लोकसभा चुनाव: बिहार में कटिहार संसदीय क्षेत्र में मुकाबला रोचक होगा, नजरें तारिक अनवर के भविष्य पर टिकी हैं 

By एस पी सिन्हा | Published: March 29, 2019 11:12 PM2019-03-29T23:12:45+5:302019-03-29T23:12:45+5:30

राजनीतिक टीकाकारों के मुताबिक कांग्रेस व भाजपा दोनों के दलीय वोट बैंक में इस बार सेंधमारी हो सकती है. कुछ क्षेत्रों में चेहरे भी वोटों की गोलबंदी के लिए निर्णायक माने जा रहे हैं.

Lok Sabha election 2019: Tarik Anwar will fight from katihar from congress party | लोकसभा चुनाव: बिहार में कटिहार संसदीय क्षेत्र में मुकाबला रोचक होगा, नजरें तारिक अनवर के भविष्य पर टिकी हैं 

लोकसभा चुनाव: बिहार में कटिहार संसदीय क्षेत्र में मुकाबला रोचक होगा, नजरें तारिक अनवर के भविष्य पर टिकी हैं 

Highlightsजदयू ने यहां से दुलालचंद गोस्वामी को अपना उम्मीदवार बनाया है. एनसीपी ने भी मो. शकूर को अपना उम्मीदवार बनाया है.कटिहार संसदीय क्षेत्र अंतर्गत छह विधानसभा क्षेत्र आता है. 

बिहार में कटिहार संसदीय क्षेत्र में मुकाबला रोचक हो गया है. कभी कांग्रेस व बाद में भाजपा का गढ़ कहे जाने वाले इस सीट ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं. इस बार भी इस सीट पर कई बदलाव दिख रहे हैं. कटिहार बिहार का जिला है जो पश्चिम बंगाल की सीमा पर स्थित है. पहले यह पूर्णिया जिले का एक हिस्सा था. 

इसका इतिहास बहुत ही समृद्ध रहा है. मुगल शासन के अधीन इस जिले की स्थापना सरकार तेजपुर ने की थी. 13वीं शताब्दी के आरम्भ में यहां पर मोहम्मद्दीन शासकों ने राज किया. यहां का सबसे निकटतम हवाई अड्डा बागडोगडा (सिलीगुडी के निकट) है.

इसबार के चुनाव में एनडीए से जदयू के दुलालचंद गोस्वामी व राकांपा छोड़ कांग्रेस में आये महागठबंधन के तारिक अनवर की सीधी टक्कर को निर्दलीय अशोक अग्रवाल रोचक मोड़ देने की तैयारी में हैं.

अशोक अग्रवाल का भाजपा से नाता रहा है और वह भाजपा के विधान पार्षद भी हैं. इसलिए पार्टी ने उन्हें नामांकन वापस लेने की नसीहत दी है. अगर वह नहीं माने तो मुकाबला त्रिकोणात्मक होगा. इस संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस का अधिक समय तक कब्जा रहा है.

कटिहार रह चुका है बीजेपी और कांग्रेस का गढ़ 

आजादी के बाद से अब तक आठ बार कांग्रेसी उम्मीदवार यहां से चुनाव जीतते रहे. तीन बार भाजपा भी यहां जीत चुकी है. कटिहार क्षेत्र तारिक अनवर का गढ़ माना जाता है. यहां से वह 5 बार सांसद रह चुके हैं. भाजपा के निखिल कुमार चौधरी भी यहां से तीन बार चुनाव जीत चुके हैं. 

राजनीतिक टीकाकारों के मुताबिक कांग्रेस व भाजपा दोनों के दलीय वोट बैंक में इस बार सेंधमारी हो सकती है. कुछ क्षेत्रों में चेहरे भी वोटों की गोलबंदी के लिए निर्णायक माने जा रहे हैं. एनसीपी से कांग्रेस में आने वाले तारिक अनवर चुनाव मैदान में हैं.

उनके परंपरागत प्रतिद्वंद्वी भाजपा इस बार चुनाव मैदान में नहीं है. इस बार जदयू ने यहां से दुलालचंद गोस्वामी को अपना उम्मीदवार बनाया है. इस सीट पर एनसीपी ने भी मो. शकूर को अपना उम्मीदवार बनाया है. अन्य कई दलीय व निर्दलीय उम्मीदवार इस चुनावी जंग को रोचक बनाने में जुटे हैं. कटिहार संसदीय क्षेत्र अंतर्गत छह विधानसभा क्षेत्र आता है. 

कटिहार का जातीय समीकरण 

यहां कुल 1645713 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. इसमें 872131 पुरुष मतदाता हैं, जबकि 773884 महिला मतदाताओं की संख्या है. अन्य मतदाताओं की संख्या 98 है. यहां का जातीय समीकरण में 4 प्रतिशत अनुसूचित जाति व जनजाति, 40 प्रतिशत, मुस्लिम, 11 प्रतिशत,  यादव, 05 प्रतिशत सवर्ण, 35 प्रतिशत,  पिछ्डा/अति पिछडा व 05 प्रतिशर अन्य मतदाता हैं.

ऐसे में महागठबंधन के उम्मीदवार तारिक अनवर को माय समीकरण पर भरोसा है, जबकि जदयू(राजग) उम्मीदवार पिछडा और अतिपिछडा व अन्य के सहारे अपनी नैया पार लागने की उम्मीद लगाये मैदान में हैं.
 

Web Title: Lok Sabha election 2019: Tarik Anwar will fight from katihar from congress party