Lok Sabha Election 2024: राजस्थान में अशोक गहलोत, सचिन पायलट नहीं लड़ेंगे चुनाव, एमपी की छिंदवाड़ा सीट से मौजूदा सांसद नकुलनाथ को मिल सकता है टिकट
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: March 12, 2024 10:01 AM2024-03-12T10:01:01+5:302024-03-12T10:07:01+5:30
राजस्थान में कांग्रेस के दो दिग्गज नेता अशोक गहलोत और सचिन पायलट लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी बनने की बजाय पार्टी के लिए पूरे प्रदेश में प्रचार कार्य को संभालेंगे।
नई दिल्ली: आगामी लोकसभा चुनाव में सत्तधारी भाजपा को चुनौती देने के मद्देनजर तैयारियों में लगी हुई कांग्रेस पार्टी से टिकट बंटवारे को लेकर खबर आ रही है कि राजस्थान में पार्टी के दो दिग्गज नेता लोकसभा चुनाव में किसी सीट से प्रत्याशी बनने की बजाय पार्टी के लिए पूरे प्रदेश में प्रचार कार्य को संभालेंगे।
जी हां, राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अशोक गहलोत और सचिन पायलट साल 2024 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे।
समाचार वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार बीते सोमवार को संपन्न हुई कांग्रेस पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति की दूसरी बैठक में सुझाव दिया कि राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट इस गर्मी में लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। हालांकि अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत, जो साल 2019 का लोकसभा चुनाव हार गये थे। इस चुनाव में भी किस्मत आजमा सकते हैं।
कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं की मांग थी कि अशोक गहलोत और सचिन पायलट चुनाव लड़ें, लेकिन कांग्रेस नहीं चाहती है कि वे लड़ें क्योंकि उनके चुनाव लड़ने का मतलब होगा कि दोनों को सिर्फ एक सीट पर ध्यान केंद्रित करना होगा। लेकिन पार्टी उवन दोनों नेताओं से चुनाव लड़ने की बजाय पूरे सूबे को संभालने की बड़ी भूमिका देना चाहती है।
सीईसी की बैठक में गहलोत और पायलट दोनों को विशेष आमंत्रित सदस्य के तौर पर आने के लिए कहा गया था लेकिन उस बैठक में गहलोत नहीं आये। यहां तक कि उनकी गैरमौजूदगी में भी इस बात पर बहस चल रही थी कि छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल की तरह उन्हें भी चुनाव लड़ना चाहिए लेकिन आख़िरकार उनकी अनुपस्थिति में ये फैसला लिया गया कि गहलोत लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे।
कांग्रेस की इस बैठक में लोकसभा की कुल 63 सीटों पर चर्चा हुई और लगभग 40 सीटों पर पार्ची की ओर से फैसला कर लिया गया है। हालांकि इस बैठक में कांग्रेस पार्टी मध्य प्रदेश में महज 6 से 7 सीटों पर ही प्रत्याशियों के नाम ही तय कर सकी।
कांग्रेस के दो नेताओं ने कहा कि अशोक गहलोत के बेटे वैभव को पार्टी जोधपुर की बजाय जालोर से चुनाव लड़ने के लिए टिकट दे सकती है। वैभव 2019 में जोधपुर से चुनाव हार गए थे।
इसके साथ ही एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि मध्य प्रदेश में पूर्व केंद्रीय मंत्री कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ को पार्टी छिंदवाड़ा से टिकट दे सकती है, जहां से वह मौजूदा सांसद हैं। कमलनाथ के बारे में पिछले महीने सियासी अटकलों का दौर चल रहा था कि वो अपने बेटे नकुल के साथ भाजपा के पाले में जा सकते हैं। हालांकि दोनों पिता-पुत्र ने कांग्रेस नेतृत्व में भरोसा जताया था।
सोमवार की बैठक से संकेत मिला है कि कांग्रेस अशोक गहलोत को जोधपुर, नागौर, बीकानेर और पाली जिलों में चुनाव प्रबंधन की जिम्मेदारी सौंपेगी, जबकि सचिन पायलट दौसा, टोंक और धौलपुर सीटों का जिम्मा संभालेंगे। वहीं राजस्थान कांग्रेस के प्रमुख गोविंद सिंह डोटासरा को सीकर और जयपुर जिलों की जिम्मेदारी दी जानी तय है। इनके अलावा पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को उदयपुर, राजसमंद और भीलवाड़ा जिले सौंपे गए हैं।
मालूम हो कि कांग्रेस पार्टी ने अपनी पहली सूची में लोकसभा चुनाव के लिए अब तक 39 उम्मीदवारों के नाम घोषित किए हैं, जिसमें केरल के वायनाड से पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी शामिल हैं।
8 मार्च को कांग्रेस ने आठ राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश के प्रत्याशियों की पहली सूची जारी की थी। जिसमें राहुल गांधी के अलावा छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राजनांदगांव से, तिरुवनंतपुरम से मौजूदा सांसद शशि थरूर को और पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल को अलाप्पुझा से टिकट दिया गया है।