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लोकसभा चुनाव में कितना फर्क डालेगा बाबा काशी विश्वनाथ कॉरिडोर? स्थानीय लोगों का दर्द-सब कुछ तबाह हो गया

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: March 11, 2019 10:17 IST

Lok Sabha Election 2019: लोकसभा चुनाव 2019 की घोषणा हो चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर से वाराणसी से उम्मीदवार हो सकते हैं। पीएम द्वारा काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर बनाए जाने को लेकर कहा जा रहा है कि उन्होंने 2024 तक के आम चुनाव की सियासी बिसात बिछा ली है। कॉरिडोर के लिए सरकार मुआवजा दे रही है लेकिन उस जगह पीढ़ियों से रहते आ रहे कई लोगों के आशियाने टूटे और रोजगार के जरिये भी छिने। हमने वहां जाकर मौके का मुआयना किया और लोगों से बात की...

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ठळक मुद्देपीएम नरेंद्र मोदी द्वारा वाराणसी में बाबा काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर का बनाए जाने को लेकर स्थानीयों में असंतोषपीढ़ियों से रह रहे लोग सरकारी मुआवजे से नाखुश, बोले- मकान के बदले मकान और दुकान के बदले दुकान मिलेप्रधानमंत्री के विकल्पों की कमी के चलते मोदी से नाराज चल रहे लोग एक बार फिर से दे सकते हैं उन्हें मौका

रोहित कुमार पोरवाल

Lok Sabha Election 2019: आखिर काशी को हम क्योटो क्यों बनाना चाहते हैं, क्योटो का इतिहास 1200-1300 साल पुराना है और काशी का 5000 साल पुराना। विदेशी काशी की संकरी गलियां और सांस्कृतिक धरोहर घूमने आते हैं, वरना चौड़ी सड़के और सुंदर इमारतें तो उनके यहां ही हैं। जैसे वेनिस की खूबसूरती की वहां के पानी के रास्ते हैं, उन्हें नहीं बदला गया, वैसे ही काशी की खूबसूरती इसकी प्राचीन गलियों, इमारतों और मंदिरों में हैं, इस धरोहर को नहीं बदला जाना चाहिए।'' यह झुंझलाहट यूपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रहे बाबा विश्वनाथ धाम कॉरिडोर के पास दादा-पिता जी की दुकान पर सहयोग दे रहे युवा छात्र आयुष गौर की है। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक और मौका दिए जाने के सवाल पर वह मुस्करा देते हैं और कहते हैं कि पीएम ने कुछ अच्छे काम भी किए हैं, जिसके लिए उनकी तारीफ होनी चाहिए लेकिन सरकार कॉरिडोर बनाने के लिए तोड़फोड़ की भरपाई धनराशि के मुआवजे से कर रही है जो किसी काम का नहीं रह जाएगा। क्योंकि दो-तीन पीढ़ी की दादा-पिता जी की मेहनत के बाद जो घर बना, वह घर सरकार के पैसे से नहीं आएगा। रोजगार का जो बना बनाया जरिया उजड़ा, वैसा फिर नहीं हो पाएगा। आयुष की तरह और भी लोगों की व्याकुलताएं बाबा के कॉरीडोर को लेकर हैं। 

'बाबा की कृपा से बन रहा कॉरिडोर लेकिन गया जीने-खाने का जरिया'

रतन यादव का कहना है जो हो रहा है बाबा की कृपा ये हो रहा है, उसे कोई नहीं रोकने वाला है.. यह अटल सत्य है.. साथ ही अपना दर्द बयां करते हैं... कहते हैं कि उनके पिता जी के पिता जी और उनके भी... करीब दस पीढ़ियों से यहां रहते आए हैं। सरकार घर नहीं दे रही है लेकिन जीने-खाने के लिए कुछ व्यवस्था बना दें, मुआवजा हमें नहीं चाहिए.. ये हम लोगों का रोजी है.. यही बस हमें मिल जाए और कुछ नहीं चाहिए।

रतन जी के साथ कुछ छात्र बोल पड़े- हमें कुछ नहीं चाहिए, दुकान के बदले दुकान चाहिए... मकान के बदले मकान... । एक और छात्र ने कहा कि आदमी रहने को तो कहीं भी रह लेगा लेकिन रोजगार नहीं होगा कैसे काम चलाएगा?

एक और छात्र ने कहा कि व्यवस्था अच्छी होगी, वो बाद में देखा जाएगा लेकिन अभी हमारी दिक्कतों का क्या? वो ठीक है कि सरकार दुकान और मकान के बदले मुआवजा दे रही है लेकिन वो घर और दुकान वापस तो नहीं आएगा, वैसा कमाई का जरिया वापस नहीं आएगा। 

'अब बात क्या करें सब टूट गया'

नुकसान और मुआवजा पाने वाले ज्यादातर लोग फिर से पहले जैसे रोजगार के लिए चिंतित दिखे। मीडिया का कैमरा देखकर एक दुकान झल्ला उठा, क्रोध और करुणा के साझा स्वर में अपना दर्द बताने से इनकार करते हुए कहा कि ''अब मीडिया के आने से भी क्या होगा, सब टूट गया, तबाह हो गया, कुछ भी नहीं बचा, अब बात करने का कोई फायदा नहीं।'' सुरक्षा में लगे कुछ पुलिसवाले भी ऑफ द रिकॉर्ड कॉरिडोर के लिए की गई तोड़फोड़ से दुखी लगे। 

'इस पार से देखिए, चाहे उस पार से..'

कॉरिडोर वाली जगह पर तोड़फोड़ देखने के लिए भी सैलानियों का आना-जाना लगा है। उमाकांत त्रिपाठी ने कॉरिडोर को बनारस का गौरव बताया। कहा कि पहले संकरी गलियां थी.. आना जाना मुश्किल था,  कुछ दिखना मुश्किल था.. अब तो बाबा विश्वनाथ का दर्शन और गंगा का दर्शन सब सुलभ हो गया.. एक ही झटके से.. इस पार से देखिए, चाहे उस पार से.. मोदी जी ने बहुत मौलिक कार्य किया है.. जनता फिर से मौका देगी.. दूसरा है कौन..।''

इजराइल से आए अभी नाम के विदेशी सैलानी अपनी टोली के साथ बाबा विश्वनाथ धाम के पास टकरा गए। अभी ने भी प्रतिक्रिया दी और कहा कि बाबा के धाम की आध्यात्मिकता उन्हें यहां खींच लाती है, उनके साथ मौजूद महिला ने कहा कि वे यहां बार-बार आना चाहेंगे। 

मोदी को फिर से मिलेगा मौका?

जिन लोगों से हमने बात की उनमें से तकरीबन 95 फीसदी लोग एक बार फिर प्रधानमंत्री को वाराणसी से सांसद और देश का अगला प्रधानमंत्री देखना का चाहते हैं। उनका कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बीच कुछ अच्छे कार्य भी किए गए, जिसका फायदा उन्हें मिलेगा।

बता दें कि बाबा काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव की घोषणा के दो दिन पहले किया। इस बार के चुनाव में कॉरिडोर की भी चुनावी भूमिका होगी, इससे इनकार नहीं किया जा सकता है।

टॅग्स :लोकसभा चुनावनरेंद्र मोदीवाराणसी
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