Lok Sabha Deputy Speaker Election: अध्यक्ष के बाद उपाध्यक्ष पर एनडीए की नजर, अठारहवीं लोकसभा में उपाध्यक्ष का पद खाली नहीं रहेगा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: June 27, 2024 21:53 IST2024-06-27T21:52:20+5:302024-06-27T21:53:33+5:30
Lok Sabha Deputy Speaker Election: विपक्ष ने लोकसभा अध्यक्ष पद के उम्मीदवार का समर्थन करने के लिए उपाध्यक्ष पद देने की शर्त रखी।

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Lok Sabha Deputy Speaker Election: अठारहवीं लोकसभा में उपाध्यक्ष का पद खाली नहीं रहेगा। सूत्रों ने बृहस्पतिवार को इसके संकेत दिए। सूत्रों के मुताबिक, सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) लोकसभा में किसी नेता को उपाध्यक्ष का पद देने लिए तैयार है लेकिन इस मामले में वह फैसला तत्काल नहीं, बल्कि बाद में लिए जाने के पक्ष में है। सूत्रों ने कहा कि राजग ने इस पद पर विपक्ष के दावे को खारिज नहीं किया है, हालांकि उसकी आपत्ति इस बात पर है कि विपक्ष ने लोकसभा अध्यक्ष पद के उम्मीदवार का समर्थन करने के लिए उपाध्यक्ष पद देने की शर्त रखी।
पिछली लोकसभा के दौरान कोई उपाध्यक्ष नहीं था। उल्लेखनीय है कि अध्यक्ष पद पर ओम बिरला के नाम पर आम सहमति नहीं बन सकी थी। आम सहमति बनाने का सरकार का प्रयास विफल हो गया था क्योंकि विपक्षी 'इंडिया' गठबंधन ने परंपरा का हवाला देते हुए उपाध्यक्ष पद पर अपना दावा पेश किया था।
राजग सूत्रों ने कहा कि उपाध्यक्ष के चुनाव के दौरान विपक्ष की मांग पर विचार किया जा सकता है लेकिन उसमें कोई पूर्व शर्त नहीं थोपी जानी चाहिए। विपक्ष ने लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के. सुरेश को अपना उम्मीदवार बनाया था। हालांकि बिरला ध्वनि मत से इस पद पर निर्वाचित हुए।
अतीत में ऐसे कई मौके आए हैं जब विभिन्न सरकारों ने विपक्ष को उपाध्यक्ष के रूप में अपना उम्मीदवार उतारने की अनुमति दी। लेकिन भाजपा का कहना है कि यह हमेशा नहीं हुआ है। कांग्रेस का दावा है कि वह इस बार प्रमुख विपक्षी पार्टी है, इसलिए उसे यह पद मिलना चाहिए। पिछली दो लोकसभा के दौरान कांग्रेस को प्रमुख विपक्षी दल का दर्जा भी हासिल नहीं था।