लोकसभा चुनाव 2019: बीजेपी लगायेगी 'मास्टर स्ट्रोक'!, 70 सांसदों पर लटकी मोदी-शाह की तलवार
By हरीश गुप्ता | Published: March 7, 2019 08:51 AM2019-03-07T08:51:56+5:302019-03-07T08:51:56+5:30
मौजूदा मंत्री उमा भारती, सुषमा स्वराज समेत कई मंत्री चुनावी दौड़ से बाहर हैं जबकि कुछ अपने निर्वाचन क्षेत्र में बदलाव चाहते हैं।
16वीं लोकसभा में बीजेपी के 268 मौजूद सांसदों में से कम से कम 70 सांसदों के सिर पर अनिश्चितता की तलवार लटक रही है। जिला, राज्य और केंद्रीय स्तरों पर त्रिस्तरीय गहन जांच और निर्वाचन क्षेत्र-वार दो आंतरिक सर्वेक्षणों ने इन्हें दौड़ से हटा दिया है। इन सांसदों की घबराहट का कारण यह है कि उनकी रेटिंग 20 फीसदी से नीचे आंकी गई है। उदाहरण के लिए दिल्ली के सात में दो सांसदों का काम खराब पाया गया।
इसी तरह हरियाणा में सात में से कम से कम तीन सांसदों का भविष्य अंधकारमय माना जा रहा है। आंतरिक मूल्यांकन और जमीनी सर्वे के आधार पर मिली रिपोर्ट से पता चला है कि कम से कम 100 सांसद प्रधानमंत्री की विभिन्न योजनाओं को लोकप्रिय बनाने और इनको व्यापक पैमाने पर अमल में लाने के लिए कदम उठाने में विफल रहे हैं। आरएसएस अपने नेटवर्क से सांसदों के मूल्यांकन में बड़ी भूमिका निभा रहा है।
नमो एप्प पर मिली प्रतिक्रिया भी बीजेपी नेतृत्व के साथ साझा की जा रही है ताकि उन्हे निर्णय लेने में मदद मिले। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता जो इस प्रक्रिया के हिस्सा हैं, ने कहा कि सभी इकाइयों की कम से कम दो दौर की राज्य स्तरीय बैठक हो चुकी है और नामों का पैनल पार्टी के संसदीय बोर्ड को भेजा जा रहा है।
उत्तर प्रदेश चुनाव समिति जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा कर रहे हैं, दो दौर की बैठक कर चुके हैं। सभी राज्य इकाइयों को प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र के लिए कम से कम दो-तीन नामों का पैनल भेजने को कहा गया है। संसदीय बोर्ड अगले हफ्तेकी शुरुआत में चुनाव आयोग द्वारा 8 मार्च को चुनाव की अधिघोषणा जारी करने दिल्ली में बैठक करेगा।
उमा भारती और सुषमा स्वराज दौड़ से पहले ही हैं बाहर
मौजूदा मंत्री उमा भारती, सुषमा स्वराज समेत कई मंत्री चुनावी दौड़ से बाहर हैं जबकि कुछ अपने निर्वाचन क्षेत्र में बदलाव चाहते हैं। उदाहरण के लिए केंद्रीय महिला और बाल कल्याण मंत्री मेनका गांधी पीलीभीत के बदले करनाल से चुनाव लड़ना चाहती हैं। ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर अपने पुराने निर्वाचन क्षेत्र के स्थान पर मध्य प्रदेश के मुरैना से चुनाव लड़ना चाहते हैं।
वहीं, केंद्रीय मंत्री राधामोहन सिंह बिहार में अपनी लोकसभा सीट छोड़कर वफादार सैनिक के रूप में पार्टी के लिए काम करना चाहते हैं। चौहान के अलावा रमन सिंह (छत्तीसगढ़ः भी चुनाव लड़ सकते हैं। राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे चुनाव नहीं लड़ेंगी, बल्कि चुनाव अभियान का नेतृत्व करेंगी। गुजरात, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश और अन्य राज्यों के सांसद काफी तादाद में बदले जाएंगे।