वरिष्ठ कांग्रेस नेता और नई दिल्ली संसदीय क्षेत्र के पार्टी प्रत्याशी अजय माकन का कहना है कि पूर्ण राज्य का दर्जा राष्ट्रीय राजधानी के लिए त्रासदी होगी तथा शहर की कानून व्यवस्था ‘उत्तर प्रदेश और बिहार जैसी बुरी’ हो जाएगी। माकन ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी होने के नाते दिल्ली की फंडिंग केंद्र सरकार करती है और यदि यह राज्य बन जाती है तो यहां के लोगों पर कर का बोझ बढ़ जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘अकेले दिल्ली पुलिस का वेतन 8000 करोड़ रुपये सलाना है। केंद्र सरकार शहर के पांच-छह सुपर स्पेशलिटी अस्पतालों पर हर साल 3000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च करती है। स्थानीय प्रशासन के पास एक भी पैसे का भुगतान करने के लिए पैसा नहीं है।’’
उन्होंने कहा कि दिल्ली में पेट्रोल के दाम देश के सभी अन्य महानगरों की तुलना में सबसे कम हैं क्योंकि केंद्र सरकार अधिकांश ईंधन सब्सिडी का बोझ उठाती है। कांग्रेस नेता ने सवाल किया, ‘‘दिल्ली की जनता को अधिक कर क्यों देना चाहिए, केवल इसलिए, क्योंकि अरविंद केजरीवाल और अधिकार चाहते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली के लिए यह त्रासदी होगी। शहर बिहार, उत्तर प्रदेश या अन्य किसी राज्य जैसा बुरा हो जाएगा। क्या आप सोचते हैं कि गाजियाबाद, नोएडा, गुड़गांव और बेगूसराय कानून-व्यवस्था के संदर्भ में दिल्ली से बेहतर हैं।’’
दिल्ली में सीलिंग अराजकता के लिए केंद्रीय शहरी विकास मंत्री के रूप में उनके निराशाजनक कार्य को उनकी प्रतिद्वंद्वी मीनाक्षी लेखी द्वारा जिम्मेदार ठहराये जाने पर माकन ने कहा कि वह मई, 2006 में एक हफ्ते में सीलिंग रुकवाने के लिए कानून लाए थे।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने दिल्ली के मास्टर प्लान में 170 से अधिक संशोधन कराए। यदि उसमें कुछ गलत है तो क्यों भाजपा सरकार उसे सही नहीं करती है। मैं 2006 में शहरी विकास विकास मंत्री था। मैं कैसे जिम्मेदार ठहराया जा सकता हूं?’’ क्षेत्रीय दलों के साथ गठबंधन के सवाल पर माकन ने कहा कि उत्तर प्रदेश और दिल्ली को छोड़कर कांग्रेस ने करीब-करीब सभी राज्यों में मजबूत गठबंधन किया है।