पूर्ण बहुमत का सपना टूटने के संकेतों से BJP में खलबली, सुब्रह्मण्यम स्वामी और राम माधव के बयानों से पार्टी की बढ़ी चिंता

By महेश खरे | Published: May 10, 2019 08:48 AM2019-05-10T08:48:32+5:302019-05-10T08:58:38+5:30

लोकसभा चुनावः गुजरात की सभी 26 सीटों पर जीत के आत्मविश्वास से भरे पार्टी नेता इस बार भी अनुकूल नतीजों के दावे कर रहे हैं. ये नेता ज्यादा से ज्यादा 2 सीटों के नुकसान की चर्चा पर तो मौन हो जाते रहे हैं, लेकिन अब अपने दो बड़े थिंक टैंकों के चुनावी आंकलन ने गुजरात में भाजपा समर्थकों के मनोबल को डगमगाने का काम किया है.

lok sabha election: bjp majority subramanian swamy ram madhav congress seats gujarat | पूर्ण बहुमत का सपना टूटने के संकेतों से BJP में खलबली, सुब्रह्मण्यम स्वामी और राम माधव के बयानों से पार्टी की बढ़ी चिंता

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Highlightsप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के गृह राज्य गुजरात में भाजपा की चुनावी जीत-हार का अलग महत्व है. पोर्ट के अनुसार 26 में से 6 से 8 सीटों पर भाजपा के लिए अच्छी खबर नहीं थी. गांव उसके हाथ से खिसकने की संभावनाएं जताई गई थी. भाजपा की देखादेखी कांग्रेस ने भी अपनी रणनीति बदली थी. शेष दो चरणों के मतदान पर असर चुनाव के बीच सुब्रह्मण्यम स्वामी और राम माधव जैसे बड़े नेताओं की साफगोई गुजरात के नेताओं को पसंद नहीं आई.

चुनावी नतीजे मनमाफिक नहीं आने के संकेतों ने मतगणना के पहले ही भाजपा खेमे में खलबली मचा दी है. आईबी की गोपनीय रिपोर्ट तो पहले ही भाजपा की चुनावी चिंताएं बढ़ा चुकी है, अब सुब्रह्मण्यम स्वामी और राम माधव के बयानों ने पार्टी नेताओं के मन में चुनावी जीत को लेकर संजोयी आसमानी उड़ानों को जमीन पर उतारने का काम किया है. चुनावी वार रूम में चिंतित टीम ने नए सिरे से नफा नुकसान का मंथन शुरू कर दिया है.

गुजरात की सभी 26 सीटों पर जीत के आत्मविश्वास से भरे पार्टी नेता इस बार भी अनुकूल नतीजों के दावे कर रहे हैं. ये नेता ज्यादा से ज्यादा 2 सीटों के नुकसान की चर्चा पर तो मौन हो जाते रहे हैं, लेकिन अब अपने दो बड़े थिंक टैंकों के चुनावी आंकलन ने गुजरात में भाजपा समर्थकों के मनोबल को डगमगाने का काम किया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के गृह राज्य गुजरात में भाजपा की चुनावी जीत-हार का अलग महत्व है. 2014 में भाजपा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए सभी 26 सीटों पर भगवा का परचम लहराते हुए कांग्रेस का सूपड़ा साफ कर दिया था. अब इस बार के चुनावी नतीजों में अगर कोई ऊंच नीच होती है तो यह राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा की छवि को प्रभावित करेगी.

आईबी की रिपोर्ट दे चुकी है झटका इंटेलीजेंस ब्यूरो (आईबी) की गोपनीय रिपोर्ट मतदान पूर्व ही भाजपा की चिंता बढ़ा चुकी है. रिपोर्ट के अनुसार 26 में से 6 से 8 सीटों पर भाजपा के लिए अच्छी खबर नहीं थी. गांव उसके हाथ से खिसकने की संभावनाएं जताई गई थी. इसके बाद ही भाजपा ने अपनी प्रचार रणनीति में बदलाव किया और ग्रामीण व आदिवासी क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया. ज्यादातर रैलियां और रोड शो ग्रामीण क्षेत्रों में किए गए.

भाजपा की देखादेखी कांग्रेस ने भी अपनी रणनीति बदली थी. शेष दो चरणों के मतदान पर असर चुनाव के बीच सुब्रह्मण्यम स्वामी और राम माधव जैसे बड़े नेताओं की साफगोई गुजरात के नेताओं को पसंद नहीं आई.

इन नेताओं का मानना है कि इस तरह के बयानों से कार्यकर्ता के मनोबल पर विपरीत असर पड़ता है. अभी देश में लोकसभा चुनाव के दो चरण शेष हैं, इन बयानों का वहां असर हो सकता है. जब भाजपा अध्यक्ष अमित शाह अपने बूते सरकार बनाने का दावा कर रहे हैं तब इस तरह के बयानों का औचित्य समझ में नहीं आने वाला है.

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