Lok Sabha Election 2024: गांधीनगर लोकसभा सीट से अमित शाह को चुनौती दे रही हैं कांग्रेस की सोनल पटेल, कार्यकर्ताओं को डराने का आरोप लगाया

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 13, 2024 01:19 PM2024-04-13T13:19:35+5:302024-04-13T13:22:11+5:30

सोनल पटेल ने सत्तारूढ़ दल पर उनके निर्वाचन क्षेत्र में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को डराने-धमकाने का भी आरोप लगाया और चुनाव लड़ने के लिए समान अवसर नहीं होने की बात कही।

Lok Sabha Election 2024 from Gandhinagar seat Congress Sonal Patel is challenging Amit Shah | Lok Sabha Election 2024: गांधीनगर लोकसभा सीट से अमित शाह को चुनौती दे रही हैं कांग्रेस की सोनल पटेल, कार्यकर्ताओं को डराने का आरोप लगाया

गुजरात की गांधीनगर लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार हैं सोनल पटेल

Highlightsगुजरात की गांधीनगर लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार हैं सोनल पटेलकहा - अमित शाह के खिलाफ चुनाव लड़ने में कोई हिचकिचाहट नहीं है क्षेत्र में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को डराने-धमकाने का भी आरोप लगाया

Lok Sabha Election 2024: गुजरात की गांधीनगर लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार सोनल पटेल ने कहा है कि उन्हें इस सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता अमित शाह के खिलाफ चुनाव लड़ने में कोई हिचकिचाहट नहीं है। भाजपा की ओर से गांधीनगर सीट से केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह चुनाव मैदान में हैं। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) की सचिव और मुंबई तथा पश्चिमी महाराष्ट्र की पार्टी की सह-प्रभारी पटेल (62) ने दावा किया कि भाजपा जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने में विफल रही है, इसलिए उसके (भाजपा के) खिलाफ सत्ता-विरोधी लहर है। 

सोनल पटेल ने सत्तारूढ़ दल पर उनके निर्वाचन क्षेत्र में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को डराने-धमकाने का भी आरोप लगाया और चुनाव लड़ने के लिए समान अवसर नहीं होने की बात कही। पटेल ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए एक साक्षात्कार में कहा,  "मैंने पार्टी से टिकट नहीं मांगा था, क्योंकि मैं महाराष्ट्र में कांग्रेस के मामलों में व्यस्त थी, जहां मैं मुंबई और पश्चिमी महाराष्ट्र की सह-प्रभारी हूं। लेकिन पार्टी ने मुझे गांधीनगर से चुनाव मैदान में उतारा और मैंने इसे स्वीकार कर लिया।"

कांग्रेस उम्मीदवार ने आरोप लगाया, "हमारे कार्यकर्ताओं को डराया जा रहा है, कोई भी हमें पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठकों के लिए जगह किराये पर देने को तैयार नहीं है, क्योंकि उन्हें डर है कि चुनाव खत्म होने के बाद उन्हें निशाना बनाया जाएगा। पुलिस अतीत के कुछ छोटे-मोटे मामलों में हमारे शहर और जिले के नेताओं को पुलिस थानों में बुला रही है। भाजपा चुनाव लड़ने के लिए प्रशासनिक मशीनरी का इस्तेमाल कर रही है।" 

कांग्रेस उम्मीदवार ने कहा कि इससे पता चलता है कि वे डरे हुए है। उन्होंने कहा, "मुझे नहीं पता कि अमित शाह को उन हथकंडों के बारे में पता है या नहीं, जो भाजपा के स्थानीय नेता अपना रहे हैं। हर किसी को चुनाव लड़ने के लिए समान अवसर मिलना चाहिए।" पटेल के पास ‘आर्किटेक्ट’ की डिग्री भी है। उन्होंने कहा कि उन्हें गांधीनगर में शाह के खिलाफ चुनाव लड़ने में कोई हिचकिचाहट नहीं है। इस सीट को भाजपा का गढ़ माना जाता है और यहां से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी चुनाव लड़ चुके हैं। 

पटेल ने कहा, "वह (शाह) भले ही देश के गृहमंत्री हैं, लेकिन हमने उन्हें तब से देखा है जब वह भाजपा में एक मामूली कार्यकर्ता थे। नारणपुरा (अमित शाह का विधानसभा क्षेत्र) के एक जमीनी स्तर के कार्यकर्ता से वह देश के गृहमंत्री बने हैं। मेरे पिता नारणपुरा से कांग्रेस के नगर पार्षद थे। हमने उन्हें आगे बढ़ते देखा है। मैंने भी जमीनी स्तर से शुरुआत की है।और जब लोग मतदान करेंगे वे यह नहीं सोचेंगे कि वह (शाह) गृहमंत्री हैं और मैं मामूली सी पार्टी (कांग्रेस) कार्यकर्ता।"

कांग्रेस पूर्व में गांधीनगर सीट से भाजपा नेताओं को टक्कर देने के लिए पूर्व चुनाव आयुक्त टी एन शेषन, अभिनेता राजेश खन्ना जैसे दिग्गजों को चुनाव मैदान में उतारा चुकी है। यह पूछे जाने पर कि कांग्रेस ने इस बार किसी बाहरी व्यक्ति को शाह के खिलाफ क्यों नहीं उतारा, पटेल ने कहा, "बाहर से किसी दिग्गज को लेने में दो समस्याएं हैं। एक तो उस व्यक्ति को क्षेत्र के बारे में कोई जानकारी नहीं होती, इसलिए वह ज्यादा मददगार साबित नहीं होता और चुनाव के बाद जब उम्मीदवार जाता है तो एक खालीपन पैदा होता है। इसलिए किसी स्थानीय उम्मीदवार को चुनना बेहतर होता है।" 

उन्होंने कहा, "हमारा प्रचार अभियान जारी है और इसमें तेजी आएगी।" एक वीडियो सार्वजनिक हुआ है, जिसमें दिखाया गया है कि कांग्रेस उम्मीदवार को गांधीनगर के पेथापुर गांव में प्रचार करने से रोका गया। यह पूरा विवाद राजकोट से भाजपा के उम्मीदवार एवं केंद्रीय मंत्री परषोत्तम रूपाला की राजपूत या क्षत्रिय समुदाय के खिलाफ टिप्पणी से जुड़ा है। इस बारे में पटेल ने कहा, "हम किसी भी तरह से विवाद से जुड़े नहीं हैं और हमने क्षत्रिय समुदाय के खिलाफ रूपाला की टिप्पणी की आलोचना की है, लेकिन हमें पेठापुर गांव में अनुमति नहीं दी गई। घटना का एक वीडियो सर्वजनिक हुआ और हमें बाद में पता चला कि हमें रोकने वाले लोग भाजपा कार्यकर्ता थे। चूंकि वे क्षत्रिय समुदाय के प्रभुत्व वाले गांवों में प्रचार नहीं कर पा रहे, इसलिए उन्होंने हमें भी प्रचार करने से रोका।"

निर्वाचन क्षेत्र के मुख्य मुद्दों पर उन्होंने कहा कि चुनाव में सत्ता-विरोधी लहर है, क्योंकि भाजपा राज्य के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने में विफल रही है। कांग्रेस उम्मीदवार ने कहा, "उन्होंने बुनियादी ढांचे का निर्माण भले किया है, लेकिन गरीब और अधिक गरीब तथा अमीर और अधिक अमीर होते जा रहे हैं। गांवों में रोजगार का कोई अवसर नहीं है और किसानों के पास जमीन कम हो रही है, क्योंकि यह पीढ़ियों के बीच बंट रही है। जब एक ग्रामीण शहर में जाता है तो उसे अत्यधिक महंगाई का सामना करना पड़ता है। भाजपा के पास इन समस्याओं का कोई जवाब नहीं है।"  उन्होंने कहा, "भाजपा का 400 से ज्यादा सीट जीतने का दावा सिर्फ बयानबाजी है और मुझे यकीन है कि वह इस बार गुजरात में सभी 26 लोकसभा सीट नहीं जीत पाएगी।"

भाजपा ने 2014 और 2019 में राज्य की सभी 26 सीट पर जीत दर्ज की थी। पटेल ने कहा कि उन्होंने बिना किसी ताम-झाम के अपना नामांकन पत्र दाखिल करने का फैसला किया, क्योंकि वह पार्टी कार्यकर्ताओं को परेशान नहीं करना चाहती थी। उन्होंने कहा, "मैंने 16 अप्रैल को नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए सिर्फ चार या पांच महिलाओं के साथ जाने का फैसला किया है। पार्टी कार्यकर्ताओं को परेशान क्यों किया जाए।" गुजरात में लोकसभा चुनाव सात मई को एक ही चरण में होंगे और नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 19 अप्रैल है। 

(इनपुट - भाषा)

Web Title: Lok Sabha Election 2024 from Gandhinagar seat Congress Sonal Patel is challenging Amit Shah

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