तलाक विधेयक और नागरिकता (संशोधन) विधेयक को पारित करने के लिए भी जोर देगी, जिसे संसद में विपक्ष ने अवरुद्ध कर दिया था। लोकसभा चुनाव के गुरूवार को आए नतीजों में मतदाताओं ने राष्ट्रवाद, हिंदू गौरव और ‘नये भारत’ के सपनों को पंख देने वाले ‘फकीर की झोली’ को कुछ ऐसे अप्रत्याशित ढंग से भरा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई वाले राजग का करीब 350 सीटों के साथ केन्द्र में लगातार दूसरी बार सरकार बनाने का मार्ग प्रशस्त हो गया है।

इसकी जीत का स्तर ऐसा रहा कि भाजपा ने उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और गुजरात सहित कई राज्यों में लगभग 50 फीसदी या उससे अधिक मत हासिल किया। पार्टी ने पश्चिम बंगाल और ओडिशा जैसे राज्यों में भी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। हालांकि, वह तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश जैसे दक्षिणी राज्यों में खाता खोलने में असफल रही। 

Web Title: lok sabha election result 2019 after bjp plan Political agenda