हरियाणा में सारे विपक्षी ढेर, भाजपा ने सभी 10 सीटों पर किया कब्जा, पिता-पुत्र की जोड़ी भूपिंदर-दीपेंद्र हुड्डा हारे
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 24, 2019 03:28 PM2019-05-24T15:28:31+5:302019-05-24T15:28:31+5:30
चुनाव आयोग ने सभी दस सीटों के अंतिम परिणामों की घोषणा कर दी है। रोहतक और फरीदाबाद सीटों के परिणाम शुक्रवार सुबह घोषित किए गए। हरियाणा में भाजपा का यह सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। 1966 में हरियाणा एक अलग राज्य बना था। कांग्रेस को 20 साल के अंतराल के बाद ऐसी करारी हार का सामना करना पड़ा।
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भाजपा को 58.02 प्रतिशत मत मिले, जबकि कांग्रेस को महज 28.42 प्रतिशत ही वोट मिले।
सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने हरियाणा के प्रमुख राजनीतिक परिवारों के गढ़ों को ढहाते हुए सभी 10 सीटों पर जीत दर्ज की है।
चुनाव आयोग ने सभी दस सीटों के अंतिम परिणामों की घोषणा कर दी है। रोहतक और फरीदाबाद सीटों के परिणाम शुक्रवार सुबह घोषित किए गए। हरियाणा में भाजपा का यह सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। 1966 में हरियाणा एक अलग राज्य बना था। कांग्रेस को 20 साल के अंतराल के बाद ऐसी करारी हार का सामना करना पड़ा।
2014 में भाजपा ने आठ सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिसमें से सात पर जीत दर्ज की थी, जबकि इनेलो ने दो और कांग्रेस ने एक सीट जीती थी। राज्य में कांग्रेस को सोनीपत और रोहतक सीट पर दोहरा झटका लगा है यहां पिता-पुत्र की जोड़ी भूपिंदर सिंह हुड्डा और दीपेंद्र सिंह हुड्डा को हार सामना करना पड़ा।
दीपेंद्र पिछली बार रोहतक से जीत दर्ज कर संसद पहुचे थे, लेकिन वह इस बार अपने प्रदर्शन को दोहरा नहीं पाए और भाजपा के अरविंद शर्मा से 7,503 वोटों के अंतर से हार गए। कांग्रेस के पूर्व सांसद शर्मा हाल ही में भाजपा में शामिल हुए थे। सिर्फ रोहतक ही नहीं, भाजपा चौटाला और भजनलाल परिवार के गढ़ों को ध्वस्त करने में भी कामयाब रही।
अपने पांच मौजूदा सांसदों सहित भाजपा के सभी उम्मीदवारों ने भारी अंतर से जीत हासिल की है। भगवा पार्टी ने करनाल से अपने सांसद अश्विनी कुमार चोपड़ा की जगह संजय भाटिया को मैदान में उतारा था और अपने बागी सांसद राज कुमार सैनी की जगह खट्टर सरकार में मंत्री नायब सिंह सैनी को उतारा था।
चुनाव लड़े कुल 223 उम्मीदवारों में 11 महिलाएं शामिल थी, जिनमें से केवल भाजपा की सुनीता दुग्गल ही सिरसा (आरक्षित सीट) से जीत दर्ज करने में सफल रहीं, जहाँ से उन्होंने प्रदेश कांग्रेस प्रमुख अशोक तंवर को 3,09,918 मतों के अंतर से हराया।
पानीपत से भाजपा के स्थानीय नेता और प्रदेश महासचिव संजय भाटिया ने करनाल सीट से अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी और मौजूदा कांग्रेस विधायक कुलदीप शर्मा पर 6,56,142 वोटों के अंतर से भारी जीत दर्ज कर सबको आश्चर्यचकित कर दिया।
केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने कांग्रेस के अवतार सिंह भड़ाना को 6,38,239 मतों के विशाल अंतर से हराकर भारी जीत दर्ज की। एक अन्य केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने कांग्रेस के अजय सिंह यादव के पर 3,86,256 वोटों के अंतर से जीत हासिल कर, गुड़गांव सीट को बरकरार रखा।
कांग्रेस को इस चुनाव में काफी बढ़ा झटका लगा है। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा सोनीपत से भाजपा के मौजूदा सांसद रमेश चंद्र कौशिक से 1,64,864 वोटों से हार गए। कांग्रेस से तीन बार के सांसद दीपेंद्र हुड्डा एकमात्र ऐसे उम्मीदवार थे, जो अंत तक रोहतक सीट से हार-जीत की संभावना में बने रहे, लेकिन अंत में उनकी हार ने कांग्रेस की बची-खुची उम्मीदों पर पानी फेर दिया।
इनेलो, जजपा, आप, बसपा व लोकतांत्रिक सुरक्षा पार्टी जैसे दलों को भी चुनावों में धूल फांकनी पड़ी। देवीलाल के बड़े पोते दुष्यंत चौटाला ने पारिवारिक कलह के बाद इनेलो से अगल होकर जजपा बनायी थी। हिसार से पिछली बार जीतने वाले उनके पोते दुष्यंत चौटाला भाजपा के बृजेंद्र सिंह से हार गए।
नौकरशाह से राजनेता बने बृजेंद्र सिंह केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह के बेटे हैं। जजपा के उम्मीदवार दुष्यंत के भाई दिग्विजय चौटाला सोनीपत से हार गए, जबकि वरिष्ठ इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला के बेटे अर्जुन चौटाला कुरुक्षेत्र से हार गए।
2014 के लोकसभा चुनावों की तुलना में भाजपा ने शानदार प्रदर्शन करते हुये अपने वोट शेयर में भी वृद्धि की। घोषित परिणामों के अनुसार, भाजपा को 58.02 प्रतिशत मत मिले, जबकि कांग्रेस को महज 28.42 प्रतिशत ही वोट मिले। इनेलो का वोट शेयर गिरकर सिर्फ 1.89 प्रतिशत रह गया।