लोकसभा चुनावः महारानी ने संभाली महाराजा की कमान, BJP ने यहां खेला है इस प्रत्याशी पर दांव

By शिवअनुराग पटैरया | Updated: April 24, 2019 09:22 IST2019-04-24T08:52:48+5:302019-04-24T09:22:03+5:30

ज्योतिरादित्य सिंधिया को पश्चिमी उत्तरप्रदेश की कमान मिलने के बाद ही उनकी पत्नी प्रियदर्शनी राजे सिंधिया गुना-शिवपुरी संसदीय क्षेत्र में सक्रिय हो गई थीं. उन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया को पश्चिमी उत्तरप्रदेश की कमान मिलने के बाद भी पूरे संसदीय क्षेत्र का लगभग 10 दिन का दौरा प्रारंभ कर दिया था.

lok sabha election: priyadarshini raje scindia wife of jyotiraditya scindia is campaigning for her husband | लोकसभा चुनावः महारानी ने संभाली महाराजा की कमान, BJP ने यहां खेला है इस प्रत्याशी पर दांव

फाइल फोटो।

मध्य प्रदेश के गुना-शिवपुरी संसदीय क्षेत्र में महाराजा यानि का ज्योतिरादित्य सिंधिया का मुकाबला उनके सांसद प्रतिनिधि रहें डॉ. केपी यादव से है. डॉक्टर सिंह को भाजपा ने यहां अपने प्रत्याशी के तौर पर उतारा है. गुना संसदीय क्षेत्र का अपना मिजाज है. यहां चुनाव किसी भी पार्टी से लड़ें पर जीतते सिंधिया ही हैं. इस बार के चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया भले ही मैदान में हों पर उनके चुनावी अभियान की कमान उनकी पत्नी प्रियदर्शनी राजे सिंधिया संभाल रही हैं. इसकी एक वजह यह भी है क्योंकि इस बार ज्योतिरादित्य सिंधिया को पार्टी ने पश्चिमी उत्तरप्रदेश का प्रभारी बनाया है. इसी के चलते वे अपना अधिकांश समय वहां दे रहे हैं.

ज्योतिरादित्य सिंधिया को पश्चिमी उत्तरप्रदेश की कमान मिलने के बाद ही उनकी पत्नी प्रियदर्शनी राजे सिंधिया गुना-शिवपुरी संसदीय क्षेत्र में सक्रिय हो गई थीं. उन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया को पश्चिमी उत्तरप्रदेश की कमान मिलने के बाद भी पूरे संसदीय क्षेत्र का लगभग 10 दिन का दौरा प्रारंभ कर दिया था. इसके तहत उन्होंने विधानसभा क्षेत्रवार महिला और युवा संवाद सम्मेलन आयोजित कर मतदाताओं से सीधा संवाद का जो सिलसिला प्रारंभ किया, जो लगातार चल रहा है. 

तब यह माना जाने लगा था कि प्रियदर्शनी राजे सिंधिया यहां से चुनाव तो नहीं लड़ने जा रही हैं. तब यह प्रचारित हुआ था कि प्रियदर्शनी गुना शिवपुरी संसदीय क्षेत्र और ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वालियर से चुनाव लड़ सकते हैं. प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ भी पार्टी की सीटों को बढ़ाने के लिए भी इसके लिए इच्छुक लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया इसके लिए तैयार नहीं हुए.

पश्चिम उत्तरप्रदेश के प्रचार आभियान के बीच सिंधिया यहां प्रचार अभियान के लिए आते तो हैं पर उतने नही जितना की एक प्रत्याशी को आना चाहिए. वे अब आगामी 25 अप्रैल से 30 अप्रैल तक अपने ही संसदीय क्षेत्र में फिर आने वाले हैं. इस दौरान वे 60 से अधिक सभाएं लेगें इसके बाद भी गुना शिवपुरी संसदीय क्षेत्र में चुनाव प्रचार अभियान की पूरी कमान प्रियदर्शनी राजे सिंधिया के हाथ में ही है. वे जन सभाओं से ज्यादा महिला सभाओं, युवासंवाद कार्यक्रमों के बीच प्रत्यक्ष संपर्क करने में समय दे रही हैं.

प्रियदर्शनी राजे सिंधिया इस क्षेत्र से सिंधिया राज घराने के लगाव के साथ ही इस बात को बताना नहीं भूलती है कि महाराजा यानि ज्योतिरादित्य सिंधिया के सांसद रहते इस इलाके में बड़ी संख्या में काम हुए हैं. वे इसे गुना-शिवपुरी मॉडल के तौर पर प्रस्तुत करती हैं. वे यातायात और परिवहन के क्षेत्र में 3900 करोड़ की लागत से निर्मित ग्वालियर देवास रोड के साथ ही पूरे संसदीय क्षेत्र में 603 करोड़ की लगात से सड़कों के निर्माण, का जिक्र करना नहीं भूलती. 

प्रियदर्शनी गुना-शिवपुरी संसदीय क्षेत्र को पिछले कुछ सालों में मिली रेल सुविधाओं का जिक्र करती है और यह बताना नहीं भूलती की सांसद सिंधिया के कारण ही शिवपुरी को 200 करोड़ की लागत का मेडिकल कालेज, 125 करोड रुपए की लागत का बना एनटीपीसी का इंजीनियरिंग कालेज मिला है.

एक साल पहले शामिल हुए भाजपा में

कांग्रेस प्रत्याशी ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ वैसे तो यहां कई प्रत्याशी मैदान में है, लेकिन उनका मुकाबला भाजपा प्रत्याशी केपी यादव से है. जो दो साल पहले तक सिंधिया के सांसद प्रतिनिधि हुआ करते थे. ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ विकल्प तलाशने के अभियान के तहत पिछले साल ही डाक्टर यादव को पार्टी की सदस्यता दिलाई थी, इसके पहले 2009 में जिन नरोत्तम मिश्रा और 2014 में जयभान सिंह पवैया ने चुनाव लड़ा था वे दोनों ही बाहरी थे.

फुटेज के लिए राहुल के आस-पास मंडराते हैं सिंधिया

के.पी. यादव अपने जातिगत आधार के साथ-साथ संघ और भाजपा के नेटवर्क के आधार पर ज्योतिरादित्य सिंधिया को चुनौती दे रहे हैं, लेकिन उनका अतीत साथ चल रहा है. इसी को लेकर पिछले प्रियदर्शनी राजे सिंधिया ने तंज कसा था कि जो कल तक श्रीमंत के साथ शैल्फी खिचवाते थे वे आज तक चुनाव के मैदान में हैं. इसका जबाव भाजपा प्रत्याशी यादव ने यह कह कर दिया कि सिंधिया खुद राहुल गांधी के आसपास फुटेज के लिए मंडराते है.

यह है गुना-शिवपुरी का इतिहास

पिछले लगभग 3 दशकों से इस संसदीय क्षेत्र से सिंधिया ही जीतते रहे हैं 1989, 1991, 1996 और 1698 में यहां से भाजपा प्रत्याशी के तौर पर ज्योतिरादित्य सिंधिया की दादी विजयराजे सिंधिया ने जीत दर्ज कराई थीं. इसके बाद 1999 में यहां से ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता स्व. माधवराव सिंधिया कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर चुनाव जीते. 2001 में माधवराव सिंधिया के निधन के बाद हुए उपचुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया यहां से कांग्रेस प्रत्याशी के रुप में मैदान में उतरे और चुनाव जीत कर अपने राजनीतिक सफर की शुरूआत की. इसके बाद 2004, 2009 और 2014 में हुए आम चुनाव में भी उन्होंने यहां से लगातार जीत हासिल की.

Web Title: lok sabha election: priyadarshini raje scindia wife of jyotiraditya scindia is campaigning for her husband



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