शिवसेना का विपक्ष पर निशाना, चंद्रबाबू नायडू स्वयं को व्यर्थ ही थका रहे हैं, ‘‘रेंगने वाली’’ गठबंधन देशहित में नहीं
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 20, 2019 02:09 PM2019-05-20T14:09:16+5:302019-05-20T14:09:16+5:30
शिवसेना ने विपक्षी दलों का गठबंधन तैयार करने की तेदेपा प्रमुख चंद्रबाबू नायडू की कोशिश को लेकर उन पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वह इधर से उधर भाग कर स्वयं को व्यर्थ ही थका रहे हैं क्योंकि इस ‘‘संभावित गठबंधन’’ के 23 मई को चुनाव परिणाम आने के बाद टिके रहने की कोई गारंटी नहीं है।
![lok sabha election 2019 Shiv Sena's political clout may take a hit in Maharashtra, show exit polls. | शिवसेना का विपक्ष पर निशाना, चंद्रबाबू नायडू स्वयं को व्यर्थ ही थका रहे हैं, ‘‘रेंगने वाली’’ गठबंधन देशहित में नहीं lok sabha election 2019 Shiv Sena's political clout may take a hit in Maharashtra, show exit polls. | शिवसेना का विपक्ष पर निशाना, चंद्रबाबू नायडू स्वयं को व्यर्थ ही थका रहे हैं, ‘‘रेंगने वाली’’ गठबंधन देशहित में नहीं](https://d3pc1xvrcw35tl.cloudfront.net/sm/images/420x315/udhav-thakrey_20190592657.jpg)
पार्टी ने कहा, ‘‘नायडू को आंध्र प्रदेश में वाईएसआर कांग्रेस नेता जगनमोहन रेड्डी कड़ी टक्कर देते दिख रहे है।
शिवसेना ने लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद भाजपा को सत्ता से बाहर रखने के लिए एकजुट होने की कोशिश करने वाले विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए सोमवार को कहा कि कई छोटे दलों के समर्थन से ‘‘रेंगने वाली’’ गठबंधन सरकार देश हित में नहीं है।
शिवसेना ने विपक्षी दलों का गठबंधन तैयार करने की तेदेपा प्रमुख चंद्रबाबू नायडू की कोशिश को लेकर उन पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वह इधर से उधर भाग कर स्वयं को व्यर्थ ही थका रहे हैं क्योंकि इस ‘‘संभावित गठबंधन’’ के 23 मई को चुनाव परिणाम आने के बाद टिके रहने की कोई गारंटी नहीं है।
लोकसभा चुनाव के लिए मतदान रविवार को समाप्त हुआ था और मतगणना बृहस्पतिवार को होगी। अधिकतर एक्जिट पोल ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार बनने का अनुमान जताया है। कुछ एक्जिट पोल ने भाजपा नीत राजग को 300 से अधिक सीट मिलने का अनुमान व्यक्त किया है।
शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में छपे संपादकीय में कहा, ‘‘इस महागठबंधन में प्रधानमंत्री पद के कम से कम पांच उम्मीदवार हैं।... मौजूदा संकेतकों के बाद उनका मोहभंग होने की आशंका दिखाई दे रही है।’’ इसमें कहा गया है, ‘‘कई छोटे दलों की मदद से रेंगने वाली गठबंधन सरकार देशहित में नहीं है।’’
संपादकीय में पिछले कुछ दिनों में नायडू की विपक्ष के कई नेताओं के साथ बैठक का जिक्र करते हुए कहा कि कुछ लोगों को लगता है कि परिणाम की घोषणा के बाद दिल्ली (केंद्र) में हालात अस्थिर होंगे और ‘‘वे इससे लाभ कमाना चाहते हैं।’’
सामना ने कहा गया है, ‘‘विपक्ष ने मान लिया है कि भाजपा सत्ता में नहीं आएगी, इसलिए वे भाजपा को सत्ता से बाहर रखने के लिए सभी संभावित दलों का समर्थन हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं।’’ इसमें लिखा गया है, ‘‘नायडू गठबंधन करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन वास्तव में उनके प्रयासों का कोई फल नहीं मिलने वाला।
उन्होंने राकांपा प्रमुख शरद पवार से दिल्ली में दो बार मुलाकात की, लेकिन इस संभावित गठबंधन के 23 मई की शाम तक बने रहने की कोई गारंटी नहीं है।’’ पार्टी ने दावा किया कि पश्चिम बंगाल में वामदलों का खाता खुलने की संभावना कम है और आम आदमी पार्टी का पंजाब, दिल्ली और हरियाणा में भी यही हश्र होगा।
केरल में भी वाम का आधार घटेगा। पार्टी ने कहा, ‘‘नायडू को आंध्र प्रदेश में वाईएसआर कांग्रेस नेता जगनमोहन रेड्डी कड़ी टक्कर देते दिख रहे है। आंध्र प्रदेश के पड़ोसी राज्य तेलंगाना में भी नायडू की तेदेपा और कांग्रेस की तुलना में के़ चंद्रबाबू राव के नेतृत्व वाली टीआरएस को बड़ी जीत मिलने की संभावना है।’’