मोदी नहीं बनेंगे पीएम, मायावती का दावा सबसे मजबूत, भाजपा को 200 से कम सीटें मिलेंगी: राजभर
By भाषा | Published: May 14, 2019 07:07 PM2019-05-14T19:07:09+5:302019-05-14T19:07:09+5:30
राजभर ने कहा कि समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव और बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती को यह भी नहीं पता कि राज्य में कितने पिछड़े और दलित हैं। उत्तर प्रदेश में भाजपा के सहयोगी दल ‘सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी’ (एसबीएसपी) इस बार भाजपा के खिलाफ मैदान में है।
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) के अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने मंगलवार को घोषणा की कि जिन सीटों पर उनके दल के उम्मीदवारों का नामांकन पत्र खारिज हो गया है, उन सीटों पर वह सपा-बसपा गठबंधन और कांग्रेस उम्मीदवारों का समर्थन करेंगे।
साथ ही उन्होंने दावा किया कि लोकसभा चुनाव में भाजपा 200 से कम सीटों पर सिमट कर रह जाएगी और देश का अगला प्रधानमंत्री दलित होगा । राजभर ने दावा किया, ''भाजपा लोकसभा चुनाव में 200 से कम सीट जीत पायेगी व देश का अगला प्रधानमंत्री दलित होगा।''
ह पूछे जाने पर कि क्या बसपा सुप्रीमो मायावती प्रधानमंत्री बन सकती हैं, उन्होंने कहा कि जब गुजरात का मुख्यमंत्री बनकर नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बन सकते हैं तो मायावती देश के सबसे बड़े सूबे की चार बार मुख्यमंत्री रही हैं, वह क्यों नहीं बन सकतीं।
राजभर ने कहा कि दलित प्रधानमंत्री का कोई विरोध नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस दूसरे नम्बर पर होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि मोदी हताश व निराश हो गये हैं तथा हताशा व निराशा में ही कभी स्वयं को गरीब तो कभी पिछड़ा और कभी चौकीदार बता रहे हैं।
उन्होंने जानकारी दी कि उत्तर प्रदेश की जिन लोकसभा सीटों पर उनके दल का नामांकन पत्र खारिज हो गया है, उन पर सपा—बसपा गठबंधन व कांग्रेस के नेताओं के अनुरोध पर पार्टी के स्थानीय संगठन ने महागठबंधन व कांग्रेस के उम्मीदवारों को समर्थन करने का फैसला लिया है ।
अखिलेश, मायावती को उत्तर प्रदेश के पिछड़े एवं दलितों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है : राजभर
राजनीतिक रूप से अलग-थलग पड़े एसबीएसपी प्रमुख एवं उत्तर प्रदेश में भाजपा के असंतुष्ट साथी ओम प्रकाश राजभर, जिन्होंने सपा-बसपा को अपना समर्थन देने की घोषणा की थी अब उनका मोह ‘महागठबंधन’ से भी भंग होता नजर आ रहा है।
राजभर ने कहा कि समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव और बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती को यह भी नहीं पता कि राज्य में कितने पिछड़े और दलित हैं। उत्तर प्रदेश में भाजपा के सहयोगी दल ‘सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी’ (एसबीएसपी) इस बार भाजपा के खिलाफ मैदान में है। पार्टी की पूर्वी उत्तर प्रदेश में अच्छी पकड़ है और वह 35 सीटों पर मैदान में है।
महाराजगंज, बांसगांव और संत कबीर नगर में इसने महागठबंधन को और मिर्जापुर में कांग्रेस को समर्थन दिया है। राजभर अब भी राज्य में भाजपा नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री हैं। उन्होंने कहा कि वह चुनाव के बाद भाजपा के साथ गठबंधन करने पर अंतिम निर्णय लेंगे।
वहीं अखिलेश यादव और मायावती पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा , ‘‘ उन्हें यह भी नहीं पता कि राज्य में कितने पिछड़े और दलित हैं। वे समाज के इन दो तबकों के नेता होने का दावा करते हैं लेकिन उन्होंने उनके बारे में अधिक जानकारी नहीं है।’’ उन्होंने जारी लोकसभा चुनाव को एसबीएसपी की प्रासंगिकता की लड़ाई बताया।
राजभर ने कहा, ‘‘ मैंने भाजपा से सिर्फ एक सीट की मांग की थी और उन्होंने मना कर दिया। इसलिए मेरे पास कोई विकल्प नहीं बचा था।’’ उन्होंने कहा कि एसबीएसपी चुनाव जीतने या किसी को चुनाव हराने के लिए मैदान में नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘ हम चुनाव इसलिए लड़ रहे हैं ताकि दूसरे यह देख पाएं कि हमारी कितनी पकड़ है।’’ एसबीएसपी ने 2017 विधानसभा चुनाव में सात सीटों पर जीत हासिल की थी। भाजपा के साथ गठबंधन कर उसने कुल 14 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे।