लोकसभा चुनावः BJP में फिर टिकट को लेकर टकराव, विजयवर्गीय को खण्डवा से मैदान में उतार सकते हैं शाह
By राजेंद्र पाराशर | Published: March 1, 2019 05:18 AM2019-03-01T05:18:28+5:302019-03-01T05:18:28+5:30
मध्यप्रदेश भाजपा में लोकसभा चुनाव को लेकर अब टिकट के दावेदारों की सक्रियता तेज हो चली है. इसके चलते मालवा अंचल की 3 सुरक्षित सीटों पर विवाद की स्थिति भी निर्मित हो रही है. मालवा अंचल में इंदौर के अलावा खण्डवा और मंदसौर सामान्य सीटें है, जबकि उज्जैन, देवास, खरगोन और धार आरक्षित सीटें है.
लोकसभा चुनाव को लेकर मध्यप्रदेश भाजपा में फिर टिकट को लेकर टकराव की बातें सामने आने लगी हैं. मालवा अंचल में ताई और भाई के अलावा भैया और दीदी के बीच विवाद की खबरें आने लगी है. इंदौर संसदीय सीट पर दो माह से ताई (सुमित्रा महाजन) की मैदानी सक्रियता ने भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को दूसरी सीट तलाशने को विवश किया है. वहीं खण्डवासंसदीय क्षेत्र में भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान और पूर्व मंत्री अर्चना चिटनिस के दावेदारी को लेकर उनके समर्थक आमने-सामने आ गए हैं. दोनों के बीच झगड़े को देख कैलाश ने खण्डवा से अपनी दावेदारी तेज कर दी है.
मध्यप्रदेश भाजपा में लोकसभा चुनाव को लेकर अब टिकट के दावेदारों की सक्रियता तेज हो चली है. इसके चलते मालवा अंचल की 3 सुरक्षित सीटों पर विवाद की स्थिति भी निर्मित हो रही है. मालवा अंचल में इंदौर के अलावा खण्डवा और मंदसौर सामान्य सीटें है, जबकि उज्जैन, देवास, खरगोन और धार आरक्षित सीटें है.
सामान्य वर्ग की तीनों सीटों पर भाजपा के लिए प्रत्याशी चयन टेड़ी खीर बनता जा रहा है. इंदौर संसदीय क्षेत्र से भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय लंबे समय से टिकट को लेकर सक्रिय हैं, मगर बीते दो माह से यहां पर ताई (सुमित्रा महाजन) की जमीनी सक्रियता को देख अब भाई (कैलाश विजयवर्गीय) ने इंदौर के अलावा अन्य सीट पर अपनी निगाह डाली है. पहले यह माना जा रहा था कि वे मंदसौर संसदीय सीट पर अपना दावा कर सकते हैं, मगर वर्तमान में पूर्व भाजपा अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान (नंदू भैया) और अर्चना चिटनिस (दीदी) के बीच दावेदारी को लेकर विवाद तेज हो गया है.
अर्चना चिटनिस ने भी संसदीय क्षेत्र में सक्रियता बढ़ाई है तो वर्तमान में सांसद रहते हुए नंदू भैया को उम्मीद है कि पार्टी
उन्हें फिर से टिकट देगी. मगर पार्टी का एक धड़ा नंदू भैया की जीत की उम्मीद कम देख रहा है और उन्हें टिकट से दूर रखना चाहता है. इस परिस्थिति को देख नंदू भैया और अर्चना चिटनिस के समर्थकों के बीच टकराव की स्थिति भी निर्मित होती जा रही है. अर्चना चिटनिस और नंदकुमार सिंह चौहान के बीच टिकट की दावेदारी और उनके समर्थकों के बीच टकराव को देख अब इस संसदीय क्षेत्र में कैलाश विजयवर्गीय ने अपनी दावेदारी कर डाली है. उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को यह संसदीय क्षेत्र अपनी पसंद का बताया है. इसके चलते अब यह माना जा रहा है कि दोनों नेताओं के बीच चल रहे टकराव को देख कैलाश को खण्डवा संसदीय क्षेत्र से प्रत्याशी बनाया जा सकता है.
बेटी के लिए सक्रिय हुए राघवजी
विधानसभा में सपाक्स का दामन थामने के बाद भाजपा नेताओं के दबाव में आकरबैठ जाने वाले पूर्व वित्त मंत्री राघवजी ने एक बार फिर भाजपा पर दबाव बनाना शुरु कर दिया है. वे विदिशा संसदीय क्षेत्र से अपनी बेटी ज्योति शाह के लिए टिकट की मांग करने लगे हैं. आज राघवजी प्रदेश भाजपा कार्यालय पहुंचे और उन्होंने अपनी बेटी को टिकट देने की मांग भाजपा नेताओं से की.
यहां उल्लेखनीय है कि विदिशा से सांसद सुषमा स्वराज ने इस बार विदिशा से चुनाव न लड़ने की बात कही है. इसके चलत इस सीट पर भी दावेदारों की संख्या बढ़ रही है. पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान यहां से अपनी पत्नी साधना सिंह को टिकट दिलाना चाहते हैं तो पूर्व वित्त मंत्री राघवजी ने यहां से बेटी के लिए टिकट की मांग कर दी है. भाजपा के लिए यहां पर प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया में परेशानी खड़ी होती नजर आ रही है.