लोकसभा चुनाव 2019: उत्तर प्रदेश में अन्य दलों से आये नाराज नेताओं को भी टिकट देगी बीजेपी

By संतोष ठाकुर | Updated: March 10, 2019 21:04 IST2019-03-10T21:04:02+5:302019-03-10T21:04:02+5:30

भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि हमारे पास इस समय तक कांग्रेस, सपा, बसपा से दो दर्जन से अधिक पूर्व सांसद, विधायकों, पूर्व विधायकों तक से आवेदन आ रहे हैं।

LOK SABHA ELECTION 2019: BJP WILL GIVE TICKET TO OTHER PARTY LEADERS IN UP | लोकसभा चुनाव 2019: उत्तर प्रदेश में अन्य दलों से आये नाराज नेताओं को भी टिकट देगी बीजेपी

लोकसभा चुनाव 2019: उत्तर प्रदेश में अन्य दलों से आये नाराज नेताओं को भी टिकट देगी बीजेपी

Highlightsभाजपा हालांकि यह दावा कर रही है कि वह यहां पर पिछले लोकसभा चुनाव में हासिल 73 सीटों से एक सीट अधिक जीतेगी। भाजपा के पास संगठन और चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चेहरा होने से उसके पास अधिक असंतुष्टों के आने की संभावना है।

चुनाव की घोषणा के बाद भाजपा ने सरकार बनाने के लिए महत्वपूर्ण उत्तर प्रदेश को लेकर अपनी किलेबंदी तेज कर दी है। यहां पर किसी भी हालत में 50 से अधिक सीट हासिल करने का प्रयास कर रही भाजपा ने एक बड़ा फैसला लेते हुए यह निर्णय किया है कि वह जरूरत महसूस होने पर अन्य दलों से आए नेताओंं को भी भाजपा से लोकसभा का उम्मीदवार बनाएगी।

बीजेपी का 74 सीटें जीतने का दावा 

इस रणनीति के पीछे उप्र में अधिक से अधिक सीट जीतने का लक्ष्य है। भाजपा हालांकि यह दावा कर रही है कि वह यहां पर पिछले लोकसभा चुनाव में हासिल 73 सीटों से एक सीट अधिक जीतेगी। लेकिन उसके अपने ही एक आकलन में यह सामने आया है कि वह यहां पर 40 से 50 सीट तक सिमट सकती है। ऐसे में अपना नुकसान कम करने के लिए वह अन्य दलों से आने वाले ऐसे नेताओं पर भी दांव लगाएगी जो चुनाव जीतने में सफल हो सकते हैं। 

अन्य दलों के नाराज नेता आयेंगे बीजेपी 

भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि हमारे पास इस समय तक कांग्रेस, सपा, बसपा से दो दर्जन से अधिक पूर्व सांसद, विधायकों, पूर्व विधायकों तक से आवेदन आ रहे हैं। उनका दावा है कि वे अपनी सीट पर सबसे अधिक योग्य और चुनाव जीतने में सक्षम उम्मीदवार है। यह चुनाव हमारे लिए करो या मरो वाली स्थिति से जुड़ा है, ऐसे में हम भी चुनाव जीतने का दम रखने वाले नेताओं को सिरे से खारिज नहीं कर सकते हैं।

यही वजह है कि हमनें इन नेताओं का मूल्यांकन शुरू कर दिया है। अगर इन दलों से आने वाले किसी नेता में यह योग्यता है कि वह हमारे मौजूदा उम्मीदवार से अधिक योग्य है या उसके चुनाव जीतने की अधिक संभावना है तो हम बाहर से आए दूसरे दल के नेता को भी टिकट दे सकते हैं। 

सूत्रों के मुताबिक भाजपा की इस रणनीति के पीछे कई कारण हैं। एक, सपा और  बसपा ने आपस मे गठबंधन करते हुए अपने लिए 37—38 सीट का बंटवारा किया है। ऐसे में दोनों दलों में ऐसे नेता होंगे जो शेष सीटों के लिए तैयारी कर रहे होंगे लेकिन गठबंधन की वजह से उन्हें अपने दलों से उन संबंधित सीटों पर टिकट नहीं मिलेगा जो गठबंधन में दूसरे दल को चली गई है। ऐसे में ये असंतुष्ट नेता भाजपा या कांग्रेस से टिकट का प्रयास कर सकते हैं।

पीएम मोदी का चेहरा 

भाजपा के पास संगठन और चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चेहरा होने से उसके पास अधिक असंतुष्टों के आने की संभावना है। इसी तरह से कांग्रेस गठबंधन में अपने लिए 15 सीट मांग रही है। इसमें से दस सीटों का उसने ऐलान भी कर दिया है। इस सूची में कानपुर से श्रीप्रकाश जायसवाल का नाम नहीं है। इसी तरह से कई अन्य बड़े नेताओं की सीट भी सार्वजनिक की गई सूची में नहीं है। जिससे ये नेता भी अपने लिए वैकल्पिक रास्ता देख रहे हैं।

भाजपा को उम्मीद है कि इन तीन दलों से उसके पास कई बड़े चुनाव जीतने में सक्षम नेता आएंगे। जिससे उसकी राह आसन होगी। यही वजह है कि उसने अपने कई मौजूदा सांसदों के कामकाज, सार्वजनिक मान्यता, कार्यकर्ताओं के फीडबैक सहित कई अन्य बिंदुओं पर टिकट काटने का निर्णय किया है। 

इन सीटों पर नहीं है कोई खतरा 

उप्र में भले ही सपा—बसपा गठबंधन से भाजपा की सीट कम होने की संभावना जाहिर की जा रही है लेकिन भाजपा का कहना है कि कम से कम एक दर्जन ऐसी सीट है जहां पर उसे सपा—बसपा गठबंधन से कोई खतरा नहीं है। ये ऐसी सीट हैं जहां पर 1999 से सपा या बसपा कभी नहीं जीती है। इनमें पश्चिम उप्र की बागपत, हाथरस, मथुरा, बरेली, पीलीभीत तो केंद्रीय उप्र की कानपुर और लखनउ सीट शामिल है। इसी तरह से पूर्वी उप्र की अमेठी, रायबरेली, कुशीनगर, वाराणसी में 1999 से अब तक कांग्रेस या भाजपा ही जीतती रही है। ऐसे में वहां पर मुकाबला कांग्रेस और भाजपा में ही होगा। 

Web Title: LOK SABHA ELECTION 2019: BJP WILL GIVE TICKET TO OTHER PARTY LEADERS IN UP