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लोकसभा चुनाव 2019: शत्रुघ्न सिन्हा के खिलाफ मैदान में रविशंकर, बीजेपी कार्यकर्ताओं में दिखी नाराजगी

By रोहित कुमार पोरवाल | Updated: March 27, 2019 12:47 IST

Lok Sabha Election 2019: लोकसभा चुनाव के लिए बिहार की पटना साहिब लोकसभा सीट पर मुकाबला दिलचस्प होने वाला है क्योंकि बीजेपी उम्मीदवार रविशंकर प्रसाद के खिलाफ कांग्रेस के टिकट पर मौजूदा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा लड़ सकते हैं। वहीं, बीजेपी के आरके सिन्हा समर्थकों द्वारा रविशंकर का विरोध सियासत पर क्या असर डालेगा, पढ़े खास रिपोर्ट।

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ठळक मुद्देरविशंकर प्रसाद के खिलाफ कांग्रेस के टिकट पर लड़ सकते हैं शत्रुघ्न सिन्हाआरके सिन्हा और प्रसाद समर्थकों के बीच झड़प का चुनाव पर क्या होगा असर?

Lok Sabha Election 2019: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने बिहार की पटना साहिब लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा का पत्ता काटकर रविशंकर प्रसाद को उम्मीदवार बनाया है। शत्रुघ्न सिन्हा कांग्रेस के टिकट पर इस सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। वह गुरुवार (28 मार्च) को कांग्रेस में शामिल होंगे। वहीं, बीजेपी के आरके सिन्हा पटना साहिब से चुनाव लड़ने की आस बांधे हुए थे लेकिन उनके हाथ निराशा लगी। रविशंकर प्रसाद को उम्मीदवार बनाए जाने से आरके सिन्हा के समर्थकों का गुस्सा फूट पड़ा। 

मंगलवार (26 मार्च) को उम्मीदवार बनाए जाने के बाद जब पहली बार रविशंकर आरके सिन्हा के साथ पटना एयरपोर्ट पर पहुंचे तो उनके स्वागत के लिए मौजूद लोगों और आरके सिन्हा के समर्थकों के बीच झड़प हो गई। खबरें हैं कि रविशंकर प्रसाद के समर्थकों ने आरके सिन्हा के समर्थकों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। इस बवाल पर आरके सिन्हा ने ट्वीट कर सफाई दी और कार्यकर्ताओं के अपना मानने से इनकार किया। 

आरके सिन्हा ने ट्वीट में लिखा, ''टीवी से पता चला कि पटना एयरपोर्ट पर रविशंकर जी के खिलाफ नारे लगाने के लिए कुछ लोगों को बुरी तरह पीटा गया है और मेरा कार्यकर्ता बताया जा रहा है। मैं इसका खंडन करता हूँ। मैं 1966 से कार्यकर्ता हूं और सदैव रहूँगा। नरेन्द्र मोदी जी को पुनः प्रधानमंत्री बनायें!'' 

बाद में बीजेपी कार्यालय पहुंचने के बाद रविशंकर ने इशारों-इशारों में शत्रुघ्न सिन्हा पर उन्हीं के अंदाज में निशाना साधा। रविशंकर ने कहा, ''अब पटना साहिब सीट के वोटरों की आवाज खामोश नहीं होगी। मैं पटना की गली का लड़का हूं। मेरी रग-रग में पटना भरा हुआ है। मुझे पटना साहिब से उम्मीदवार बनाया गया है। चुनाव जीतने के बाद भी कार्यकर्ताओं की तरह काम करता रहूंगा।'' 

पटना साहिब संसदीय सीट कायस्थ बहुल इलाका है। रविशंकर प्रसाद, आर के सिन्हा और शत्रुघ्न सिन्हा तीनों कायस्थ जाति से आते हैं।

बता दें कि रविशंकर चार बार से लगातार राज्यसभा सांसद हैं और अब पहली बार लोकसभा प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ेंगे। प्रसाद अटल बिहारी वाजपेयी सरकार भी में भी केंद्रीय मंत्री रहे थे। एनडीए की सरकारों के दौरान रविशंकर प्रसाद के हाथों में कई मंत्रालयों की बागडोर रही है और वर्तमान मोदी सरकार में वह कानून और न्याय, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री हैं। 

रविशंकर ने विद्यार्थी जीवन से ही राजनीति में कदम रख दिया था। वह बीजेपी की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद जुड़े रहे। इंदिरा सरकार द्वारा 1975 में लगाए गए आपातकाल के दौरान जेल भी गए। प्रसाद ने जय प्रकाश नारायण के नेतृत्व में बिहार में छात्र आंदोलन के लिए काम किया। 

शत्रुघ्न सिन्हा के साथ उनका मुकाबला दिलचस्प होने उम्मीद है। शत्रुघ्न सिन्हा दो बार लोकसभा और दो बार राज्यसभा उम्मीदवार के तौर पर संसद पहुंचे। पार्टी लाइन से हटकर बयान देने के कारण सिन्हा को बीजेपी का बागी सांसद कहा जाने लगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कई फैसलों पर सिन्हा ने विपक्षियों की तरह वार किया। वह कई बार विरोधी पार्टियों के कार्यक्रमों में देखे गए और पीएम मोदी की नीतियों और नेतृत्व पर सवाल खड़े किए। सिन्हा बयानों को देखते हुए कहा जा रहा था कि इस बार उनका पत्ता कटना लगभग तय है और हुआ भी ऐसा ही। 

बता दें कि 2008 तक बिहार के जिला पटना के लिए केवल एक निर्वाचन क्षेत्र था। उसी वर्ष पटना साहिब को भी लोकसभा सीट घोषित किया गया। 2014 में ईवीएम मशीन के साथ इस्तेमाल होने वाली VVPAT मशीन का सबसे पहले इसी सीट पर इस्तेमाल हुआ था।

2014 में पटना साहिब से शत्रुघ्न सिन्हा कांग्रेस के कुनाल सिंह से दोगुने से ज्यादा वोटों से विजयी हुए थे। सिन्हा के खाते में 55.04 फीसदी वोट पड़े थे। इस सीट पर सिन्हा 2009 से सांसद हैं और पटना में उनकी अच्छी खासी लोकप्रियता मानी जाती है। जाहिर है कि इस बार सिन्हा और रविशंकर के बीच कड़ मुकाबला देखने को मिल सकता है।

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