लोकसभा चुनाव: बिहार के सारण से लालू भी चुनाव मैदान में! चंद्रिका प्रसाद और रूढ़ी को दे रहे हैं टक्कर
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: May 3, 2019 08:56 AM2019-05-03T08:56:06+5:302019-05-03T08:56:06+5:30
जय प्रकाश नारायण की जन्मभूमि सारण राजपूतों और यादव समुदाय का गढ़ रहा है. यहां वोटरों की कुल संख्या 16.61 लाख है.
रामकुमार भारती
बिहार में हो रहे लोकसभा चुनाव में राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव भले ही चुनाव प्रचार से दूर हों, लेकिन उनके नाम का एक शख्स उनकी पंरपरागत सारण सीट से चुनावी मैदान में उतरकर उनकी कमी को पूरा कर रहा है. यह शख्स निर्दलीय चुनाव लड़ रहा है और उनका नाम भी लालू प्रसाद यादव है. लालू ने अपना नामांकन दाखिल कर राजद प्रमुख के समधी चंद्रिका प्रसाद और भाजपा प्रत्याशी राजीव प्रताप रूढ़ी के खिलाफ ताल ठोंक दिया है.
पिछले 40 साल में ऐसा पहली बार है, जब राजद प्रमुख लालू प्रसाद चारा घोटाला मामले में जेल में होने के कारण चुनाव प्रचार से दूर हैं. लेकिन उनकी कमी की भरपाई यह लालू कर रहा है. इसके चलते लालू का चुनाव लड़ना आम से खास तक के लिए चर्चा का केंद्र बना है, क्योंकि यह राजद सुप्रीमो नहीं, बल्किउनके नाम का एक प्रत्याशी है. मढौरा थाना क्षेत्र के रहने वाले लालू प्रसाद यादव वार्ड सदस्य पद से लेकर राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ चुके हैं. 2001 में वार्ड पंचायत चुनाव से राजनीतिक जीवन की शुरु आत करते वाले लालू यादव ने 2006 और 2009 तक वार्ड पंचायत का चुनाव लड़ा.
इसके बाद 2014 में लोकसभा चुनाव, फिर 2015 में मढ़ौरा विधानसभा से चुनाव लड़े. इसके अलावा 2017 में इन्होंने दिल्ली जाकर राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में भी नामांकन दाखिल किया था.
समाजसेवा के लिए चुनाव मैदान में
2009 में राजद प्रमुख के खिलाफ चुनाव लड़ चुके इस लालू यादव ने (असली) लालू यादव से अपना नाम मिलने को सिर्फएक इत्तेफाक मानते हैं. उनका कहना है कि वे समाज सेवा करते हैं और इसके लिए ही वह चुनाव मैदान में उतरे हैं. वह बताते हैं कि यदि वह चुनाव जीत कर सांसद बनते हैं कि आम जनता और समाज की सेवा करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे.
चार बार यहां से सांसद रह चुके हैं राजद प्रमुख
जय प्रकाश नारायण की जन्मभूमि सारण राजपूतों और यादव समुदाय का गढ़ रहा है. यहां वोटरों की कुल संख्या 16.61 लाख है. माई (मुस्लिम-यादव) समीकरण से लालू यादव चार बार सारण से सांसद रह चुके हैं. लालू यादव ने अपनी संसदीय पारी की शुरु आत 1977 में यहीं से की थी.