संघ ने चुनाव में भाजपा की जीत को ‘राष्ट्रीय शक्तियों की जीत’ बताया, जन भावनाओं का स्वागत हो
By भाषा | Published: May 23, 2019 06:38 PM2019-05-23T18:38:13+5:302019-05-23T18:38:13+5:30
आरएसएस के सरकार्यवाह भैयाजी जोशी ने अपने बयान में कहा, ‘‘एक बार फिर देश को स्थिर सरकार मिली है और यह करोड़ों भारतीयों का भाग्य है। यह राष्ट्रीय शक्तियों की विजय है।’’ उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की इस विजय की यात्रा में जिन जिनका योगदान रहा, उन सभी का अभिनंदन।
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आरएसएस के सरकार्यवाह भैयाजी जोशी ने अपने बयान में कहा, ‘‘एक बार फिर देश को स्थिर सरकार मिली है और यह करोड़ों भारतीयों का भाग्य है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने लोकसभा चुनाव में भाजपा की प्रचंड जीत को ‘राष्ट्रीय शक्तियों की जीत’ करार दिया। संघ ने कहा कि निर्वाचन प्रक्रिया सम्पन्न होने के साथ ही समस्त कटुतायें समाप्त हों और विनम्रता के साथ व्यक्त जन भावनाओं का स्वागत हो।
आरएसएस के सरकार्यवाह भैयाजी जोशी ने अपने बयान में कहा, ‘‘एक बार फिर देश को स्थिर सरकार मिली है और यह करोड़ों भारतीयों का भाग्य है। यह राष्ट्रीय शक्तियों की विजय है।’’ उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की इस विजय की यात्रा में जिन जिनका योगदान रहा, उन सभी का अभिनंदन।
राष्ट्रीय शक्तियों की विजय पर सभी का अभिनन्दन - भय्याजी जोशी , सरकार्यवाहhttps://t.co/bFPEJyiGzI
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लोकतंत्र का आदर्श विश्व के सम्मुख एक बार पुनः प्रस्तुत हुआ है। आरएसएस के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘हम विश्वास व्यक्त करते हैं कि नूतन सरकार जन सामान्य की भाव - भावनाओं के साथ ही इच्छा - आकांक्षाओं को भी पूर्ण करने में सफल सिद्ध होगी।
निर्वाचन प्रक्रिया सम्पन्न होने के साथ ही समस्त कटुतायें समाप्त हों और विनम्रता के साथ व्यक्त जन भावनाओं का स्वागत हो।’’ उधर, आरएसएस के डॉ. मनमोहन वैद्य ने कहा, ‘‘यह चुनाव भारत की दो भिन्न अवधारणाओं के बीच की लड़ाई थी। एक तरफ़ भारत की प्राचीन अध्यात्म आधारित एकात्म, सर्वांगीण और सर्वसमावेशी जीवनदृष्टि या चिंतन था जिसे दुनिया में हिंदू जीवन दृष्टि या हिंदू चिंतन के नाम से जाना जाता रहा है।
वहीं, दूसरी तरफ, वह अभारतीय दृष्टि थी जो भारत को अनेक अस्मिताओं में बाँट कर देखती रही है और अपने निहित स्वार्थ के लिए समाज को जाति, भाषा, प्रदेश या उपासना पंथ के नाम पर बाँटने का काम करती रही है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ बाँटने की राजनीति करने वालों ने समाज को जोड़ने वाली और उसे एकात्म दृष्टि से देखने वाली शक्ति का हमेशा ही विरोध ही किया है।
तरह तरह के आधारहीन, झूठे आरोप लगातार कर ग़लतफ़हमी पैदा करने का प्रयास किया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘स्वतंत्रता के समय से ही चल रही यह वैचारिक लड़ाई अब एक निर्णायक मोड़ पर आ पहुँची है। यह चुनाव इस लड़ाई का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है।
जब समाज एक होने लगा, तो बाँटने की राजनीति करने वालों का धरातल खिसकता नजर आने लगा और उन सभी ने करीब आ कर, एक दूसरे का साथ देकर इस जोड़ने वाली शक्ति का सामना करने प्रयास किया। उन्होंने कहा कि भारत की बुद्धिमान जनता ने सर्वसमावेशी भारत का समर्थन कर विकास के सूत्र को विजयी बनाया है। भारत की जनता इसके लिए बधाई की पात्र है। इस वैचारिक लड़ाई में भारत के पक्ष के मज़बूत नेतृत्व का और सभी कार्यकर्ताओं का हार्दिक अभिनंदन।